Home Blog

बिस्तर के नीचे, इन चीजों को रखने से बचना चाहिए

क्या आप लोग घर के बिस्तर Bed के नीचे यह सब सामान रखते हैं? नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं की वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर Bed के नीचे क्या-क्या चीजें नहीं रखनी चाहिए। 

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे घर का वातावरण और उसमें रखी वस्तुओं की दिशा व स्थान हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। 
  • खासतौर पर बिस्तर Bed, जहां हम दिनभर की थकान मिटाकर आराम करते हैं, उसका वास्तु अनुसार सही होना बहुत जरूरी है। 
  • लेकिन बहुत से लोग अनजाने में बिस्तर Bed के नीचे कुछ ऐसी चीजें रख देते हैं, जो वास्तु दोष का कारण बन जाती हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर Bed के नीचे क्या कुछ नहीं रखना चाहिए

  • जूता-चप्पल:- वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर Bed के नीचे कभी भी जूता या चप्पल नहीं रखना चाहिए। 
  • ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और व्यक्ति मानसिक तनाव महसूस करता है। 
  • इसके साथ ही माना जाता है की इससे आर्थिक संकट भी आने लगता है और घर में दरिद्रता का वास होता है।
  • लोहे का भारी सामान:- कई बार लोग जगह की कमी के कारण बिस्तर Bed के नीचे पुराने लोहे के बक्से या अन्य भारी सामान रख देते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार बिस्तर Bed के नीचे लोहे का भारी सामान रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है और घर में अशांति बनी रहती है। इससे पारिवारिक रिश्तों में खटास आ सकती है।
  • पानी की बोतल या बाल्टी:- बिस्तर Bed के नीचे या उसके पास पानी से भरी बोतल या बाल्टी रखना भी वास्तु दोष उत्पन्न करता है। पानी को एक संवेदनशील तत्व माना गया है और यह यदि गलत स्थान पर रखा जाए तो मानसिक बेचैनी, तनाव और नींद से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

आपको बताना चाहते हैं की घर में बिस्तर Bed के नीचे इन सब चीजों को नहीं रखने के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की आपके बिस्तर Bed के नीचे साफ सफाई अच्छे से होती है की नहीं। ऐसा करना भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर Bed के नीचे की जगह को खाली और साफ रखना चाहिए। वहां अनावश्यक या गलत वस्तुएं रखने से जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें, तो आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रह सकती है। इसलिए हमेशा बिस्तर Bed के नीचे साफ-सफाई रखें और उपयुक्त वस्तुएं ही वहां रखें, धन्यवाद।

घर में है परेशानी, तो हो सकता है भूमि दोष

क्या आपके घर में भी परेशानी बनी रहती है? नमस्कार दोस्तों, वास्तु शास्त्र में भूमि का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। 

  • यह केवल एक जगह नहीं होती जहां हम मकान बनाते हैं, बल्कि यह हमारी खुशहाली, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति को भविष्य में जाकर कमजोरी बन सकता है। 
  • अगर भूमि में किसी भी प्रकार का दोष देखने को मिलता है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं। 
  • यह जानकारी आपकी मदद करने वाली है। 

नकारात्मक ऊर्जा का कारण

  • भूमि दोष Bhoomi Dosh के कारण परिवार में बार-बार कलह, मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी, बीमारी और करियर में रुकावट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 
  • कई बार लोग समझ नहीं पाते की बार-बार मेहनत करने के बाद भी सफलता क्यों नहीं मिल रही है, या घर में हमेशा नकारात्मक ऊर्जा क्यों बनी रहती है। 
  • इसका एक बड़ा कारण भूमि दोष Bhoomi Dosh हो सकता है और यह भविष्य में जाकर आपके जीवन को प्रभावित कर सकता है।
  • यदि आपके घर में बार-बार झगड़े होते हैं, बीमारियाँ बनी रहती हैं, व्यापार में घाटा हो रहा है या नौकरी में रुकावटें आ रही हैं, तो ये सभी संकेत भूमि दोष Bhoomi Dosh के हो सकते हैं। 
  • इसके अलावा अगर आपके प्लॉट की जमीन पूरी तरह से बंजर है जबकि आसपास की जमीन हरियाली से भरी है, तो यह भी भूमि दोष Bhoomi Dosh का इशारा करता है।

भूमि दोष Bhoomi Dosh का समाधान क्या है

  • भूमि पूजन और शुद्धिकरण:- मकान बनाने से पहले भूमि का पूजन और शुद्धिकरण करवाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
  • वास्तु परीक्षण:- किसी योग्य वास्तु विशेषज्ञ से भूमि का परीक्षण करवाएं ताकि आप सही दिशा और ऊर्जा का चुनाव कर सकें।
  • पौधे लगाएं:- बंजर भूमि पर तुलसी, नीम या पीपल जैसे पौधे लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
  • गौ सेवा:- गाय की सेवा और गौमूत्र से भूमि की शुद्धि करना भी एक प्राचीन और प्रभावशाली उपाय है।

आपको बताना चाहते हैं की आप जिस भूमि पर रहते हैं अगर वहां पर किसी भी प्रकार का भूमि दोष Bhoomi Dosh देखने को मिलता है तो फिर उसका इलाज तुरंत करना चाहिए। ऐसा करने से आपको बहुत सारे फायदे मिलते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों यदि आप अपने घर में निरंतर समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो एक बार भूमि दोष Bhoomi Dosh की जांच अवश्य करवाएं। वास्तु के अनुसार सही दिशा में उठाए गए कदम आपकी परेशानियों को दूर कर सकते हैं और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि ला सकते हैं।

इस दिन घर में स्थापित करें, तुलसी का पौधा

किस दिन घर में तुलसी के पौधे Tulsi Ka Paudha को स्थापित करना चाहिए? नमस्कार दोस्तों हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे Tulsi Ka Paudha को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। 

  • यह सिर्फ एक पौधा नहीं बल्कि देवी जी का स्वरूप माना जाता है। 
  • इस बड़ी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको बताने वाले हैं की तुलसी का पौधा Tulsi Ka Paudha घर में किस दिन स्थापित करें।

गुरुवार को तुलसी लगाना होता है शुभ

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में तुलसी का पौधा Tulsi Ka Paudha लगाने के लिए सबसे उत्तम दिन गुरुवार होता है। 
  • यह दिन भगवान विष्णु जी को समर्पित है और तुलसी को भी भगवान विष्णु जी की प्रिय मानी जाती है। 
  • इसलिए यदि आप गुरुवार को तुलसी का पौधा Tulsi Ka Paudha अपने घर में लगाते हैं, तो इससे भगवान विष्णु जी की कृपा आपके घर पर बनी रहती है। 
  • इससे घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह में तुलसी का पौधा Tulsi Ka Paudha लगाना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। 
  • इस माह में भगवान विष्णु जी योग निद्रा से जागते हैं और धरती पर धर्म और भक्ति का माहौल बनता है। 
  • कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें तुलसी माता जी का विवाह भगवान शालिग्राम जी जोकि विष्णु जी के स्वरूप थे उनसे होता है। 
  • ऐसे पावन समय में तुलसी को घर में लगाना अत्यंत शुभ फलदायक होता है।
  • तुलसी लगाने के वास्तु शास्त्र के नियम
  • तुलसी का पौधा Tulsi Ka Paudha हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए।
  • रोज सुबह तुलसी को जल अर्पित करें और दीपक जलाएं।
  • तुलसी के आसपास सफाई रखें और कभी भी जूठे हाथों से न छुएं।
  • शाम के समय तुलसी के पास दीप जलाना विशेष लाभदायक होता है। 

आपको बताना चाहते हैं की बहुत से लोग अपने घर में तुलसी का पौधा Tulsi Ka Paudha लगाना चाहते हैं लेकिन उनको सही दिन के बारे में ज्ञान नहीं होता है। इसीलिए आज हम आपके लिए यह जानकारी लेकर आए थे।

निष्कर्ष

दोस्तों अगर आप चाहते हैं की आपके घर में सदैव सुख-शांति बनी रहे और भगवान विष्णु जी की कृपा बनी रहे, तो गुरुवार के दिन और विशेष रूप से कार्तिक माह में तुलसी का पौधा Tulsi Ka Paudha अवश्य लगाएं। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभदायक होता है।

मंदिर में भगवान जी की मूर्ति, रखते टाइम इन बातों का रखें ध्यान

भगवान जी की मूर्तियां Murti मंदिर में रखते टाइम कौन-कौन सी बातों पर ध्यान देना चाहिए? नमस्कार दोस्तों! अगर आप भी अपने घर के मंदिर में भगवान जी की मूर्तियां Murti रखते हैं, तो आज हम आपको कुछ जरूरी और सरल बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका पालन करने से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और पूजा का संपूर्ण लाभ मिलता है।

मंदिर में भगवान जी की मूर्तियां Murti रखते टाइम कौन-कौन सी बात का ध्यान रखना चाहिए

  • ठोस मूर्तियों Murti का चयन करें:- वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में हमेशा भगवान जी की ठोस मूर्तियां Murti ही रखनी चाहिए। 
  • खोखली या हल्की मूर्तियों Murti को शुभ नहीं माना जाता क्योंकि यह ऊर्जा संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं।
  • मूर्तियां Murti फर्श पर न रखें:- भगवान जी की मूर्तियों Murti को सीधे फर्श पर कभी नहीं रखना चाहिए।
  • इन्हें हमेशा लकड़ी या संगमरमर की चौकी, आसन या मंदिर में उचित ऊंचाई पर स्थापित करना चाहिए। 
  • यह सम्मान और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
  • माला और फूलों से करें श्रृंगार:- मंदिर में रखी गई मूर्तियों Murti को ताजगी भरे फूलों और सुंदर माला से सजाना चाहिए। यह न केवल सौंदर्य बढ़ाता है बल्कि भक्तिभाव को भी दर्शाता है।
  • भगवान जी का चेहरा हो चमकदार:- भगवान जी की मूर्तियों Murti का चेहरा हमेशा साफ-सुथरा और चमकदार होना चाहिए। इसके लिए आप नियमित रूप से साफ-सफाई करें और हल्के गीले कपड़े से चेहरा पोंछते रहें।
  • सामान्य आकार की मूर्तियां Murti रखें:- घर के मंदिर में अधिक बड़ी या भारी मूर्तियों Murti की बजाय सामान्य आकार की मूर्तियां Murti रखना ज्यादा शुभ होता है। भारी मूर्तियां Murti मंदिर के ऊर्जा संतुलन को बिगाड़ सकती हैं।
  • पूजा के समय दिशा का ध्यान रखें:- जब भी आप पूजा करें, तो हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। पूर्व दिशा को शुभ और उन्नति की दिशा माना गया है, और इसी दिशा में भगवान जी का ध्यान करना अधिक फलदायी होता है।

निष्कर्ष 

दोस्तों इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से न केवल घर का वातावरण पवित्र बना रहता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। तो अगली बार जब भी आप अपने घर के मंदिर की सजावट या व्यवस्था करें, तो इन नियमों का जरूर पालन करें। इसके अलावा  घर के मंदिर में भगवान जी की मूर्ति Murti रखने का नियम क्या होता है इसके बारे में भी आपके यहां पर बताया गया है, यह बहुत ही आसान सा नियम है।

इस दिशा में, शीशा लगाने से हमेशा बचना चाहिए

घर में कौन सी दिशा में शीशा Mirror नहीं लगाना चाहिए? नमस्कार दोस्तों, अक्सर हम अपने घर की सजावट के लिए शीशे Mirror का इस्तेमाल करते हैं। 

  • खूबसूरत फ्रेम वाला शीशा Mirror न केवल घर की शोभा बढ़ाता है बल्कि कई बार कमरे को बड़ा और रोशन भी दिखाता है। 
  • लेकिन क्या आप जानते हैं की अगर घर में शीशा Mirror गलत दिशा में लगाया जाए तो यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकता हैं। 
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार शीशे Mirror को सही दिशा में लगाना बहुत आवश्यक है, वरना घर के माहौल पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।

नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है गलत दिशा में लगा शीशा Mirror

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शीशा Mirror कभी भी दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए। 
  • ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है जिससे परिवार में तनाव, कलह और झगड़े की स्थिति बन सकती है। 
  • कई बार लोग सजावट के उद्देश्य से बिना दिशा का ध्यान रखे शीशा Mirror लगवा लेते हैं, लेकिन यह गलती आपके घर की शांति छीन सकती है।
  • अगर आप घर में शीशा Mirror लगाना चाहते हैं तो सबसे शुभ स्थान होता है मुख्य दरवाजे के सामने।
  • ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करते ही दोगुनी हो जाती है और नकारात्मक ऊर्जा घर में नहीं टिकती।
  • यह उपाय विशेष रूप से फ्लैट्स और छोटे घरों के लिए लाभकारी माना जाता है जहाँ जगह कम होती है लेकिन ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखना आवश्यक होता है।

अन्य वास्तु सुझाव

  • शीशे Mirror को हमेशा साफ-सुथरा रखें, गंदा या धुंधला शीशा Mirror नकारात्मक प्रभाव देता है।
  • बेडरूम में शीशा Mirror ऐसा न लगाएं जिससे सोते समय उसमें आपका प्रतिबिंब दिखे।
  • किचन में शीशा Mirror लगाने से बचें क्योंकि यह अग्नि तत्व के प्रभाव को बिगाड़ सकता है।

