महाशिवरात्रि की रात्रि को चार प्रहर (चार पहर) में विभाजित किया जाता है, और प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। यह पूजा रात भर चलती है और इसे “चार प्रहर की पूजा” कहा जाता है। प्रत्येक प्रहर लगभग 3 घंटे का होता है। महाशिवरात्रि की चार प्रहर पूजा का समय और उसका महत्व निम्नलिखित है:
1. पहला प्रहर
- समय: सूर्यास्त के बाद से रात्रि के पहले 3 घंटे तक।
- महत्व: इस प्रहर में शिवलिंग का दूध और जल से अभिषेक किया जाता है।
- पूजा विधि: शिवलिंग को स्नान कराकर बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाएं। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- प्रसाद: दूध, शहद और घी से बना पंचामृत अर्पित करें।
2. दूसरा प्रहर
- समय: पहले प्रहर के बाद अगले 3 घंटे तक।
- महत्व: इस प्रहर में शिवलिंग का दही और शहद से अभिषेक किया जाता है।
- पूजा विधि: शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और धूप-दीप जलाएं। शिव मंत्रों का जाप करें।
- प्रसाद: फल और मेवे अर्पित करें।
3. तीसरा प्रहर
- समय: दूसरे प्रहर के बाद अगले 3 घंटे तक।
- महत्व: इस प्रहर में शिवलिंग का घी और शक्कर से अभिषेक किया जाता है।
- पूजा विधि: शिवलिंग पर भांग और आक के फूल चढ़ाएं। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
- प्रसाद: खीर या मिठाई अर्पित करें।
4. चौथा प्रहर
- समय: तीसरे प्रहर के बाद सुबह तक।
- महत्व: इस प्रहर में शिवलिंग का गंगाजल और केसर से अभिषेक किया जाता है।
- पूजा विधि: शिवलिंग पर सफेद फूल और बिल्वपत्र चढ़ाएं। “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें।
- प्रसाद: तिल और गुड़ से बने प्रसाद अर्पित करें।
चार प्रहर पूजा का महत्व
महाशिवरात्रि की चार प्रहर पूजा का विशेष महत्व है। यह पूजा भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने में मदद करती है। प्रत्येक प्रहर में अलग-अलग सामग्री से शिवलिंग का अभिषेक करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि की चार प्रहर पूजा भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और फलदायी होती है। प्रत्येक प्रहर में शिवलिंग का अभिषेक और पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस पूजा का समय और विधि सही ढंग से जानकर आप भी महाशिवरात्रि के पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इस लेख के माध्यम से हमने महाशिवरात्रि की चार प्रहर पूजा के समय और उसके महत्व के बारे में जाना। इन नियमों का पालन करके आप भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।