क्या आप लोग आने वाली महत्वपूर्ण संक्रांति के बारे में जानना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य देव अपनी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस विशेष दिन को संक्रांति कहा जाता है।
- पूरे वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं, जो प्रत्येक महीने में एक बार आती हैं।
- इनमें से कुछ संक्रांतियों का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व होता है।
- 12 संक्रांति में से मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti का इंतजार हर किसी को रहता है क्योंकि यह हमारे सितारों को अच्छी दिशा की तरफ प्रभावित करता है।
मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti का महत्व
- मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti को गर्मी से वर्षा ऋतु की ओर बढ़ते मौसम का संकेत माना जाता है।
- यह संक्रांति ज्येष्ठ मास की समाप्ति और आषाढ़ मास की शुरुआत का सूचक होती है।
- इस समय से वर्षा ऋतु की शुरुआत मानी जाती है, जिससे कृषि, जलवायु और धार्मिक अनुष्ठानों पर भी असर पड़ता है।
- सूर्य देव जी के मिथुन राशि में प्रवेश करने के साथ ही ऊर्जा में एक विशेष परिवर्तन महसूस किया जाता है।
- यह समय दान, स्नान, और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
- कई लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, गरीबों को अन्न, वस्त्र, और तांबे के बर्तन दान करने की परंपरा निभाते हैं।
- इससे जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है और पापों का नाश माना जाता है।
मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti 2025 की तिथि
पंचांग के अनुसार इस वर्ष 15 जून 2025 को सूर्य देव वृषभ राशि को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी दिन मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti का आरंभ होगा। यह संक्रांति काल सुबह से ही प्रभावी रहेगा और पूरे दिन पुण्यकाल रहेगा।
पुराणों में वर्णित है कि संक्रांति के दिन सूर्य जी की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। विशेषकर गाय, ब्राह्मण और जरूरतमंदों को दान देने से व्यक्ति के पापों का क्षय होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। जैसे बाकी सभी संक्रांति हिंदू धर्म में शुभ मानी जाती है उसी प्रकार मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti में हिंदू धर्म में काफी ज्यादा शुभ मानी जाती है।
निष्कर्ष
दोस्तों इस साल 2025 में मिथुन संक्रांति की शुरुआत बस कुछ ही दिनों में होने वाली है। इसकी शुरुआत होने से फायदा यह होने वाला है की अगर आप इस समय में पूजा पाठ अच्छे से करते हैं तो हो सकता है आपके ऊपर से संकट काफी हद तक कम हो जाए और आप आगे बढ़ पाए।