अतः अगली बार जब आप घर में शीशा Mirror लगवाने की सोचें, तो सिर्फ सजावट ही नहीं, बल्कि वास्तु के नियमों का भी ध्यान जरूर रखें। इससे न केवल आपके घर की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि सुख-शांति भी बनी रहेगी। एक चीज और ध्यान में रखनी चाहिए की घर में कभी भी टूटा हुआ शीशा Mirror नहीं लगना चाहिए।

निष्कर्ष

दोस्तों आपको यहां पर बताया गया है की घर में आपको वास्तु शास्त्र के हिसाब से किस प्रकार शीशा Mirror लगाना चाहिए। इसके अलावा कौन-कौन सी गलतियों से आपको बचना चाहिए। आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह एक नियम होता है।

5 जून से बदल सकती है, इन राशियों की किस्मत

5 जून से किन लोगों के जीवन में बदलाव आने वाला है? नमस्कार दोस्तों भविष्य में आने वाली 5 जून की तारीख कुछ लोगों की किस्मत बदल सकती है। 

  • जी हां दोस्तों जून का महीना धनु राशि Rashi, कुंभ राशि Rashi और तुला राशि Rashi वालों के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है। 
  • तो चलिए जानकारी की शुरुआत कर लेते हैं और देखते हैं इनकी किस्मत में आगे हमें क्या कुछ देखने को मिलता है।

देखिए 5 जून कैसा रहने वाला है कुछ राशियों के लिए 

  • धनु राशि Rashi:- धनु राशि Rashi वालों के लिए 5 जून के बाद का समय बहुत ही शुभ रहने वाला है। 
  • जो लोग नौकरीपेशा हैं, उन्हें प्रमोशन मिलने की संभावना बन रही है। 
  • लंबे समय से रुके हुए कार्यों में प्रगति होगी और वरिष्ठ अधिकारियों से सराहना मिलेगी। 
  • वहीं, जो लोग बिजनेस कर रहे हैं, उन्हें आर्थिक लाभ और नए व्यापारिक अवसर मिल सकते हैं। 
  • कुल मिलाकर यह समय मेहनत का फल देने वाला रहेगा।
  • कुंभ राशि Rashi:- कुंभ राशि Rashi के जातकों के लिए यह समय करियर में नई दिशा देने वाला हो सकता है। जो लोग बेरोजगार हैं और काफी समय से नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें अब अच्छी खबर मिल सकती है। इंटरव्यू या प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और पुराने संपर्क भी काम आ सकते हैं।
  • तुला राशि Rashi:- तुला राशि Rashi के विद्यार्थियों के लिए यह समय बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है। पढ़ाई में मन लगेगा और आगामी परीक्षाओं में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा करियर से जुड़ी किसी बड़ी योजना की शुरुआत हो सकती है। जो लोग धार्मिक प्रवृत्ति के हैं, उनका मन पूजा-पाठ और आध्यात्मिक कार्यों की ओर आकर्षित रहेगा। इस दौरान किसी तीर्थ यात्रा पर जाने का भी अवसर मिल सकता है। साथ ही, विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं, जो आपके करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं।

आपको बताना चाहते हैं की 5 जून एक ऐसी तारीख आने वाली है जिसके बाद से तीन राशियों की किस्मत बदलने वाली है। इसके अलावा जॉब में प्रमोशन मिल सकता है और करियर में सफलता मिल सकती है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, 5 जून से धनु, कुंभ और तुला राशि Rashi वालों के लिए समय अनुकूल रहेगा। यह समय नई शुरुआत, तरक्की और सफलता लेकर आएगा। ऐसे में इन अवसरों का भरपूर लाभ उठाएं और अपने लक्ष्यों की ओर पूरी ऊर्जा के साथ बढ़ें, आपका दिन शुभ हो।

उत्तर पूर्व दिशा में, नहीं रखना चाहिए यह सामान

उत्तर पूर्व दिशा North East Direction में क्या कुछ नहीं रखना चाहिए? नमस्कार दोस्तों, घर का हर कोना केवल चार दीवारों का हिस्सा नहीं होता, बल्कि वह ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण केंद्र होता है। 

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर दिशा का अपना एक विशेष महत्व होता है और उसमें रखी चीजें हमारे जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक असर डाल सकती हैं। 
  • आज हम बात करने जा रहे हैं उत्तर-पूर्व दिशा North East Direction के बारे में जोकि एकदम नई जानकारी है। 

उत्तर पूर्व दिशा North East Direction भगवान जी की दिशा मानी जाती है 

  • उत्तर-पूर्व दिशा North East Direction को ईशान कोण कहा जाता है और यह दिशा भगवान जी का स्थान मानी जाती है। 
  • इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बहुत तेज़ होता है और अगर यहां पर गलत चीजें रख दी जाएं, तो जीवन में समस्याएं आने लगती हैं।
  • सबसे पहले बात करते हैं कूड़ेदान की, अगर आप उत्तर-पूर्व दिशा North East Direction में कूड़ेदान रखते हैं, तो यह बेहद अशुभ माना जाता है। 
  • इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और परिवार के सदस्यों को मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।

इस दिशा में जूते चप्पल को नहीं रखना चाहिए

जूते-चप्पल भी इस दिशा में रखना वर्जित माना गया है। यह दिशा स्वच्छता और पवित्रता की प्रतीक मानी जाती है और यहां गंदगी या जूते रखने से जीवन में बाधाएं आती हैं। विशेष रूप से विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह स्थिति उनके कार्यों में रुकावट पैदा कर सकती है।

इसके अलावा टूटा-फूटा सामान जैसे पुरानी घड़ी, खराब इलेक्ट्रॉनिक चीजें, टूटे हुए बर्तन या फटी हुई तस्वीरें इस दिशा में रखना भी बहुत ही अशुभ माना गया है। इससे घर की उन्नति में रुकावट आती है और भाग्य का साथ कम हो जाता है।

हालांकि अगर आप इस दिशा में कोई हल्का फर्नीचर जैसे सोफा, अलमारी या सुंदर और बड़ा शोपीस रखना चाहें, तो यह शुभ माना जाता है। इससे इस दिशा की ऊर्जा बनी रहती है और आपको घर में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। 

निष्कर्ष

दोस्तों उत्तर-पूर्व दिशा North East Direction को वास्तु शास्त्र के हिसाब से एक अच्छी दिशा माना जाता है। इस दिशा का सही से उपयोग करके आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है की इस कार्य को करना काफी ज्यादा आसान होता है और बस एक सही दिन पर करना जरूरी है।

मकर राशि वालों के लिए, जून का महीना होगा काफी खास

मकर राशि वालों के लिए जून June का महीना कैसा रहेगा? नमस्कार दोस्तों! साल 2025 में जून June का महीना मकर राशि वालों के लिए कैसा रहने वाला है यहां पर हम आपको बताने वाले हैं। आपने अभी तक बहुत सारे लेख इससे जुड़े पढ़े होंगे। लेकिन यह आपके लिए एकदम नई जानकारी हम लेकर आए हैं।

मकर राशि वालों के लिए जून June का महीना कैसा रहने वाला है

  • करियर:- जून June का महीना मकर राशि वालों के करियर के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है। 
  • यदि आप किसी कंपनी में टीम वर्क के तहत कार्य कर रहे हैं, तो इस महीने आपके भीतर कुछ नए और रचनात्मक विचार आ सकते हैं, जिन्हें आपकी टीम सराहेगी। 
  • आपके सुझावों से कामकाज में सुधार हो सकता है और आपकी नेतृत्व क्षमता भी उभर कर सामने आ सकती है। जो लोग नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें भी अच्छे अवसर मिलने की संभावना है।
  • फाइनेंशियल लाइफ:- आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह महीना मकर राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहने वाला है। 
  • आय के नए स्रोत खुल सकते हैं और पुराने निवेश से लाभ मिलने की संभावना है। 
  • नौकरीपेशा लोगों को बोनस या प्रमोशन का लाभ मिल सकता है। 
  • व्यवसाय करने वाले लोगों के लिए यह समय मुनाफे का हो सकता है। 
  • हालांकि खर्चों पर नियंत्रण बनाए रखना जरूरी होगा ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे।
  • सेहत:- स्वास्थ्य की दृष्टि से मकर राशि वालों को थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है। गर्मी के कारण थकावट और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। ऐसे में नियमित एक्सरसाइज करें, पर्याप्त पानी पिएं और ताजे फलों व हरी सब्जियों का सेवन करें। अधिक तला-भुना और बाहर का खाना खाने से बचें। योग और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद रहेगा।

आपको बताना चाहते हैं की यह महीना मकर राशि वालों के साथ-साथ तुला राशि, धनु राशि और कुंभ राशि वालों के लिए भी काफी अच्छा साबित हो सकता है। लेकिन यहां पर आपको विशेष रूप से मकर राशि वालों के बारे में जानकारी दी गई है। अगर आप भी इनमे से किसी एक राशि के है तों आपको फायदा हो सकता है।

निष्कर्ष

दोस्तों कुल मिलाकर जून June 2025 मकर राशि के लिए करियर और फाइनेंशियल तौर पर काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है। सेहत को लेकर थोड़ा सतर्क रहना पड़ेगा, लेकिन संतुलित दिनचर्या अपनाकर आप स्वस्थ रह सकते हैं। आशा करते हैं की यह महीना आपके लिए खुशियों और सफलता से भरपूर हो, धन्यवाद।

तुला, धनु या कुंभ राशि है तो, हो सकते हैं मालामाल

कैसा रहने वाला है जून June का महीना आप सबके लिए? नमस्कार दोस्तों, आपको बताना चाहते हैं की जून June का महीना आज से शुरू हो चुका है। 

  • यह महीना कुछ खास राशियों के लिए खुशियों और तरक्की से भरपूर रहने वाला है। 
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जून June का महीना तुला, धनु और कुंभ राशि वालों के लिए कई शुभ संयोग लेकर आ रहा है। 
  • आइए जानते हैं इन तीन राशियों के लिए यह महीना कैसा रहेगा।

जून June का महीना तीन राशियों के लिए कैसा रहेगा

  • तुला राशि:- तुला राशि वालों के लिए जून June का महीना करियर में नई ऊंचाइयों को छूने का अवसर लेकर आ रहा है। 
  • जो लोग नौकरीपेशा हैं, उन्हें प्रमोशन या नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। 
  • मेहनत का पूरा फल मिलेगा और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। 
  • निवेश करने के लिए यह समय अनुकूल है, लेकिन सोच-समझकर ही कोई बड़ा निर्णय लें।
  • धनु राशि:- धनु राशि वालों की आय में इस महीने अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी। व्यापारियों को नए ऑर्डर और सौदे मिल सकते हैं, जिससे आमदनी में इजाफा होगा। वहीं नौकरी करने वालों को भी अच्छे अवसर प्राप्त होंगे और वेतन वृद्धि के योग बन सकते हैं। पुराने अटके हुए काम भी पूरे हो सकते हैं। इस दौरान अपने संपर्कों का भरपूर लाभ उठाएं।
  • कुंभ राशि:- कुंभ राशि वालों के लिए जून June का महीना आर्थिक रूप से बहुत ही अच्छा रहने वाला है। व्यापार और कारोबार में उन्नति के संकेत हैं। यदि आप कोई नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो यह समय उत्तम है। नौकरीपेशा लोगों के लिए भी यह समय लाभदायक रहेगा। बॉस और सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा और कार्यस्थल पर माहौल अनुकूल रहेगा।

अगर आपकी इन तीनों में से कोई सी एक राशि है तो आपका जीवन सफल होने वाला है। कम से कम जून June के महीने में आपको काफी अच्छा फायदा होगा। इसके अलावा हम चाहते हैं की बाकी सभी राशियों के लिए भी यह महीना बहुत अच्छा जाए।

निष्कर्ष

दोस्तों जून June का महीना तुला, धनु और कुंभ राशि वालों के लिए बेहद शुभ संकेत दे रहा है। करियर, नौकरी, व्यापार और आर्थिक मामलों में इन राशियों को सफलता मिलने के पूरे योग हैं। यदि आप इन राशियों में से एक हैं, तो इस समय का सदुपयोग अवश्य करें। मेहनत और लगन से किया गया कार्य निश्चित ही फलदायी रहेगा। आप सभी को जून June महीने की ढेरों शुभकामनाएं।

इस दिशा में भोजन करने से, आता है धन

कौन सी दिशा में मुख करके भोजन Bhojan करना चाहिए? नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको बताने वाले हैं की वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन Bhojan करते समय किस दिशा की ओर मुख करना शुभ माना जाता है। 

  • वास्तु शास्त्र, हमारे जीवन के हर पहलू को संतुलित करने वाला एक विज्ञान है। 
  • इसमें दिशाओं का विशेष महत्व होता है, और यह बताया गया है की जीवन के विभिन्न कार्य किस दिशा में करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। 
  • ऐसा ही एक महत्वपूर्ण कार्य है भोजन Bhojan करना।

उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन Bhojan करना

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन Bhojan करते हैं, तो यह आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी होता है। 
  • ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन वृद्धि होती है। 
  • कहा जाता है की उत्तर दिशा कुबेर जी की दिशा मानी जाती है, जो धन के देवता हैं। 
  • इस दिशा में भोजन करने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि आती है।
  • साथ ही, उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन Bhojan करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और घर के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और समझ बढ़ता है। 
  • यदि आप चाहते हैं की आपके घर में हमेशा खुशहाली बनी रहे और धन-धान्य की कभी कमी न हो, तो भोजन Bhojan करते समय इस दिशा का विशेष ध्यान रखें।

पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन Bhojan करना

यदि उत्तर दिशा में भोजन करना संभव न हो, तो आप पूर्व दिशा की ओर मुख करके भी भोजन Bhojan कर सकते हैं। पूर्व दिशा को सूर्य की दिशा माना जाता है, और यह स्वास्थ्य से जुड़ी होती है। इस दिशा में मुख करके भोजन Bhojan करने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है और भोजन Bhojan अच्छी तरह से हजम होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा में भोजन Bhojan करने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक ऊर्जा प्राप्त होती है। यह शरीर को ऊर्जावान और स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।

निष्कर्ष

इस प्रकार, वास्तु शास्त्र में उत्तर और पूर्व दिशा में मुख करके भोजन Bhojan करना शुभ और लाभकारी माना गया है। उत्तर दिशा में भोजन Bhojan करने से धन, सुख और प्रेम बढ़ता है, जबकि पूर्व दिशा में भोजन Bhojan करने से स्वास्थ्य और पाचन शक्ति में सुधार होता है। इसलिए अगली बार भोजन Bhojan करते समय इन बातों का ध्यान रखें और अपने जीवन को और भी खुशहाल बनाएं।

मिथुन संक्रांति, के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

क्या आप लोग आने वाली महत्वपूर्ण संक्रांति के बारे में जानना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य देव अपनी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस विशेष दिन को संक्रांति कहा जाता है। 

  • पूरे वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं, जो प्रत्येक महीने में एक बार आती हैं। 
  • इनमें से कुछ संक्रांतियों का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व होता है। 
  • 12 संक्रांति में से मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti का इंतजार हर किसी को रहता है क्योंकि यह हमारे सितारों को अच्छी दिशा की तरफ प्रभावित करता है।

मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti का महत्व

  • मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti को गर्मी से वर्षा ऋतु की ओर बढ़ते मौसम का संकेत माना जाता है। 
  • यह संक्रांति ज्येष्ठ मास की समाप्ति और आषाढ़ मास की शुरुआत का सूचक होती है। 
  • इस समय से वर्षा ऋतु की शुरुआत मानी जाती है, जिससे कृषि, जलवायु और धार्मिक अनुष्ठानों पर भी असर पड़ता है।
  • सूर्य देव जी के मिथुन राशि में प्रवेश करने के साथ ही ऊर्जा में एक विशेष परिवर्तन महसूस किया जाता है। 
  • यह समय दान, स्नान, और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। 
  • कई लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, गरीबों को अन्न, वस्त्र, और तांबे के बर्तन दान करने की परंपरा निभाते हैं। 
  • इससे जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है और पापों का नाश माना जाता है।

मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti 2025 की तिथि

पंचांग के अनुसार इस वर्ष 15 जून 2025 को सूर्य देव वृषभ राशि को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी दिन मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti का आरंभ होगा। यह संक्रांति काल सुबह से ही प्रभावी रहेगा और पूरे दिन पुण्यकाल रहेगा।

पुराणों में वर्णित है कि संक्रांति के दिन सूर्य जी की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। विशेषकर गाय, ब्राह्मण और जरूरतमंदों को दान देने से व्यक्ति के पापों का क्षय होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। जैसे बाकी सभी संक्रांति हिंदू धर्म में शुभ मानी जाती है उसी प्रकार मिथुन संक्रांति Mithun Sankranti में हिंदू धर्म में काफी ज्यादा शुभ मानी जाती है। 

निष्कर्ष

दोस्तों इस साल 2025 में मिथुन संक्रांति की शुरुआत बस कुछ ही दिनों में होने वाली है। इसकी शुरुआत होने से फायदा यह होने वाला है की अगर आप इस समय में पूजा पाठ अच्छे से करते हैं तो हो सकता है आपके ऊपर से संकट काफी हद तक कम हो जाए और आप आगे बढ़ पाए।

मनी प्लांट के पत्ते, हमें देते हैं जरूरी संकेत

मनी प्लांट Money Plant के पत्ते पीले हो जाना किस बात का संकेत है,? नमस्कार दोस्तों, वास्तु शास्त्र में पौधों का विशेष महत्व होता है और उनमें से मनी प्लांट Money Plant को सबसे शुभ पौधों में गिना जाता है। 

  • यह न केवल घर की सुंदरता बढ़ाता है बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। 
  • मनी प्लांट Money Plant को सही दिशा और देखभाल के साथ घर में लगाना जीवन में सुख-शांति और धन-धान्य लाने वाला माना जाता है।

मनी प्लांट Money Plant के पत्ते किस बात का संकेत देते हैं 

  • शास्त्रों के अनुसार, अगर मनी प्लांट Money Plant के पत्ते हरे, चमकदार और स्वस्थ नजर आते हैं तो यह बहुत ही शुभ संकेत होता है। 
  • वहीं दूसरी तरफ अगर इसके पत्ते पीले लगते हैं तो इसका मतलब होता है लेकिन घर में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है। 
  • इसके पत्ते पीले होने का कारण तेज धूप होती है इसीलिए हमें इसको हमेशा धूप से दूर रखना चाहिए और बहुत ही हल्की रोशनी में रखना सबसे अच्छा माना जाता है। 
  • यह इसको रखने का सबसे सही नियम है।

मनी प्लांट Money Plant के पत्ते पीले होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे प्रमुख कारण है अधिक धूप का उस पर पड़ना। यह पौधा छायादार जगहों में अच्छी तरह पनपता है और इसकी पत्तियाँ तभी हरी-भरी रहती हैं जब इसे सीधी धूप से बचाकर रखा जाए। यदि यह पौधा लंबे समय तक धूप में रहता है, तो इसके पत्ते जलने लगते हैं और धीरे-धीरे पीले हो जाते हैं।

मनी प्लांट Money Plant रखने की सही दिशा

वास्तु शास्त्र में यह भी कहा गया है की मनी प्लांट Money Plant को घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना सबसे अधिक लाभकारी होता है। यह दिशा अग्नि तत्व की मानी जाती है, जो धन-संपत्ति को बढ़ाने में सहायक होती है। इसके साथ ही, इस पौधे की नियमित देखभाल, समय-समय पर पानी देना और सूखे या पीले पत्तों को हटा देना बहुत जरूरी होता है। अगर आपके घर में भी मनी प्लांट Money Plant है तो आपको भी हमारी बातों को जरूर फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से कम से कम पौधे की सुरक्षा हो सकती है।

निष्कर्ष

दोस्तों, मनी प्लांट Money Plant आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। लेकिन हमें एक बात का ध्यान रखना चाहिए की इसके पत्ते कभी भी पीले नहीं पड़ने चाहिए। इसके लिए हमें पौधे को कम धूप में रखना चाहिए तभी जाकर फायदा हो पाएगा।

घर में सुख शांति के लिए, यह रहा शानदार उपाय

क्या आप लोग अपने जीवन में सुख शांति लाना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, जीवन में सुख, समृद्धि और तरक्की की चाहत हर किसी की होती है। 

  • इसके लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन कई बार मेहनत के बावजूद भी अच्छे परिणाम नहीं आते हैं तो ऐसे में हम आपको वास्तु शास्त्र Vastu Shastra से जुड़े कुछ उपाय के बारे में बताने वाले हैं। 
  • यह उपाय जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है।

घर में पैसा नहीं टिक पाता है तो फिर क्या करें

  • अगर आपके घर में पैसा नहीं टिकता है या आर्थिक परेशानियां लगातार बनी रहती हैं, तो आपको अपने घर की तिजोरी में कौड़ी जरूर रखनी चाहिए। 
  • वास्तु शास्त्र Vastu Shastra के अनुसार कौड़ी लक्ष्मी माता को प्रिय होती है और इससे धन की स्थिरता बनी रहती है। 
  • इसके साथ ही, श्री यंत्र की स्थापना घर में करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। 
  • श्री यंत्र को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और इसे घर के पूजा स्थल में स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। 
  • श्री यंत्र नियमित रूप से जल से धोकर साफ स्थान पर रखने और उसकी पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।

घर में सुख शांति के लिए पिरामिड जरूर रखना चाहिए 

यदि आप चाहते हैं की आपके घर में हमेशा शांति और सकारात्मक माहौल बना रहे, तो आपको पिरामिड जरूर रखना चाहिए। पिरामिड घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मानसिक तनाव को कम करता है। इसे घर के ड्रॉइंग रूम या उस स्थान पर रखें जहां परिवार के लोग अधिक समय बिताते हैं।

अगर आपकी कोई दुकान या व्यापार स्थल है, तो वहां कुबेर की प्रतिमा जरूर स्थापित करें। कुबेर को धन के देवता माना गया है और इनकी प्रतिमा व्यापार में वृद्धि और लाभ देने में सहायक मानी जाती है। प्रतिमा को घर के पंडित से पूछकर किसी अच्छे स्थान पर रखना चाहिए

आप अपने जीवन में शांति ला सकते हैं

इन छोटे-छोटे वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और तरक्की के द्वार खोल सकते हैं। विश्वास और श्रद्धा के साथ किए गए ये उपाय निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम देंगे।

निष्कर्ष 

यहां पर आपको बताया गया है की आपको वास्तु शास्त्र Vastu Shastra के हिसाब से घर में कौन-कौन सी चीजों को रखना चाहिए। यहां पर पैसों की कमी दूर करने के साथ-साथ घर में शांति बनाए रखने के इलाज के बारे में बताया गया है।

वास्तु शास्त्र के हिसाब से, कौन सी दिशा में मोबाइल फोन रखना चाहिए

क्या आप लोग दक्षिण पश्चिम दिशा में मोबाइल फोन Mobile Phone रखकर सोते हैं? नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है। 

  • आजकल हर व्यक्ति के जीवन में मोबाइल फोन Mobile Phone एक आवश्यक हिस्सा बन चुका है। 
  • लेकिन क्या आप जानते हैं की वास्तु शास्त्र के अनुसार मोबाइल फोन Mobile Phone को किस दिशा में रखकर सोना चाहिए और किस दिशा से बचना चाहिए।

दक्षिण पश्चिम दिशा में कभी भी मोबाइल फोन Mobile Phone नहीं रखना चाहिए

  • वास्तु शास्त्र के नियम के हिसाब से कभी भी दक्षिण पश्चिम जगह पर मोबाइल फोन Mobile Phone रखकर नहीं सोना चाहिए। 
  • ऐसा करने से गलत परिणाम देखने को मिल सकते हैं। 
  • इस दिशा में फोन रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो आपके मानसिक स्वास्थ्य और नींद पर बुरा असर डाल सकती है। 
  • साथ ही, इससे तनाव, चिड़चिड़ापन और काम में असफलता जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।
  • अगर आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं या किसी ऑफिस में कार्य करते हैं, तो आपके लिए उत्तर दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। 
  • उत्तर दिशा को मानसिक स्पष्टता, कार्य में सफलता और सकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है। 
  • इस दिशा में मोबाइल फोन Mobile Phone रखकर सोने से आपके निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है और कार्य में एकाग्रता बनी रहती है।

क्रिएटिव कार्य करने वालों को कौन सी दिशा में मोबाइल फोन Mobile Phone रखना चाहिए

अगर आप फोटो एडिटिंग या फिर वीडियो एडिटिंग का कार्य करना पसंद करते हैं तो फिर ऐसे में आपके लिए पश्चिम दिशा सबसे अच्छी हो सकती है। पश्चिम दिशा रचनात्मकता से संबंध रखती है और इस दिशा में मोबाइल फोन Mobile Phone रखकर सोने से आपके दिमाग में कुछ नए प्रकार के सुझाव आने लगते हैं जिससे आप जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।

महत्वपूर्ण सुझाव:-

  • मोबाइल फोन Mobile Phone को तकिए के नीचे या सिर के पास रखकर बिल्कुल भी न सोएं।
  • सोते समय फोन को फ्लाइट मोड पर रखें या थोड़ी दूरी पर रखें।
  • मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन से बचने के लिए उसे चार्जिंग पर लगाकर सोना अवॉइड करें।

निष्कर्ष

तो दोस्तों इस तरह यदि आप वास्तु शास्त्र के अनुसार मोबाइल की दिशा का ध्यान रखकर सोएंगे, तो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। यह बहुत ही आसान उपाय आपको बताया गया है। इसको आप जरूर फॉलो करके देखिए, आपको फायदा होगा।

निर्जला एकादशी की, महत्वपूर्ण जानकारी

किस दिन रखा जाता है निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi का व्रत? नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है। 

  • पंचांग के अनुसार, हर माह में दो एकादशी आती हैं एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। 
  • हर एकादशी का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। 
  • इन्हीं में से एक है निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi, जो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। 
  • जानकारी शुरू करने से पहले आपको बताना चाहते हैं की इस साल निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi 6 जून को पूरे भारत में मनाई जाएगी। 

निर्जला एकादशी को सबसे कठिन व्रत रखा जाता है

  • निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पूरे दिन और रात बिना जल ग्रहण किए रहना पड़ता है। 
  • यानी न तो अन्न खाया जाता है और न ही पानी पिया जाता है। 
  • इसी कारण इसका नाम “निर्जला” पड़ा है। 
  • यह व्रत शारीरिक रूप से कठिन जरूर होता है, लेकिन धार्मिक मान्यता है की इस व्रत को करने से व्यक्ति को सभी एकादशियों के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
  • पौराणिक कथा के अनुसार, भीमसेन ने भगवान व्यास जी से पूछा था की वह सभी एकादशियों का व्रत नहीं कर पाते, तो उन्हें क्या करना चाहिए। 
  • तब व्यास जी ने उन्हें निर्जला एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी और कहा की यह एक व्रत सभी एकादशियों के व्रत के बराबर फल देता है।

इस दिन क्या कुछ करना चाहिए 

इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु जी की प्रतिमा को पीले पुष्प, तुलसी के पत्तों, फल, धूप और दीप से पूजन करना चाहिए। दिनभर भक्ति में लीन रहकर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करना उत्तम माना जाता है।

निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi का व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। मान्यता है की इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। जो लोग सभी एकादशियों का पालन नहीं कर सकते, उनके लिए यह एक व्रत संपूर्ण फलदायी होता है।

निष्कर्ष

तों दोस्तों इस प्रकार, निर्जला एकादशी केवल व्रत ही नहीं, बल्कि आत्मसंयम, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक भी है। यह हमें सिखाता है की कठोर तपस्या और भक्ति से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस जानकारी को जरूर फॉलो करें और आप भी व्रत रखें।

लड्डू गोपाल जी को, गर्मी में किस-किस चीज का भोग लगाएं

लड्डू गोपाल Laddu Gopal जी को गर्मी के मौसम में कौन-कौन से खाद पदार्थ और पिय पदार्थ का भोग लगाना चाहिए? नमस्कार दोस्तों वैसे तो आपने इंटरनेट पर लड्डू गोपाल जी Laddu Gopal से जुड़ी बहुत सारी जानकारी पड़ी होगी लेकिन आज हम आपके लिए एकदम नई जानकारी लेकर आए हैं। 

  • आज हम आपको बताने वाले हैं की गर्मी के मौसम में लड्डू गोपाल Laddu Gopal जी को कौन-कौन से खाद पदार्थ और पिय पदार्थ का भोग लगाना चाहिए। 
  • चलिए जल्दी से इस जानकारी की शुरुआत कर लेते हैं। 

गर्मियों के मौसम में इन चीजों का भोग लगा सकते हैं

  • गर्मी के मौसम में लड्डू गोपाल Laddu Gopal जी को माखन, मिश्री और ठंडे दूध का भोग सबसे उत्तम माना जाता है। 
  • यह न केवल भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय भोग है, बल्कि यह शरीर को भी ठंडक प्रदान करता है। 
  • आप चाहें तो इन तीनों को मिलाकर माखन-मिश्री-दूध का एक विशेष भोग तैयार कर सकते हैं। 
  • आपको बताना चाहते हैं की बचपन से ही इनको यह सब पसंद था। 
  • आप चाहे तो लड्डू गोपाल जी को मौसमी फल जैसे कि तरबूज, खरबूज और आम के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर एक सुंदर थाली में सजाकर भोग के रूप में अर्पित कर सकते हैं। 
  • ध्यान रहे की फल ताजे और साफ-सुथरे हों।

मीठी दही का भी भोग लगा सकते हैं 

गर्मी के मौसम में कृष्ण भगवान जी के बालक अवतार को मीठी दही, नारियल पानी, लस्सी या फिर आम पन्ना का भोग लगाया जा सकता है। यह न केवल भगवान को प्रसन्न करता है बल्कि भक्तों के मन में भी शांति और श्रद्धा उत्पन्न करता है। इनका भोग लगाने से लड्डू गोपाल Laddu Gopal जी खुश हो जाते है। 

एक विशेष बात का ध्यान रखें की किसी भी प्रकार का भोग लड्डू गोपाल Laddu Gopal जी को अर्पित करते समय उसमें तुलसी दल अवश्य शामिल करें। तुलसी भगवान विष्णु और उनके अवतार भगवान श्री कृष्ण जी को काफी ज्यादा पसंद है। इस जानकारी को फॉलो करना काफी ज्यादा आसान है और कोई भी इसको अपना सकता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखना चाहिए हमेशा इनके सामने मौसम के हिसाब से भोग लगाना चाहिए और कपड़े भी वैसे पहनाने चाहिए। इनका काफी अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। 

निष्कर्ष

तो दोस्तों इस प्रकार यदि आप गर्मी के मौसम में उपयुक्त और शीतल भोग अर्पित करेंगे, तो न केवल लड्डू गोपाल Laddu Gopal जी प्रसन्न होंगे, बल्कि आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास भी होगा।

घर में प्राकृतिक चित्र, कौन सी दिशा में लगाना चाहिए

घर में कौन सी दिशा में लगानी चाहिए प्राकृतिक Nature दृश्य वाली पेंटिंग? नमस्कार दोस्तों, घर का वातावरण हमारे मन और जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। 

  • विशेष रूप से दीवारों पर लगाई गई पेंटिंग्स न केवल सजावट का कार्य करती हैं, बल्कि हमारे अवचेतन मन को भी प्रभावित करती हैं। 
  • यदि इन्हें सही दिशा में लगाया जाए, तो यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और नए अवसरों को जीवन में आमंत्रित करने का कार्य कर सकती हैं।

प्राकृतिक Nature दृश्य वाली पेंटिंग हमारे मन को शांत करने का कार्य करती है

  • विशेषज्ञों के अनुसार, प्राकृतिक Nature दृश्यों वाली पेंटिंग्स जैसे नीला समुंदर, हरी-भरी वादियाँ, शांत झील या एक सुंदर शांत घर, हमारे मन को शांति प्रदान करते हैं। 
  • ऐसे चित्र देखने से मन की उलझनों में कमी आती है और भीतर से एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 
  • इससे न केवल तनाव घटता है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा को अवसरों और नई संभावनाओं की दिशा माना जाता है। 
  • यदि इस दिशा में सकारात्मक चित्र जैसे उगता हुआ सूरज, नीला आकाश या शांत पानी वाला दृश्य लगाया जाए, तो यह व्यक्ति के जीवन में तरक्की के नए रास्ते खोल सकता है। 
  • यह दिशा मानसिक स्पष्टता और निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ावा देती है।

उत्तर पश्चिम दिशा भी अच्छी दिशा मानी जाती है 

वहीं उत्तर-पश्चिम दिशा को नए लोगों से मिलने और यात्राओं की संभावनाओं से जोड़ा गया है। इस दिशा में यात्रा से जुड़े चित्र जैसे रास्ते, पहाड़ या उड़ते पक्षी लगाने से व्यक्ति के जीवन में नए अनुभव और नए संबंध जुड़ सकते हैं। यह चित्र अवचेतन मन को सक्रिय करते हैं और साहस के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

हर दिन इन चित्रों को देखना, हमारे सोचने के ढंग को भी बदल सकता है। जब हमारा अवचेतन मन सुंदरता, शांति और विस्तार से भरे दृश्यों से जुड़ता है, तो हमारी कार्यक्षमता और आत्मबल स्वाभाविक रूप से बढ़ता है।

निष्कर्ष

तों दोस्तों अगली बार जब आप अपने घर की दीवार सजाएं, तो केवल सजावट के लिए नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और अवसरों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पेंटिंग का चुनाव करें। सही चित्र सही दिशा में लगाकर आप अपने जीवन को नई दिशा दे सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो ऐसी पेंटिंग को घर में लगाने से पहले किसी शुभ दिन का चुनाव कर सकते हैं और उसके बाद घर में पेंटिंग लगा सकते हैं।

कछुए की अंगूठी, पहनने के फायदे

कछुए की अंगूठी Tortoise Ring पहनने के क्या कुछ फायदे होते हैं? नमस्कार दोस्तों, वैदिक ज्योतिष शास्त्र में अनेक ऐसे उपाय बताए गए हैं जो व्यक्ति की आर्थिक, मानसिक और सामाजिक परेशानियों को दूर करने में सहायक होते हैं। 

  • इन्हीं उपायों में से एक है कछुए की अंगूठी Tortoise Ring धारण करना। 
  • यह उपाय न केवल धन-संपत्ति में वृद्धि करता है बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है।

कछुए को हिंदू धर्म में अच्छा माना जाता है

  • कछुआ हिन्दू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है। 
  • यह मां लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, क्योंकि समुद्र मंथन के समय जब लक्ष्मी माता जी प्रकट हुई थीं, तब भगवान विष्णु जी ने कूर्म (कछुए) अवतार लिया था। 
  • इसी कारण कछुए की अंगूठी Tortoise Ring को मां लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने का शक्तिशाली माध्यम माना जाता है।
  • कछुए की अंगूठी Tortoise Ring को अपने घर के पंडित से पूछकर विधिवत रूप से धारण करना अत्यंत शुभ होता है। 
  • सुबह स्नान करने के बाद, पूजा स्थल पर मां लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु जी की प्रतिमा के सामने दीप जलाकर अंगूठी को गंगाजल, दूध और शुद्ध जल से शुद्ध करें। 
  • इसके बाद “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें और अंगूठी को दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली (मिडल फिंगर) में पहनें।

मध्यमा उंगली का महत्व

यह उंगली शनि देव जी और मां लक्ष्मी जी दोनों से जुड़ी होती है। शनि ग्रह व्यक्ति के कर्म और जीवन की दिशा को प्रभावित करता है। जब कछुए की अंगूठी Tortoise Ring को इस उंगली में पहना जाता है, तो यह शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और मां लक्ष्मी जी की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

कछुए की अंगूठी Tortoise Ring के लाभ:

  • आर्थिक तंगी दूर होती है
  • व्यापार में लाभ होता है
  • घर में सुख-शांति बनी रहती है
  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है

मां लक्ष्मी जी का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है 

इस प्रकार यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक कछुए की अंगूठी Tortoise Ring धारण की जाए तो यह जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकती है। दोस्तों, इस उपाय को अपनाएं और अपने जीवन में सुख शांति लाना शुरू कर दे और हमेशा खुश रहे।

निष्कर्ष

दोस्तों यहां पर आपको बताया गया है की अगर आप लोग भी दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में कछुए की अंगूठी Tortoise Ring पहनते हैं तो ऐसे में आपको काफी ज्यादा लाभ हो सकता है।

कब मनाई जाती है, मां धूमावती जी की जयंती

क्या आप लोग धूमावती माता Dhumavati Mata जी के बारे में जानना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, दस महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या धूमावती माता Dhumavati Mata जी हैं। 

  • इनका स्वरूप अन्य देवी स्वरूपों से बिल्कुल भिन्न और रहस्यमयी है। 
  • मां धूमावती Dhumavati Mata जी की जयंती ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बड़े श्रद्धा भाव से मनाई जाती है।

धूमावती स्वरूप को क्या कहा जाता है

  • ऋग्वेद में मां सती जी के धूमावती स्वरूप को “सुतरा” कहा गया है, जो उनके ज्ञान, त्याग और तप की प्रतीक है। 
  • धूमावती माता Dhumavati Mata जी को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे ज्येष्ठा, अलक्ष्मी, और निर्ऋति। 
  • ये नाम उनके उस रूप को दर्शाते हैं जो वैराग्य, त्याग और तपस्या का प्रतीक है।
  • मां धूमावती Dhumavati Mata जी का स्वरूप अत्यंत प्रभावशाली है। 
  • वे विधवा रूप में प्रकट होती हैं, उनका चेहरा गंभीर और आंखें तेज होती हैं। 
  • उनके केश खुले हुए, शरीर दुबला-पतला होता है और वे सफेद साड़ी धारण करती हैं, जो उनके विरक्ति और तप के जीवन को दर्शाता है।

मां की 2 भुजाएं देखने को मिलती है

मां की दो भुजाएं होती हैं, जिनमें से एक हाथ में सूप होता है और दूसरा वरदान मुद्रा में होता है। सूप को प्रतीक रूप में देखा जाए तो यह संसार की अस्थिरता, माया और ममता के त्याग का संदेश देता है। वहीं वरदान मुद्रा यह दर्शाती है की मां अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं और उनके कष्टों को दूर करती हैं।

धूमावती माता Dhumavati Mata जी की पूजा विशेष रूप से उन लोगों द्वारा की जाती है जो जीवन में कठिनाइयों से गुजर रहे होते हैं या जिन्हें मानसिक और आत्मिक शक्ति की आवश्यकता होती है। साधक इस दिन व्रत रखते हैं और मां के विशेष मंत्रों से आराधना करते हैं।

माना जाता है की मां धूमावती Dhumavati Mata जी की कृपा से शत्रु पर विजय, दुखों से मुक्ति और गूढ़ ज्ञान की प्राप्ति होती है। उनका यह स्वरूप हमें सिखाता है की जीवन में त्याग, धैर्य और आत्मबल से सभी संकटों पर विजय पाई जा सकती है, जय मां धूमावती Dhumavati Mata जी की ।

निष्कर्ष

यहां पर आपको बताया गया है की मां धूमावती जी का Dhumavati Mata जी की जयंती ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पूरे देश में मनाई जाती है। इसके अलावा मां धूमावती जी का Dhumavati Mata स्वरूप कैसा होता है इसके बारे में भी जानकारी दी गई है।

तीसरे बड़े मंगलवार को, करें श्रीहनुमान तांडव स्तोत्र

क्या आप लोग तीसरे बड़े मंगलवार Tuesday को सभी परेशानियां से छुटकारा पाना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, जयेष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल Tuesday आज, यानी 27 मई को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। 

  • हिंदू धर्म में जयेष्ठ माह के मंगलवार Tuesday का विशेष महत्व है। 
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम जी और पवनपुत्र हनुमान जी की पहली भेंट हुई थी। 
  • यही कारण है की इस दिन भगवान हनुमान जी की पूजा की जाती है और उनके पसंद के कार्य किए जाते हैं।

उत्तर प्रदेश में इस दिन को बहुत ज्यादा मान्यता दी जाती है 

  • बड़ा मंगल Tuesday का पर्व उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। 
  • इस दिन भक्तजन हनुमान मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं, प्रसाद चढ़ाते हैं और हनुमान चालीसा, सुंदरकांड तथा श्रीहनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ करते हैं। 
  • ऐसा माना जाता है की जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • विशेष रूप से आज के दिन आप ‘श्रीहनुमान तांडव स्तोत्र’ का पाठ कर सकते हैं। 
  • यह स्तोत्र भगवान हनुमान जी की शक्ति, पराक्रम और भक्ति को दर्शाता है। 
  • पूजा के बाद इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आ रही बाधाएं, संकट और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। 
  • साथ ही यह पाठ मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

आप लोग भी श्रीहनुमान तांडव स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं

अगर आप चाहते हैं की आपके घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहे और परिवारिक जीवन में समृद्धि आए, तो आज के दिन हनुमान जी की पूजा के साथ-साथ श्रीहनुमान तांडव स्तोत्र का नियमित पाठ शुरू कर सकते हैं। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होगा, बल्कि जीवन में सफलता और शुभ फल की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

इस पावन दिन पर हनुमान जी के नाम का संकीर्तन करें, जरूरतमंदों को भोजन कराएं और सेवा भाव अपनाएं। ऐसा करने से भगवान हनुमान जी की कृपा सदा आप पर बनी रहेगी। इन सभी कार्यों को करने से आपके जीवन में जरुर सफलता मिल सकती है और आप अपने घर में नई ऊर्जा ला सकते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों यहां पर आपको बताया गया है की आज यानी की 27 मई को तीसरा बड़ा मंगलवार Tuesday है। हमें अपने जीवन में सुख शांति लाने के लिए इस दिन श्रीहनुमान तांडव स्तोत्र जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से हमें काफी ज्यादा फायदा होता है।

यह होती है, शनि की सबसे शक्तिशाली राशियां

शनि की सबसे ज्यादा शक्तिशाली राशियां कौन सी है? नमस्कार दोस्तों, इस साल 2025 में शनि जयंती Shani Jayanti का पावन पर्व 27 मई, मंगलवार को पूरे भारतवर्ष में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा। 

  • हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भगवान शनि देव जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। 
  • शनि जयंती Shani Jayanti का दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जिनकी कुंडली में शनि का प्रभाव अधिक होता है।

शनि देव जी को न्याय का देवता कहा जाता है 

  • शनि देव जी को न्याय का देवता माना जाता है, जो कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। 
  • वे सूर्य पुत्र और नवग्रहों में एक प्रमुख ग्रह हैं। शनि देव जी का रंग काला होता है और उन्हें नीले वस्त्र तथा तिल का अति प्रिय माना गया है। 
  • शनि की दो सबसे शक्तिशाली राशियां मानी जाती हैं मकर और कुंभ। 
  • इन राशियों पर शनि का स्वामित्व है और इन पर उनका प्रभाव अत्यधिक सकारात्मक रहता है।
  • मकर राशि, जोकि पृथ्वी तत्व की राशि है, उसके स्वामी स्वयं शनि देव हैं। 
  • इस राशि पर शनि और बुध दोनों का प्रभाव होता है, जिससे इस राशि के जातकों को अत्यंत बुद्धिमान, व्यावहारिक और अनुशासित माना जाता है। 
  • शनि मकर राशि वालों के जीवन में धन, संपत्ति और सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं। 
  • अगर ये जातक कर्म के मार्ग पर ईमानदारी से चलते हैं, तो शनि उन्हें उन्नति के उच्च शिखरों तक पहुँचा सकते हैं।

शनि की शक्तिशाली राशि कुंभ है

वहीं, कुंभ राशि, जो वायु तत्व की राशि है, पर भी शनि का स्वामित्व होता है। इस राशि पर शनि का प्रभाव ज्ञान, तर्क और अध्यात्म की दिशा में होता है। कुंभ राशि वाले व्यक्ति काफी ज्यादा विचार करने वाले व्यक्ति होते हैं। इसीलिए शनि की कृपा इनके ऊपर काफी ज्यादा बनी होती है ताकि वह सही दिशा में आगे बढ़ सके।

शनि जयंती Shani Jayanti के शुभ मुहूर्त पर अगर आपकी राशि इन दोनों में से कोई एक है तो आपको शनि जयंती के दिन शनि भगवान जी से प्रार्थना और पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसके अलावा दान का कार्य करना चाहिए।

निष्कर्ष

दोस्तों यहां पर आपको बताया गया है की शनि की सबसे ज्यादा शक्तिशाली राशियां कौन-कौन सी होती है। इन दोनों राशि वालों को जीवन में धन की कमी कभी भी नहीं होती है। इसके अलावा ज्ञान की कमी भी नहीं होती है और जीवन में सफलता मिलती है।

शनि जयंती पर इस बार, इन भगवान की जरूर करें पूजा

शनि देव जी के जन्मदिन पर क्या है खास ? नमस्कार दोस्तों, इस वर्ष शनि जयंती Shani Jayanti कल यानी 27 मई को पूरे देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाएगी। 

  • इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि शनि जयंती Shani Jayanti के साथ-साथ कल हिंदू कैलेंडर के हिसाब से तीसरा बड़ा मंगल भी देखने को मिल रहा है। 
  • इसीलिए हनुमान जी की भक्ति शनि देव जी की कृपा से बड़ा चमत्कार होने वाला है। 

शनि जयंती Shani Jayanti के दिन शनि देव जी का जन्म हुआ था

  • ऐसा बोला जाता है की शनि जयंती Shani Jayanti के दिन भगवान शनि देव जी का जन्म हुआ था। 
  • इस दिन पूजा पाठ करने से परेशानियों से मुक्ति मिलती है और शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या जैसे दोषों का प्रभाव कम हो जाता है। 
  • विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है जिनकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर मानी जाती है।
  • पुराणों में उल्लेख मिलता है की शनि देव जी भगवान सूर्य जी के पुत्र हैं और उनका स्वभाव न्यायप्रिय है। 
  • वे व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देते हैं। 
  • इसलिए इस दिन अच्छे कर्म करने, गरीबों को दान देने और सेवा भाव अपनाने का विशेष महत्व है। 
  • इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना, काले तिल का दान करना, और शनि चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

शनि देव जी के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए

शनि देव जी की पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की आराधना भी अवश्य करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है की हनुमान जी के आशीर्वाद से शनि के बुरे प्रभाव से रक्षा होती है। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर श्रद्धालु अपने जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का अनुभव करते हैं।

इस पावन दिन पर विशेष ध्यान रखें की गलती से भी मांस, मछली या नमक का सेवन न करें। शुद्ध और सात्विक आहार लें और मन, वचन तथा कर्म से शुद्धता बनाए रखें। संयमित जीवनशैली और पूजा-पाठ से शनि देव जी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

दोस्तों आइए, 27 मई को शनि जयंती Shani Jayanti और बड़े मंगल के इस शुभ संयोग पर शनि देव और बजरंगबली की पूजा करके अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करें। अगर आपके जीवन में भी किसी प्रकार का संकट जाने का नाम नहीं ले रहा है तो कल का दिन बहुत अच्छा हो सकता है।

घर में पैसा लाने के लिए, क्या कुछ करें

घर में कौन-कौन सी चीज रखने से पैसों Money की कमी दूर हो सकती है? नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको बताने वाले हैं की घर में कौन-कौन सी चीज़ें रखने से धन Money और समृद्धि आती है। 

  • हम सभी चाहते हैं की हमारे घर में हमेशा लक्ष्मी जी का वास बना रहे और आर्थिक तंगी कभी न हो। 
  • इसके लिए वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं में कुछ विशेष चीज़ों को घर में रखने की सलाह दी गई है जो धन Money को आकर्षित करती हैं। 
  • आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ चीज़ों के बारे में।

घर में कौन-कौन सी चीज रखने से पैसों Money की कमी दूर होती है

  • माता लक्ष्मी जी की शांत मुद्रा वाली मूर्ति या तस्वीर:- घर में माता लक्ष्मी जी की सुंदर और शांत मुद्रा वाली मूर्ति या तस्वीर अवश्य रखें। 
  • इसे घर के पूजा स्थल या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। 
  • इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन Money की वृद्धि होती है।
  • भगवान कुबेर जी की मूर्ति:- उत्तर दिशा को भगवान कुबेर जी की दिशा माना जाता है। भगवान कुबेर जी को धन Money का देवता कहा गया है। इसलिए उत्तर दिशा में इनकी मूर्ति या तस्वीर रखने से धन Money संपत्ति में बढ़ोतरी होती है और घर में समृद्धि आती है।
  • शंख:- शंख को घर के पूजा स्थल में रखने से आर्थिक लाभ होता है। क्योंकि शंख को कहीं ना कहीं माता लक्ष्मी जी के साथ जोड़ा जाता है इसीलिए इसको घर में रखने से और इसका इस्तेमाल करने से फायदा होता है।
  • घर में एक्वेरियम रख सकते हैं:- घर में एक्वेरियम को रखना भी काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। आप इसके अंदर रंगीन मछलियों का जोड़ा रख सकते हैं। ऐसा करने से घर में पैसों Money की कमी दूर होती है।
  • हाथी की जोड़ी रखनी चाहिए:- वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर के मुख्य दरवाजे पर हाथी के जोड़े को रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आना बंद हो जाती है। इसके साथ-साथ हमें मानसिक शांति भी मिलती है।

निष्कर्ष

दोस्तों, उपर्युक्त चीजों को सही दिशा और श्रद्धा के साथ घर में रखने से निश्चित ही सकारात्मक बदलाव आते हैं और घर में धन Money और सुख-शांति का वास होता है। ध्यान दें इन सभी वस्तुओं को नियमित रूप से साफ रखें और नित्य पूजा करें ताकि उनका प्रभाव बना रहे। आप इन चीजों को अपने घर में किसी शुभ दिन पर रख सकते हैं।

क्या ब्रह्म मुहूर्त में, कार्य करना शुभ माना जाता है

क्या हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त Brahmamuhurtha का विशेष महत्व होता है? नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त Brahmamuhurtha का विशेष महत्व है। 

  • यह समय सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का होता है, यानी सामान्यतः यह मुहूर्त सुबह 4 बजे से 5:30 बजे के बीच माना जाता है। 
  • इसे दिन का सबसे पवित्र और सकारात्मक समय माना गया है। 
  • ऐसा कहा जाता है की इस समय वातावरण शुद्ध, शांत और ऊर्जा से भरपूर होता है, जिससे आत्मा, मन और शरीर को विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त Brahmamuhurtha भगवान जी से जुड़ने का समय होता है

  • आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यह समय भगवान से जुड़ने, ध्यान, मंत्र जाप और साधना के लिए सबसे उपयुक्त होता है। 
  • मान्यता है की जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त Brahmamuhurtha में उठकर कुछ विशेष कार्य करता है, उसके जीवन में न केवल शारीरिक और मानसिक ऊर्जा आती है, बल्कि सुख, शांति, समृद्धि और सकारात्मकता भी बनी रहती है।
  • हिंदू धर्म के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने एक विशेष परंपरा की शुरुआत की थी जिसमें वे सुबह ब्रह्म मुहूर्त Brahmamuhurtha में उठकर बिना नहाए ही कुछ शुभ कार्य करते थे। इनमें से सबसे प्रमुख कार्य होता था सुप्रभात मंत्र का जाप। 
  • यह मंत्र वातावरण को शुद्ध करता है और मन को शांत करता है।
  • ब्रह्म मुहूर्त Brahmamuhurtha पर ओम का जाप करना काफी अच्छा माना जाता है
  • इसके अलावा इस समय ध्यान लगाना, ओम का उच्चारण करना, गीता या किसी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी होता है। 
  • ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का विनाश देखने को मिलता है और एक अच्छी ऊर्जा पैदा होती है।

ब्रह्म मुहूर्त Brahmamuhurtha में उठने के लाभ के बारे में भी हम जल्दी से जान लेते हैं:-

  • मानसिक तनाव कम होता है
  • स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है
  • शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है
  • दिनभर काम करने की ऊर्जा प्राप्त होती है

आध्यात्मिक उन्नति होती है

आपको बताना चाहते हैं की इस जानकारी को आपके फायदे के लिए बनाया गया है। समय चाहे कोई सा भी हो भगवान जी का नाम जपना कोई बुरा कार्य नहीं होता है। लेकिन इस समय जपने के साथ-साथ मन में अच्छे विचार आना भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है।

निष्कर्ष

दोस्तों अगर आप अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता चाहते हैं तो ब्रह्म मुहूर्त Brahmamuhurtha में उठने की आदत डालिए। बिना नहाए भी अगर आप इस शुभ समय में मंत्र जाप, ध्यान या प्रार्थना करते हैं, तो यह आपके जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकता है।

पूर्वजों की तस्वीर, किस जगह पर लगाना सही होता है

क्या आप लोग भी अपने घर में पितरों की तस्वीर Pitaro Ki Tasveer सही जगह पर लगाना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, वास्तु शास्त्र में हर चीज़ के लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, ताकि घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। 

  • इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण विषय है पितरों की तस्वीर Pitaro Ki Tasveer लगाना। 
  • हमारे पूर्वजों की तस्वीरें लगाना सम्मान का प्रतीक है, लेकिन यदि इसे गलत दिशा या स्थान पर लगाया जाए, तो इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है।

दक्षिण दिशा में हमेशा तस्वीर को लगाना चाहिए

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीर Pitaro Ki Tasveer लगाने के लिए दक्षिण दिशा को सबसे शुभ माना गया है। 
  • ऐसा माना जाता है की यह दिशा यम की दिशा होती है और पितृ इसी दिशा से संबंधित होते हैं। 
  • जब पितरों की तस्वीरें Pitaro Ki Tasveer दक्षिण दिशा में लगाई जाती हैं, तो इससे घर में शांति, समृद्धि और पारिवारिक एकता बनी रहती है। 

यह हमारे पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का भी एक सही तरीका है।

वहीं दूसरी ओर, ड्राइंग रूम या बेडरूम में पितरों की तस्वीर Pitaro Ki Tasveer लगाना वर्जित माना गया है। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, इन स्थानों पर पितरों की तस्वीरें Pitaro Ki Tasveer लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है और पारिवारिक कलह या मानसिक अशांति बढ़ सकती है। विशेष रूप से शयनकक्ष यानी बेडरूम में ऐसी तस्वीरें लगाने से रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है।

तस्वीर को हमेशा साफ जगह पर लगाना चाहिए

पितरों की तस्वीर Pitaro Ki Tasveer की आए दिन साफ सफाई करते रहना चाहिए। इसके अलावा इनके सामने तीज त्यौहार या फिर जन्मदिन पर दिया जरूर जलाना चाहिए और हो सके तो फूल भी चढ़ाना चाहिए। आप इन तस्वीरों की जितनी चिंता करेंगे आपको भविष्य में जाकर उतना ही लाभ मिल सकता है। इन तस्वीरों को नियम के हिसाब से जरूर लगाना चाहिए तभी आपको फायदा होगा। ऐसा करने पर आप आशीर्वाद पाकर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं और कुछ हासिल कर सकते हैं।

निष्कर्ष

पितरों की तस्वीर Pitaro Ki Tasveer लगाने से पूर्व वास्तु नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। यदि इन्हें सही दिशा और स्थान पर लगाया जाए, तो यह आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। लेकिन नियमों की अनदेखी करने पर पितृ नाराज हो सकते हैं और इससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। अतः इन बातों का विशेष ध्यान रखें और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करें।

कब से है नौतपा की शुरुआत, यहां पर देखिए

किस तारीख से है नौतपा Nautapa की शुरुआत? नमस्कार दोस्तों, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो इसके बाद नौ दिनों तक पृथ्वी पर तीव्र गर्मी पड़ती है। 

  • इस विशेष समय को नौतपा Nautapa कहा जाता है। 
  • यह एक ऐसा काल होता है जब सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिससे तापमान में असामान्य वृद्धि होती है और गर्मी अपने चरम पर पहुंच जाती है।

आज से हो रही है इसकी शुरुआत 

  • इस वर्ष सूर्य देव 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं और यह स्थिति 8 जून तक बनी रहेगी। 
  • अर्थात 25 मई से लेकर अगले नौ दिनों तक नौतपा Nautapa चलेगा। 
  • मान्यता है की इन दिनों में सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होता है, जिससे तापमान में तेज़ी से इजाफा होता है। 
  • इन दिनों तेज लू चलती है, पसीना अधिक आता है और जल की कमी की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो नौतपा Nautapa के दौरान सूर्य की सीधी किरणें उत्तरी गोलार्ध में पड़ती हैं, जिससे तापमान उच्चतम स्तर पर पहुंचता है। 
  • इससे वातावरण में गर्मी तो बढ़ती ही है, लेकिन बाद में यही गर्मी मानसून के बनने और बादलों के घनीभूत होने में सहायक भी होती है। 
  • यही कारण है की नौतपा Nautapa के समाप्त होने के बाद धीरे-धीरे मौसम में बदलाव आने लगता है और मानसून की शुरुआत की संभावनाएं बनती हैं।

शरीर और मन दोनों को शुद्ध रखा जा सकता है 

धार्मिक मान्यता के अनुसार, नौतपा Nautapa के दौरान सूर्य की उपासना से शरीर और मन दोनों को शुद्ध किया जा सकता है। कुछ लोग इस दौरान व्रत भी रखते हैं और शीतल जल का दान करते हैं, ताकि सूर्य देव प्रसन्न हों और मौसम में संतुलन बना रहे।

इन नौ दिनों में अधिक से अधिक जल का सेवन करें, धूप में निकलने से बचें, सिर पर टोपी या गमछा रखें और ठंडी चीजों का सेवन करें। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि वे लू और डिहाइड्रेशन से जल्दी प्रभावित होते हैं। इस प्रकार, नौतपा Nautapa एक प्राकृतिक और ज्योतिषीय घटना है, जो न सिर्फ गर्मी का संकेत देती है बल्कि मानसून के आगमन की भी पूर्व सूचना होती है।

निष्कर्ष

इस जानकारी में आपको बताया गया है की आज यानी की 25 मई से नौतपा Nautapa की शुरुआत हो रही है। इसमें आने वाले 9 दिनों में काफी तेज गर्मी देखने को मिलती है। इन 9 दिनों में लोगों को गर्मी के प्रभाव से बचकर रहना चाहिए।

फेंगशुई के हिसाब से, कछुआ रखने की सही दिशा क्या है

फेंगशुई Feng shui के अनुसार घर में कछुआ कहां पर रखा जाए? नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेंगे फेंगशुई Feng shui के अनुसार कछुए के महत्व के बारे में। 

  • फेंगशुई Feng shui एक प्राचीन विज्ञान है, जो हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने और नकारात्मकता को दूर करने का मार्गदर्शन करता है। 
  • फेंगशुई Feng shui के अनुसार घर या दुकान में धातु या क्रिस्टल का कछुआ रखना बेहद शुभ माना जाता है।

कहां पर रखना चाहिए कछुआ

  • नियम के हिसाब से हमेशा कछुए को उत्तर दिशा में रखना चाहिए तभी जाकर आपको इसका लाभ प्राप्त हो सकता है। 
  • इसके अलावा लोगों का ध्यान भी इसकी तरफ जाता है। 
  • जब आप कछुए को उत्तर दिशा में रखते हैं, तो यह न सिर्फ पैसों की आवक बढ़ाता है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा भी फैलाता है। 
  • इससे आपके जीवन में खुशहाली आती है और आर्थिक समस्याओं से राहत मिलती है।
  • अगर आप व्यापार करते हैं या कोई दुकान चलाते हैं, तो आपके लिए एक और उपाय बेहद लाभदायक हो सकता है। 
  • आपको अपनी दुकान के मुख्य द्वार पर कछुए की तस्वीर लगानी चाहिए। 
  • फेंगशुई Feng shui में यह उपाय धन की प्राप्ति और व्यवसाय में वृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। 
  • ऐसा करने से आपके रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं और ग्राहक भी बढ़ सकते हैं।

स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह काफी ज्यादा फायदेमंद है

अगर आपके घर में भी किसी प्रकार की बीमारी फैली हुई है या फिर किसी व्यक्ति की तबीयत लंबे समय से खराब है तो ऐसे में आप नियम के हिसाब से दक्षिण-पूर्व दिशा में लकड़ी का कछुआ रख सकते हैं। लकड़ी का कछुआ रोगों को दूर करने और स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए बेहद कारगर माना जाता है। इसके अलावा धर्म के हिसाब से लकड़ी को काफी ज्यादा पवित्र भी माना जाता है।

फेंगशुई Feng shui के नियम कानून के हिसाब से अगर हम कछुए को सही दिशा में रखते हैं तो हमें घर में बहुत सारे लाभ देखने को मिल सकते हैं। यहां बहुत ही आसान नियम है और बहुत सारे घरों में आप इसको देख सकते हैं।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, अगर आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य चाहते हैं, तो फेंगशुई Feng shui कछुए को जरूर अपनाएं। इसको मार्केट से खरीदने से पहले आप किसी ऐसे व्यक्ति से भी बातचीत कर सकते हैं जिन्होंने पहले से अपने घर में इसको रखा हुआ हो। इसके अलावा आप चाहे तो हमारी जानकारी को भी आराम से फॉलो कर सकते हैं।

शनि प्रदोष व्रत पर, क्या करने से मिलेगा फायदा

शनिवार को प्रदोष व्रत होने की वजह से हमें क्या कुछ करना चाहिए? नमस्कार दोस्तों, हम आपको बताना चाहते हैं की शनिवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने पर उसे शनि प्रदोष व्रत Shani Pradosh Vrat कहा जाता है। 

  • यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है, लेकिन शनिवार को पड़ने के कारण इसका संबंध शनि देव से भी जुड़ जाता है। 
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या फिर किसी प्रकार का शनि दोष होता है, उनके लिए यह व्रत विशेष लाभकारी माना गया है।

इस दिन हमें व्रत जरूर रखना चाहिए

  • शनि प्रदोष व्रत Shani Pradosh Vrat का पालन करने से शनि के कुप्रभाव शांत होते हैं और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और स्थिरता आती है। 
  • यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों को करना चाहिए जिन्हें जीवन में बार-बार रुकावटें, आर्थिक परेशानियाँ या मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
  • इस व्रत में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रखा जाता है और शाम के समय भगवान शिव और शनि देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। 
  • इस दिन भगवान शिव को जल, बेलपत्र, धतूरा, सफेद पुष्प आदि अर्पित किए जाते हैं। 
  • इसके अलावा, शनिदेव को काली वस्तुएं जैसे काला तिल, काला कपड़ा, सरसों का तेल आदि अर्पित करना भी शुभ माना जाता है।

इस दिन ध्यानपूर्वक कथा को जरूर सुनना चाहिए

शनि प्रदोष व्रत Shani Pradosh Vrat के दिन शनि प्रदोष व्रत Shani Pradosh Vrat कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह कथा भगवान शिव की महिमा, उनके कृपा से शनिदेव को प्राप्त शांति और भक्तों को प्राप्त वरदानों को दर्शाती है। यह कथा थोड़ी लंबी जरूर होती है, लेकिन जब इसे श्रद्धा और ध्यानपूर्वक पढ़ा जाए तो मन को अद्भुत शांति और आध्यात्मिक बल की अनुभूति होती है।

इस कथा के पाठ से व्रत का पूर्ण फल मिलता है और जीवन में आ रही नकारात्मक ऊर्जा धीरे-धीरे समाप्त होती है। अतः यदि आप शनि से जुड़े किसी दोष से पीड़ित हैं तो शनिवार के दिन शनि प्रदोष व्रत Shani Pradosh Vrat रखकर भगवान शिव और शनिदेव की आराधना करें और इस कथा का पाठ जरूर करें। इससे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव अवश्य आएंगे।

निष्कर्ष

दोस्तों यहा पर आपको बताया गया है की इस साल 2025 में जो प्रदोष व्रत देखने को मिल रहा है वह काफी ज्यादा खास होने वाला है। आज यानी की शनिवार को प्रदोष व्रत 2025 में मनाया जा रहा है इसीलिए इसका खास महत्व है।

भाद्रपद नक्षत्र के दूसरे पद में प्रवेश करने पर, क्या होगा बदलाव

क्या है राशि और नक्षत्र Nakshatra परिवर्तन से जुड़ी नई जानकारी? नमस्कार दोस्तों, ज्योतिष शास्त्र में शनि देव जी को न्याय के देवता कहा गया है। 

  • वे अपने कर्मों के अनुसार फल देने वाले ग्रह माने जाते हैं। 
  • शनि एक निश्चित अवधि के बाद राशि और नक्षत्र Nakshatra परिवर्तन करते हैं, जिसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है। 
  • आमतौर पर शनि एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं और नक्षत्र परिवर्तन लगभग 1 साल में करते हैं। 
  • ऐसे में एक राशि में दोबारा आने में करीब 27 साल का समय लग जाता है।

अप्रैल 2025 में क्या हुआ था

  • अप्रैल 2025 में शनि ने अपने ही नक्षत्र Nakshatra उत्तर भाद्रपद में प्रवेश किया था। 
  • उत्तर भाद्रपद नक्षत्र Nakshatra एक खास राशि में आता है और इसका संबंध अध्यात्म, स्थिरता और गहराई से होता है। 
  • जब शनि अपने ही नक्षत्र Nakshatra में आते हैं तो वे विशेष प्रभाव डालते हैं और कई लोगों की किस्मत बदलने लगती है। 
  • इस समय कुछ राशियों के लिए यह समय बेहद शुभ साबित हो रहा है।
  • जून के महीने में शनि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र Nakshatra के दूसरे पद में प्रवेश करने वाले हैं। 
  • ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब शनि नक्षत्र Nakshatra के पदों में बदलाव करते हैं तो वह विशेष प्रकार की ऊर्जा लाते हैं, जिससे कुछ राशियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 
  • खासकर जून के महीने में मिथुन, कन्या और कुम्भ राशि के जातकों को इस समय लाभ मिल सकता है।

परिवर्तन से क्या कुछ फायदा होने वाला है

इस परिवर्तन के दौरान नौकरी, व्यवसाय, निवेश और पारिवारिक जीवन में सुधार के संकेत हैं। लंबे समय से चली आ रही समस्याएं सुलझ सकती हैं और नई योजनाएं सफल हो सकती हैं। साथ ही जो लोग लंबे समय से प्रयास कर रहे थे, उन्हें अब मेहनत का फल मिल सकता है।

हालांकि, कुछ राशियों के लिए यह समय थोड़ा सतर्क रहने का भी संकेत दे रहा है। कुछ राशि के जातकों को शनि की चाल पर नजर रखनी चाहिए और सोच-समझकर निर्णय लेने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष

इस तरह शनि का नक्षत्र Nakshatra परिवर्तन जहां कुछ लोगों के लिए शुभ समाचार ला सकता है, वहीं दूसरों को सावधानी बरतने की ज़रूरत है। ज्योतिषीय उपाय और नियमित शनि पूजा इस दौरान लाभकारी सिद्ध हो सकती है। हर राशि के लिए यह समय अलग असर लाएगा, लेकिन कर्म ही असली धर्म है यही शनि का संदेश है। हम उम्मीद करते हैं की आपका समय भी अच्छा साबित हो।

शनि के प्रभाव से बचने के लिए, क्या कुछ करना चाहिए

शनि Shani के प्रभाव से बचने के लिए हमें क्या कुछ करना चाहिए? नमस्कार दोस्तों, ज्योतिष शास्त्र में शनि Shani देव जी को न्याय का देवता माना गया है। 

  • वे हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। 
  • अच्छे कर्म करने वाले को शनि Shani देव आशीर्वाद देते हैं, वहीं बुरे कर्म करने वालों को चेतावनी और दंड भी देते हैं। 
  • जब शनि Shani की साढ़ेसाती या ढैय्या चलती है तो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। 
  • ऐसे में शनि Shani के प्रभाव को शांत करने और उनके प्रकोप से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है। 
  • आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रभावशाली उपाय।

शनि Shani के प्रभाव से बचने के लिए हमें क्या कुछ करना चाहिए

  • लोहे के छल्ले का प्रयोग करें:- शनि Shani के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए लोहे का छल्ला धारण करना लाभकारी माना जाता है। 
  • इसे दाहिने हाथ की मध्यमा यानी बीच वाली उंगली में शनिवार के दिन पहनना चाहिए। 
  • यह छल्ला शुद्ध लोहे का होना चाहिए और इसे शनि Shani मंत्रों के साथ अभिमंत्रित कर पहनना चाहिए।
  • शनि Shani जयंती पर करें दान:- शनि Shani जयंती के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। इस दिन काले रंग की वस्तुएं जैसे काले जूते, काले कपड़े और लोहे के बर्तन का दान करना शनि Shani देव को प्रसन्न करता है। ऐसा करने से जीवन में चल रही बाधाएं और कष्ट दूर होते हैं।
  • सरसों के तेल का अर्पण:- शनिवार को या शनि Shani जयंती के दिन शनि Shani देव की प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाना शुभ माना जाता है। यह क्रिया शनि Shani देव को शांत करने में सहायक होती है। साथ ही पीपल के पेड़ पर तेल चढ़ाकर सात बार उसकी परिक्रमा करने से भी लाभ मिलता है।
  • नियमित रूप से करें शनि मंत्र का जाप:- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से शनि Shani की कृपा बनी रहती है। शनिवार को यह मंत्र 108 बार जपना विशेष फलदायी होता है।

निष्कर्ष

दोस्तों, अगर आप इन उपायों को श्रद्धा और नियमपूर्वक अपनाते हैं तो निश्चित ही शनि Shani देव की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहेगी। लेकिन इनमें से कुछ उपाय को करने से पहले आप चाहे तो घर के किसी बड़े से भी इसके बारे में पूछताछ कर सकते हैं, इसके बाद ही उपाय को फॉलो करें।

घर में नल टपकने का, मतलब देख लीजिए

क्या आपके घर में भी नल Tap टपकता रहता है? नमस्कार दोस्तों, हम सभी के घर में नल Tap लगे होते हैं, जो रोजमर्रा के कामों में बहुत उपयोगी होते हैं। 

  • लेकिन कई बार ऐसा होता है की नल Tap बंद करने के बाद भी उसमें से पानी टपकता रहता है। 
  • यह छोटी-सी दिखने वाली समस्या वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुत बड़े नकारात्मक प्रभाव ला सकती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार टपकते नल Tap का महत्व

  • वास्तु शास्त्र में जल तत्व को धन, समृद्धि और शांति से जोड़ा गया है। 
  • जब नल Tap से लगातार पानी टपकता रहता है, तो इसे धन के हानि का संकेत माना जाता है। 
  • कहा जाता है की जिस तरह पानी व्यर्थ बहता है, उसी तरह घर का धन भी धीरे-धीरे खर्च होता रहता है।
  • टपकते हुए नल Tap की आवाज घर में दिन-रात सुनाई देती रहती है। 
  • ऐसा होने पर घर में और परिवार के सदस्यों के बीच आपसी झगड़े, असंतोष और बेचैनी जैसी समस्याएं जन्म लेने लगती हैं।

माता लक्ष्मी की कृपा से वंचित हो सकता है घर

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जहां पर सफाई और व्यवस्था होती है, वहीं मां लक्ष्मी का वास होता है। यदि घर में टूटा-फूटा या खराब नल Tap लगा हो, और उसमें से लगातार पानी टपकता रहे, तो यह अशुभ माना जाता है। इससे घर में मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती और आर्थिक समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहले घर के सभी नलों Tap की जांच करनी चाहिए। यदि कोई नल Tap खराब है या टपक रहा है, तो उसे तुरंत ठीक करवाना चाहिए। इससे न केवल पानी की बचत होगी, बल्कि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहेगी। इसलिए दोस्तों, यह जरूरी है की हम वास्तु शास्त्र की इन बातों को नजरअंदाज न करें। एक साधारण सी लापरवाही हमारे जीवन में बड़ी समस्याएं खड़ी कर सकती है।

बहता पानी कहां अच्छा लगता है

हमें इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए की बहता पानी केवल नदी में शुभ होता है, घर में नहीं। अगर आपके घर में चाहे नल में से या फिर किसी पाइप में से पानी टपकता रहता है तो फिर यह गलत तो होता है। 

निष्कर्ष

यहां पर आपको बताया गया है की अगर आपके घर में भी लगातार नल Tap टपकता रहता है तो यह अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा होने पर गलत प्रभाव पड़ सकता हैं। इसीलिए हमें ऐसा होने पर बचना चाहिए।

शनि जयंती के दिन हमें, कहां-कहां दीपक जलाना चाहिए

शनि देव जी के जन्मदिन पर कहां-कहां दीपक जलाना शुभ माना जाता है? नमस्कार दोस्तों शनि देव जी की जयंती से जुड़े आपने बहुत सारे लेख पढ़े होंगे। 

  • लेकिन आज हम आपके लिए एकदम नई जानकारी लेकर आए हैं और यह जानकारी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकती है। 
  • यह समय ऐसा समय होता है जब विधिपूर्वक पूजा-पाठ, व्रत और दीपक जलाने से शनि देव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 
  • तो चलिए आज की जानकारी की शुरुआत जल्दी से कर लेते हैं। 

शनि देव जी को कर्मफल दाता माना जाता है 

  • शनि देव जी को ग्रहों में न्यायप्रिय और कर्मफल दाता माना जाता है। 
  • जिनकी कुंडली में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, उनके लिए यह दिन विशेष लाभकारी माना जाता है। 
  • इस दिन यदि श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा की जाए और दीपक जलाए जाएं, तो शनि दोष कम होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • शनि जयंती Shani Jayanti पर दीपक कौन-कौन सी जगह पर जलाना चाहिए यह एक बहुत बड़ा सवाल है। 
  • क्योंकि इस दिन सही जगह दीपक जलाने पर आपको काफी ज्यादा मुनाफा हो सकता है। 

कौन-कौन से स्थान पर दीपक जलाना चाहिए

  • पीपल के पेड़ के नीचे:- शनि देव जी का विशेष संबंध पीपल के पेड़ से होता है। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना अत्यंत पुण्यकारी होता है।
  • शनि मंदिर में:- शनि देव जी के मंदिर में जाकर दीपक जलाना और काले तिल अर्पित करना शनि की कृपा पाने का प्रमुख उपाय माना जाता है।
  • घर के मुख्य दरवाजे पर:- इस दिन घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का प्रवेश होता है।
  • हनुमान मंदिर में:- हनुमान जी को शनि देव जी का परम भक्त माना जाता है। हनुमान मंदिर में दीपक जलाने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है और मन को बल मिलता है।

शनि देव जी की जयंती एक ऐसा दिन होता है जो हिंदू धर्म में काफी ज्यादा अच्छा दिन माना जाता है। इस दिन शनि देव जी को खुश किया जा सकता है और दान में काला वस्त्र या फिर काला तिल दिया जा सकता है। ऐसा करना वाकई में शुभ माना जाता है।  

निष्कर्ष

दोस्तों यहां पर आपको बताया गया है की शनि देव जी की जयंती पर हमें क्या कुछ करना चाहिए और कहां-कहां पर दीपक जलाना चाहिए। हिंदू धर्म में इस दिन दीपक जलाना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।

अपरा एकादशी पर, शिवलिंग पर क्या अर्पित करें

एकादशी पर कैसे करें भगवान शिव जी को खुश? नमस्कार दोस्तों, सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है और अपरा एकादशी Apara Ekadashi तो और भी खास मानी जाती है। 

  • यह तिथि भगवान विष्णु जी को समर्पित होती है, लेकिन इस दिन भगवान शिव जी की पूजा का भी विशेष महत्व है। 
  • इस बार अपरा एकादशी Apara Ekadashi का पावन पर्व 23 मई 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। 
  • इस दिन अगर विधि-विधान से भगवान शिव जी की पूजा की जाए और कुछ विशेष वस्तुएं शिवलिंग पर अर्पित की जाएं, तो घर में सुख-समृद्धि, शांति और धन का आगमन होता है।

अपरा एकादशी Apara Ekadashi पर शिवलिंग पर क्या कुछ चढ़ाना चाहिए

  • बेलपत्र:- भगवान शिव जी को पवित्र और महत्वपूर्ण दिन पर बेलपत्र जरूर अर्पित करें। 
  • क्योंकि भगवान शिव जी को बेलपत्र बहुत ज्यादा पसंद होते हैं और ऐसा करने से आपकी सभी इच्छा पूरी हो सकती है। 
  • भगवान शिव जी को तकलीफ हरण करने वाला माना जाता है इसीलिए इनकी पूजा करनी चाहिए। 
  • दूध:- इस दिन शिवलिंग पर कच्चा गाय का दूध चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता और संकट दूर होते हैं। दूध चढ़ाने से मन शांत होता है और मानसिक तनाव भी कम होता है।
  • अक्षत (चावल):- शिवलिंग पर अक्षत यानी बिना टूटे हुए चावल चढ़ाना भी शुभ फलदायी होता है। यह समर्पण का प्रतीक माना जाता है। अपरा एकादशी Apara Ekadashi के दिन अक्षत चढ़ाने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और लक्ष्मी माता की कृपा भी प्राप्त होती है।
  • गंगाजल:- गंगाजल को बहुत ही पवित्र माना गया है, शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में शुद्धता आती है। गंगाजल से अभिषेक करने पर भगवान शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
  • धतूरा और भांग:- हालांकि ये दोनों सामान्य रूप से नशीले माने जाते हैं, लेकिन शिव पूजन में इनका विशेष स्थान है। शिवलिंग पर धतूरा और भांग चढ़ाने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और व्यक्ति की रक्षा होती है।

