बुद्ध पूर्णिमा के दिन, क्या कुछ करना चाहिए

What should be done on Buddha Purnima

गौतम बुद्ध जी का जन्मदिन कब मनाया जाता है? नमस्कार दोस्तों, वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ गौतम बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जाता है। 

  • आपको बताना चाहते हैं की इस दिन भगवान गौतम बुद्ध जी का जन्म हुआ था। 
  • यह दिन पौराणिक कथाओं के हिसाब से बहुत ज्यादा अच्छा दिन माना जाता है क्योंकि भगवान गौतम बुद्ध जी का जीवन ज्ञान से भरा हुआ था। 

गौतम बुद्ध है भगवान विष्णु जी का अवतार 

  • धार्मिक कथाओं के हिसाब से गौतम बुद्ध जी को भगवान विष्णु का नवां अवतार माना गया है। 
  • क्योंकि जीवन में गलत ज्ञान बहुत ज्यादा बढ़ गया था और उसका अंत करने के लिए गौतम बुद्ध जी ने जन्म लिया। 
  • यह पर्व न केवल भारत में, बल्कि श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया, नेपाल जैसे देशों में भी बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
  • साल 2025 में बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima का पर्व 12 मई को मनाया जाएगा।
  • इस दिन देश-विदेश के बौद्ध मठों और विहारों में विशेष आयोजन होते हैं। 
  • भिक्षु और अनुयायी भगवान बुद्ध के उपदेशों का पाठ करते हैं, ध्यान करते हैं और मानवता, करुणा व अहिंसा का संदेश फैलाते हैं।

पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है 

बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima के दिन कुछ पवित्र स्थल जैसे की बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर में गौतम बुद्ध जी की पूजा अर्चना की जाती है और इस दिन लोगों में दान किया जाता है। 

बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima का त्योहार बिहार में भी बहुत अच्छे से मनाया जाता है। इस दिन बिहार में बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है की इस वृक्ष के अंदर कहीं ना कहीं गौतम बुद्ध जी की परछाई है। पूजा करने के बाद पांच या फिर सात ब्राह्मणों को मीठे तिल का दान करना बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपको जीवन में एक नई ऊर्जा की प्राप्ति होती है। 

निष्कर्ष

यहां पर आपको बताया गया है की भगवान बुद्ध जी का बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima त्योहार किस दिन मनाया जाएगा। इसके अलावा इस दिन हमें क्या कुछ करना चाहिए इसके बारे में भी आपको विस्तार में समझाया गया है। उनके द्वारा दिया गया अष्टांगिक मार्ग आज भी दुनियाभर के लोगों के लिए एक मार्गदर्शक बना हुआ है। इस बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima पर आइए हम सभी उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और एक शांतिपूर्ण, सहिष्णु और दयालु समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।

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