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Rare Celestial Show: Mars to Transit the Sun – How to Watch (Focuses on the event and viewing)

दुर्लभ खगोलीय दृश्य: मंगल का सूर्य पारगमन – कैसे देखें

नई दिल्ली: आसमान में होने वाली खगोलीय घटनाएं हमेशा से ही मानव जाति को आश्चर्यचकित करती रही हैं। इनमें से कुछ घटनाएं इतनी दुर्लभ होती हैं कि उन्हें जीवनकाल में देखने का मौका शायद एक ही बार मिले। ऐसी ही एक दुर्लभ और अद्भुत घटना है मंगल का सूर्य पारगमन, जब लाल ग्रह मंगल ग्रह पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, और सूर्य की डिस्क पर एक छोटी सी काली बिंदी के रूप में दिखाई देता है।

हालांकि यह घटना वर्तमान में घटित नहीं हो रही है, और सच कहें तो, मंगल का सूर्य पारगमन एक बेहद दुर्लभ घटना है जो हमारे जीवनकाल में होने की संभावना बहुत कम है। पिछला मंगल पारगमन 13 मई, 1832 को हुआ था, और अगला 207 साल बाद, 11 मई, 2239 को होने की उम्मीद है! इसलिए, सीधे शब्दों में कहें तो, यह घटना अभी नहीं होने वाली है और हमारे जीने के समय में होने की संभावना नहीं है।

फिर भी, खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों और जिज्ञासु मन वालों के लिए, यह समझना और जानना महत्वपूर्ण है कि यह घटना क्या है और इसे कैसे देखा जाता है (यदि यह भविष्य में कभी हो)। भले ही हम इसे प्रत्यक्ष रूप से न देख पाएं, इस दुर्लभ खगोलीय तमाशे के बारे में जानना अपने आप में रोमांचक है।

सूर्य पारगमन क्या है?

सूर्य पारगमन, जिसे पारगमन भी कहा जाता है, तब होता है जब एक ग्रह सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। पृथ्वी से देखने पर, ग्रह सूर्य की चमकदार डिस्क के ऊपर एक छोटी सी काली छाया के रूप में चलता हुआ दिखाई देता है। यह घटना केवल हमारे सौर मंडल के आंतरिक ग्रहों, यानी बुध और शुक्र, के साथ ही संभव है। मंगल ग्रह, हालाँकि पृथ्वी के सापेक्ष आंतरिक ग्रह है, लेकिन इसकी कक्षा और पृथ्वी की कक्षा के बीच के कोण के कारण इसका सूर्य पारगमन बेहद दुर्लभ होता है।

मंगल का सूर्य पारगमन इतना दुर्लभ क्यों है?

मंगल का सूर्य पारगमन बुध और शुक्र के पारगमनों की तुलना में बहुत दुर्लभ है। इसके कई कारण हैं:

  • कक्षाओं का झुकाव: मंगल ग्रह की कक्षा पृथ्वी की कक्षा के सापेक्ष लगभग 1.85 डिग्री झुकी हुई है। यह झुकाव सुनिश्चित करता है कि ज़्यादातर समय मंगल ग्रह पृथ्वी और सूर्य के बीच से नहीं गुजरता, बल्कि सूर्य के ऊपर या नीचे से गुजर जाता है।
  • कक्षीय गति: मंगल ग्रह बुध और शुक्र की तुलना में सूर्य की परिक्रमा धीमी गति से करता है। इसका मतलब है कि पारगमन के लिए उचित संरेखण होने की संभावना कम होती है।
  • दूरी: जब मंगल ग्रह पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, तब भी वह पृथ्वी से बुध या शुक्र की तुलना में कहीं अधिक दूर होता है। इससे पारगमन की संभावना और कम हो जाती है।

यदि भविष्य में मंगल पारगमन होता, तो इसे कैसे देखें?

