Spiritual
षटतिला एकादशी पर भूलकर भी न करें चीजों का दान
षटतिला एकादशी का व्रत और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ तिल और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना पुण्यकारी माना जाता है। लेकिन धर्मशास्त्रों के अनुसार, कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका दान इस पवित्र दिन पर अशुभ फल दे सकता है। इन वस्तुओं का दान करने से व्रत का फल नष्ट हो सकता है और अनजाने में पाप का भागी बनना पड़ सकता है। आइए जानते हैं षटतिला एकादशी पर किन चीजों का दान करने से बचना चाहिए।
1. पुराने और फटे कपड़े
षटतिला एकादशी पर पुराने या फटे कपड़ों का दान करना वर्जित माना गया है।
- धर्मशास्त्रों के अनुसार, इस दिन दान की गई वस्तु नई और उपयोगी होनी चाहिए।
- फटे या पुराने कपड़े दान करने से नकारात्मक ऊर्जा फैलती है और पुण्य की जगह दोष लगता है।
- इस दिन जरूरतमंदों को नए या साफ-सुथरे कपड़ों का दान करें।
2. खराब या सड़ा हुआ भोजन
इस दिन खराब, बासी, या सड़ा-गला भोजन दान करना अशुभ माना जाता है।
- ताजा और शुद्ध भोजन का दान ही पुण्यकारी होता है।
- यदि खराब भोजन का दान किया जाता है, तो यह व्रत के फल को निष्फल कर सकता है।
- इस दिन तिल और गुड़ से बने ताजे प्रसाद का दान करना उत्तम होता है।
3. मांसाहारी भोजन और मद्यपान से जुड़ी वस्तुएं
षटतिला एकादशी के दिन मांस, मछली, अंडे या मद्यपान से जुड़ी किसी भी वस्तु का सेवन या दान वर्जित है।
- इस दिन सात्विकता और पवित्रता का पालन करना अनिवार्य होता है।
- मांसाहारी भोजन का दान करने से भगवान विष्णु रुष्ट हो सकते हैं।
- व्रत के दौरान सात्विक भोजन और तिल से बनी चीजों का दान करें।
4. लोहे और चमड़े से बनी चीजें
लोहे और चमड़े से बनी वस्तुओं का दान इस दिन अशुभ माना गया है।
- लोहे की वस्तुएं जैसे चाकू, कैंची, या चमड़े के जूते-चप्पल दान करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- इन वस्तुओं का दान करने से जीवन में कष्ट और बाधाएं बढ़ सकती हैं।
- इसके बजाय मिट्टी, तांबे या पीतल के पात्र का दान करना शुभ होता है।
5. अशुद्ध और अपवित्र वस्तुएं
षटतिला एकादशी पर अपवित्र वस्तुओं का दान वर्जित है।
- उपयोग में आई हुई या अपवित्र वस्तु जैसे बिना धोए बर्तन, गंदे कपड़े, या गंदगी से जुड़ी कोई वस्तु दान करना पाप का कारण बन सकता है।
- दान की गई वस्तु का पवित्र और साफ होना आवश्यक है।
दान करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- दान हमेशा विनम्रता और श्रद्धा के साथ करें।
- दान की वस्तु उपयोगी और पवित्र होनी चाहिए।
- दान के समय ईश्वर का स्मरण करें और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें।
- किसी वस्तु का दान करने से पहले उसे शुद्ध करें।
निष्कर्ष:
षटतिला एकादशी पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है, लेकिन दान करते समय सतर्कता भी आवश्यक है। कुछ वस्तुओं का दान वर्जित होने के कारण हमें इनसे बचना चाहिए। गलत वस्तु का दान न केवल व्रत के फल को नष्ट कर सकता है, बल्कि इसके विपरीत पाप का कारण भी बन सकता है। इस शुभ दिन पर सही और शुद्ध वस्तुओं का दान करें और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें।