शुक्र प्रदोष व्रत Shukra Pradosh Vrat की तारीख क्या है? नमस्कार दोस्तों, आज हम एक बहुत ही विशेष व्रत के बारे में बात करने वाले हैं जिसकी जानकारी हमें अभी-अभी पता चली है।
- हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है।
- यह व्रत हर महीने दो बार त्रयोदशी तिथि को आता है, लेकिन जब यह तिथि शुक्रवार को आती है, तो इसे शुक्र प्रदोष के नाम से पूजा जाता है।
- जानकारी के लिए बताना चाहते हैं की पहला व्रत 2025 में कल के शुभ दिन पर मनाया जाएगा।
महत्वपूर्ण व्रत से मिलने वाला विशेष लाभ क्या है
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को इसलिए रखा जाता है ताकि घर में सब लोग खुश रहे। इसके अलावा घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करने पर भगवान शिव के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।
- चूंकि शुक्रवार मां लक्ष्मी का दिन होता है, इसलिए इस दिन का व्रत विशेष फलदायी माना गया है और आप कभी परेशान नहीं रहते हैं।
- बड़े बुजुर्गों के अनुसार जो व्यक्ति इस व्रत को नियमपूर्वक करता है, उसे उत्तम स्वास्थ्य, सफलता और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
- ऐसे व्यक्ति के घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती है और जीवन में नए-नए रास्ते देखने को मिलते हैं और यही सबसे बड़ा फायदा है।
शुक्र प्रदोष का सही समय क्या है और किस मंत्र का जाप करें
शुक्र प्रदोष का सही समय शाम 7:00 बजे से रात के 9:00 बजे का बताया जा रहा। इस समय के बीच में शिव का विधिवत पूजन, जलाभिषेक, दीप प्रज्वलन और मंत्रोच्चारण किया जाना चाहिए। साथ ही “ॐ नमः शिवाय” का जाप करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
लंबे समय बाद ऐसा समय देखने को मिल रहा है जिसमें भगवान शिव और मां लक्ष्मी की पूजा करने से काफी ज्यादा लाभ मिल सकता है। भगवान शिव को जीवन के दुख खत्म करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा मां लक्ष्मी को घर में लक्ष्मी आने के लिए जाना जाता है। इसीलिए शुभ दिन पर इनकी पूजा जरूर करें।
निष्कर्ष
ऊपर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी में आपको बताया गया है की शुक्र प्रदोष व्रत Shukra Pradosh Vrat कौन से दिन है और इसका शुभ समय क्या है इसके बारे में भी आपको बताया गया है। इस दिन को मां लक्ष्मी के लिए भी जाना जाता है।