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Dussehra 2025 Puja Timings: Auspicious Muhurat Revealed

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दशहरा 2025: शुभ मुहूर्त का हुआ ऐलान, जानें पूजा का सही समय!

विजयदशमी पर माँ दुर्गा और भगवान राम की पूजा का शुभ मुहूर्त यहाँ है:

भारत में दशहरा का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन, भगवान राम ने रावण का वध किया था और देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। दशहरा हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है और इसे पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

जैसे ही दशहरा 2025 नजदीक आ रहा है, लोग विजयदशमी पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि दशहरा पूजा 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है, तो यह लेख आपके लिए ही है।

दशहरा 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त:

वर्ष 2025 में, दशहरा [यहां तिथि डालें, उदाहरण के लिए: 3 अक्टूबर, शुक्रवार] को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, विजयदशमी का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:

कृपया ध्यान दें: ऊपर दिए गए मुहूर्त सामान्य गणना पर आधारित हैं। सटीक मुहूर्त के लिए, आपको हमेशा अपने स्थानीय पंडित या पंचांग से सलाह लेनी चाहिए। विभिन्न क्षेत्रों और परंपराओं के अनुसार मुहूर्त में थोड़ा अंतर हो सकता है।

दशहरा पूजा विधि:

दशहरा पर माँ दुर्गा, भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान जी की पूजा की जाती है। इस दिन शस्त्रों और औजारों की भी पूजा करने का विधान है क्योंकि यह शक्ति और विजय का प्रतीक है। यहाँ दशहरा पूजा की संक्षिप्त विधि दी गई है:

  1. शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल को साफ करें और सजाएं।
  2. माँ दुर्गा, भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान जी और शस्त्रों की प्रतिमाएं स्थापित करें।
  3. दीपक और धूप जलाएं।
  4. देवी-देवताओं को रोली, चंदन, कुमकुम, अक्षत, और फूल अर्पित करें।
  5. फल, मिठाई और विशेष व्यंजन (जैसे पूरी, हलवा, खीर) का भोग लगाएं।
  6. दशहरा कथा और आरती करें।
  7. अपने शस्त्रों या औजारों की पूजा करें।
  8. विजय मुहूर्त में शमी वृक्ष की पूजा करें और उसकी पत्तियां (सोने की पत्ती के रूप में) बड़ों को देकर आशीर्वाद लें।
  9. शाम को रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन करें।

दशहरा का महत्व:

दशहरा केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। यह हमें सिखाता है कि सत्य और धर्म हमेशा विजयी होते हैं। इस दिन, लोग नए काम शुरू करते हैं और शुभ कार्य करते हैं क्योंकि इसे विजय का दिन माना जाता है।

निष्कर्ष:

दशहरा 2025 एक महत्वपूर्ण त्योहार है और शुभ मुहूर्त में पूजा करना फलदायी माना जाता है। ऊपर दिए गए मुहूर्त के अनुसार अपनी पूजा की योजना बनाएं और इस त्योहार को अपने परिवार और दोस्तों के साथ उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाएं।

आपको और आपके परिवार को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं!

यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। सटीक जानकारी के लिए कृपया अपने स्थानीय पंडित या पंचांग से सलाह लें।

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