हालांकि मंगल का अगला पारगमन सदियों दूर है, यदि भविष्य में ऐसी कोई घटना होती है, तो उसे देखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

सुरक्षा सबसे पहले: कभी भी सीधे सूर्य की ओर न देखें, चाहे नंगी आंखों से हों या दूरबीन या टेलिस्कोप से। सूर्य की सीधी रोशनी आपकी आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है और अंधापन भी हो सकता है। सूर्य पारगमन देखने के लिए हमेशा सुरक्षित देखने के तरीकों का उपयोग करें।

सुरक्षित देखने के तरीके:

  • सौर फिल्टर: विशेष रूप से सूर्य को देखने के लिए डिज़ाइन किए गए सौर फिल्टर का उपयोग करें। ये फिल्टर हानिकारक पराबैंगनी और अवरक्त विकिरण को रोकते हैं, जिससे आप सुरक्षित रूप से सूर्य को देख सकते हैं। सौर फिल्टर दूरबीन या टेलिस्कोप के लेंस पर लगाए जा सकते हैं।
  • पिनहोल प्रोजेक्शन: एक सरल और सुरक्षित तरीका है सूर्य को अप्रत्यक्ष रूप से देखना। एक कार्डबोर्ड के टुकड़े में एक छोटा सा छेद करें। सूर्य की रोशनी को छेद से दूसरे कार्डबोर्ड पर प्रोजेक्ट करें। आप दूसरे कार्डबोर्ड पर सूर्य की छवि देखेंगे, और यदि पारगमन हो रहा है, तो मंगल ग्रह एक छोटी सी काली बिंदी के रूप में दिखाई देगा।
  • दूरबीन या टेलिस्कोप प्रोजेक्शन: आप दूरबीन या टेलिस्कोप का उपयोग करके सूर्य की छवि को एक सफेद स्क्रीन या कागज पर प्रोजेक्ट कर सकते हैं। याद रखें, कभी भी दूरबीन या टेलिस्कोप को सौर फिल्टर के बिना सीधे सूर्य की ओर न करें। यह उपकरण को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

उपकरण:

  • दूरबीन या टेलिस्कोप (वैकल्पिक, लेकिन बेहतर दृश्य के लिए): हालांकि नंगी आंखों से पिनहोल प्रोजेक्शन के माध्यम से पारगमन देखा जा सकता है, दूरबीन या टेलिस्कोप का उपयोग सौर फिल्टर के साथ करने से आपको मंगल ग्रह का बेहतर और बड़ा दृश्य मिलेगा।
  • सौर फिल्टर (आवश्यक): किसी भी प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए।
  • प्रोजेक्शन सामग्री (आवश्यक): पिनहोल या टेलिस्कोप प्रोजेक्शन के लिए कार्डबोर्ड, कागज, या स्क्रीन।

निष्कर्ष:

मंगल का सूर्य पारगमन निसंदेह एक दुर्लभ और आकर्षक खगोलीय घटना है। भले ही यह हमारे जीवनकाल में नहीं होने वाला है, इसके बारे में जानना और समझना खगोल विज्ञान की विशालता और हमारे ब्रह्मांड की जटिलता को समझने में मदद करता है। यह घटना हमें सिखाती है कि ब्रह्मांड में कितनी अद्भुत और अप्रत्याशित चीजें हो सकती हैं, और हमारी जिज्ञासा को हमेशा जीवित रखना महत्वपूर्ण है, यहां तक कि उन दुर्लभ घटनाओं के लिए भी जिन्हें हम शायद कभी न देख पाएं।

खगोल विज्ञान एक रोमांचक क्षेत्र है जो लगातार नई खोजों और आश्चर्यों से भरा हुआ है। भले ही मंगल का पारगमन दूर भविष्य की बात है, आसमान में और भी बहुत सी खगोलीय घटनाएं हैं जिन्हें हम देख सकते हैं और जिनके बारे में जान सकते हैं। सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, उल्का वर्षा, और ग्रहों की चमकती चालें, ये सभी हमें ब्रह्मांड के उस विशाल रंगमंच का हिस्सा होने का एहसास कराती हैं जिसमें हम सब पात्र हैं।

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