निष्कर्ष

इस अपरा एकादशी Apara Ekadashi पर इन सभी वस्तुओं को श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान शिव जी को अर्पित करें और अपने जीवन में सुख, शांति और धन की प्राप्ति करें। आपको बताना चाहते हैं की भगवान शिव जी हर किसी को एक जैसा मानते हैं इसीलिए हर कोई उनके लिए पूजा पाठ कर सकता है। आप सभी को अपरा एकादशी Apara Ekadashi की शुभकामनाएं।

प्रदोष व्रत के दिन, क्या करने से डर दूर होता है

क्या आप लोग अपने मन के डर को दूर करना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में प्रदोष व्रत Pradosh Vrat 24 मई, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। 

  • यह व्रत भगवान शिव जी और माता पार्वती जी को समर्पित होता है। 
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत Pradosh Vrat के दिन भगवान शिव जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है और इस दिन की गई प्रार्थना शीघ्र ही फल देती है।

प्रदोष व्रत Pradosh Vrat का महत्व

  • प्रदोष व्रत Pradosh Vrat से जुड़ी एक अच्छी और नई बात आपको बताना चाहते हैं की इस व्रत को हमेशा शाम के समय करना चाहिए। 
  • ऐसा माना जाता है की यह वही समय होता है जब भगवान शिव जी नृत्य करते है और ऐसे समय पर पूजा करने से बहुत ज्यादा फायदा होता है।
  • इस दिन प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है। 
  • फिर संध्या के समय शिव मंदिर जाकर भगवान शिव जी और माता पार्वती जी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। 
  • पूजा में बेलपत्र, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। 
  • इसके साथ ही धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करके भगवान से जीवन में सुख-शांति और भय मुक्ति की प्रार्थना की जाती है।

शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ

प्रदोष व्रत Pradosh Vrat के पवित्र दिन पर रक्षा स्तोत्र का पाठ हमें जरूर करना चाहिए। अक्सर व्यक्ति के जीवन में किसी बात को लेकर डर बैठ जाता है। इस डर को दूर करने के लिए आप सभी लोग रक्षा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। 

ऐसा माना जाता है की इस दिन शिवलिंग का अभिषेक और शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से जीवन के सभी प्रकार के डर दूर होते हैं और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। भगवान शिव जी अपने भक्तों के समस्त कष्टों को हर लेते हैं। 

आपको बताने जाते हैं की रक्षा स्तोत्र का पाठ एक ऐसा पाठ होता है जिसको कोई भी कर सकता है। इसके अलावा यदि आप करने बैठे तो अपने पूरे परिवार को साथ में लेकर बैठना चाहिए। ऐसा करने से और भी ज्यादा फायदा होता है और हर किसी को लाभ मिलता है। 

निष्कर्ष

तों दोस्तों साल 2025 में यह दिन कब मनाया जाएगा इसके बारे में आपको बताया गया है। इस दिन हमें व्रत रखने के साथ साथ क्या कुछ करना चाहिए इसके बारे में भी बताया गया है। इस जानकारी को अपने मित्रों और परिवारजनों के साथ भी जरूर साझा करें, हर हर महादेव।

क्या कांच टूटना, अशुभ माना जाता है या फिर नहीं

कांच Mirror का टूटना अशुभ माना जाता है या फिर नहीं? नमस्कार दोस्तों, अक्सर आपने सुना होगा की अगर घर में कांच Mirror टूट जाए तो लोग तुरंत बोल उठते हैं की ये अशुभ संकेत है। लेकिन क्या वाकई में टूटा हुआ कांच अशुभ होता है, या ये सिर्फ हमारी परंपराओं और मान्यताओं का हिस्सा है, आइए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से।

कांच Mirror को माना जाता है सुंदरता का प्रतीक 

  • कांच Mirror को प्राचीन समय से ही सुंदरता, शुद्धता और पारदर्शिता का प्रतीक माना जाता है। 
  • यही कारण है की घरों, मंदिरों और महलों की सजावट में इसका प्रयोग होता आया है। 
  • जब कोई चीज जो सुंदरता का प्रतीक हो, टूट जाती है, तो उसे नकारात्मकता से जोड़ दिया जाता है। 
  • खासतौर पर जब मंदिर या पूजास्थल का कांच Mirror टूट जाए, तो इसे धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है। 
  • ऐसा माना जाता है की यह किसी अनिष्ट की ओर संकेत कर सकता है।
  • हिंदू धर्म में भी कांच Mirror का विशेष महत्व है। 
  • देवी-देवताओं के मंदिरों में कांच Mirror का उपयोग उनकी छवि को सजाने और उनकी उपस्थिति को भव्य बनाने के लिए किया जाता है। 
  • अगर ऐसे किसी पवित्र स्थान का कांच Mirror टूट जाए, तो लोग इसे भगवान की नाराज़गी के रूप में देखते हैं।

वैज्ञानिक दुनिया क्या कहती है 

लेकिन अगर हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो यह कहना उचित नहीं होगा की कांच Mirror टूटना अशुभ है। कई बार ऐसा होता है की कांच Mirror टूटने के थोड़ी देर बाद ही कोई अप्रिय घटना घटती है, जिससे लोग दोनों बातों को जोड़ लेते हैं और मान लेते हैं की कांच Mirror टूटना ही कारण था। वास्तव में यह केवल एक संयोग होता है।

कभी-कभी कांच Mirror का टूटना हमारी लापरवाही, मौसम के बदलाव या पुराने कांच Mirror के कमजोर होने की वजह से भी हो सकता है। विज्ञान इसे केवल एक भौतिक घटना मानता है, जिसका भविष्य से कोई संबंध नहीं होता।

इसलिए दोस्तों, यह जरूरी है की हम अंधविश्वास और परंपरा के बीच का फर्क समझें। हर टूटी हुई चीज अशुभ नहीं होती, जरूरी है की हम तार्किक सोच रखें और घटनाओं को केवल संयोग की नजर से भी देखें।

निष्कर्ष

कांच Mirror का टूटना एक सामान्य घटना है, लेकिन हमारे समाज में इसे परंपराओं और मान्यताओं के कारण अशुभ माना जाता है। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका कोई आधार नहीं है। हमें सोच-समझकर किसी बात को मानना चाहिए और किसी से पूछ लेना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के हिसाब से, पुरुषों को क्या नहीं करना चाहिए

वास्तु शास्त्र Vastu Shastra में पुरुषों के लिए क्या कुछ नियम बनाए गए हैं? नमस्कार दोस्तों, वास्तु शास्त्र Vastu Shastra की साइंस में हर एक चीज के लिए कुछ नियम कानून तैयार किए गए हैं जिनको फॉलो करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। जैसे महिलाओं के लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, वैसे ही पुरुषों के लिए भी वास्तु शास्त्र Vastu Shastra में कई जरूरी नियम बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर वे अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

शाम के समय न करें नींद पूरी

  • वास्तु शास्त्र Vastu Shastra के नियम के हिसाब से व्यक्ति को कभी भी शाम के समय सोना नहीं चाहिए।
  • ऐसा करना गलत होता है और शारीरिक ऊर्जा में गिरावट आ सकती है। 
  • अगर आप थके हुए हैं तो थोड़ी देर के लिए आराम कर सकते हैं, लेकिन गहरी नींद लेने से बचना चाहिए। 
  • ऐसा इसलिए क्योंकि शाम के समय छोटे-मोटे काम के लिए जरूरत होती रहती है।
  • वास्तु शास्त्र Vastu Shastra के अनुसार पुरुषों को अपना वॉलेट हमेशा सही दिशा और स्थान पर रखना चाहिए। 
  • वॉलेट में अनावश्यक पर्चियां, पुराने बिल या गंदगी नहीं होनी चाहिए।
  • ऐसा करने से धन की हानि हो सकती है। 
  • वॉलेट को आप चाहे तो एक सुरक्षित जगह पर रख सकते हैं।

गंदे कपड़ों से बनाएं दूरी

पुरुषों को कभी भी गंदे या फटे-पुराने कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ऐसा करना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और समाज में आपकी छवि भी प्रभावित होती है। साफ और व्यवस्थित कपड़े न केवल आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, बल्कि शुभता को भी आमंत्रित करते हैं।

वास्तु शास्त्र Vastu Shastra के अनुसार पुरुषों को कभी भी अपनी मां, बहन या पत्नी का अपमान नहीं करना चाहिए। स्त्रियों का सम्मान करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। अपमान से घर में तनाव और दरिद्रता का वास होता है।

दक्षिण दिशा में मुंह करके न खाएं भोजन

खास ध्यान देने वाली बात यह है की पुरुषों को कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करना वास्तु दोष को जन्म देता है और स्वास्थ्य तथा धन हानि का कारण बन सकता है। अगर आपको सही दिशा में भोजन करना है तो फिर आप किसी से राय ले सकते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों, ये छोटे-छोटे नियम अगर सही तरीके से अपनाए जाएं, तो जीवन में बड़े बदलाव ला सकते हैं। ऊपर दिए गए नियम के हिसाब से आपको बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है। आप बस कुछ आसान से नियमों का पालन कर सकते हैं।

कालाष्टमी के पर्व पर, देखिए महत्वपूर्ण जानकारी

क्या आप लोग साल 2025 में कालाष्टमी Kalashtami पर्व के बारे में जानना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में कालाष्टमी Kalashtami का त्यौहार भगवान काल भैरव जी को समर्पित होता है। 

  • इन्हें भगवान शिव का रौद्र और रक्षक रूप माना जाता है। 
  • मान्यता है की जो भक्त सच्चे मन से भगवान भैरव जी की पूजा करता है, उसे जीवन में भय, शत्रु बाधा और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। 
  • काल भैरव जी समय और मृत्यु के स्वामी माने जाते हैं, इसीलिए इनका नाम “काल” भैरव पड़ा है।

कालाष्टमी Kalashtami का पर्व कब मनाया जाता है

  • हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी Kalashtami का पर्व मनाया जाता है। 
  • यह दिन विशेष रूप से तंत्र साधना और रक्षात्मक पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। 
  • कालाष्टमी Kalashtami पर व्रत रखने और भगवान भैरव जी की विधिवत पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और भयमुक्ति का वरदान प्राप्त होता है।
  • इस साल 2025 में कालाष्टमी Kalashtami का पर्व 20 मई को यानी आज के दिन मनाया जा रहा है। 
  • आज का दिन और भी विशेष हो गया है क्योंकि इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र और द्विपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। 
  • द्विपुष्कर योग में किए गए कार्य दो गुना फलदायी होते हैं। 
  • ऐसे में यदि भक्त आज भगवान भैरव जी की पूजा करते हैं तो उन्हें दोगुना पुण्य और लाभ प्राप्त हो सकता है।

पूजा विधि और महत्व

कालाष्टमी Kalashtami के दिन प्रातः स्नान करके भगवान काल भैरव जी का ध्यान करें। भैरव मंदिर में जाकर तेल, काले तिल, सरसों, फूल, नारियल और अगरबत्ती से पूजा करें। इसके अलावा भगवान काल भैरव जी के वाहन को खाना खिलाए। रात्रि में भैरव चालीसा या काल भैरव अष्टक का पाठ करना भी अत्यंत शुभ होता है।

आपको बताना चाहते हैं की इस काल भैरव जी का श्रृंगार चमेली के तेल और सिंदूर से किया जाता है। भगवान शिव जी के इस रूप की पूजा प्रदोष काल के बाद ही संपन्न की जाती है। प्रदोष काल में पूजा करने से पहले स्नान कर लेना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए। इसके पश्चात काल भैरव की मूर्ति या फिर शिवलिंग पर बेल पत्र पर सफेद चंदन से ऊं लिखें और फिर ऊं काल भैरवाय नम: का जाप करें।

निष्कर्ष

दोस्तों आज के दिन किए गए जप, तप और दान से समस्त पापों का नाश होता है और भगवान भैरव की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शुभ कालाष्टमी Kalashtami की हार्दिक शुभकामनाएं।

ज्येष्ठ मास के, दूसरे बड़े मंगलवार को क्या करें

ज्येष्ठ मास के दूसरे बड़े मंगलवार Bada Mangal को क्या कुछ करना चाहिए? नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास के मंगलवारों का विशेष महत्व होता है। 

  • इस माह के मंगलवारों को ‘बड़ा मंगलवार’ Bada Mangal कहा जाता है और यह दिन विशेष रूप से संकटमोचन हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित होता है। 
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ मास के बड़े मंगलवार Bada Mangal को श्रद्धा, भक्ति और नियम के साथ की गई पूजा सभी प्रकार की बाधाओं, दुखों और कष्टों से मुक्ति दिलाती है।

हनुमान जी की उपासना का विशेष महत्व

  • बड़े मंगलवार Bada Mangal के दिन हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। 
  • ऐसा विश्वास है की इस दिन विधिपूर्वक हनुमान जी की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और सफलता आती है। 
  • विशेष रूप से यदि यह पूजा ज्येष्ठ मास के दूसरे मंगलवार को की जाए, तो इसके परिणाम और भी प्रभावशाली होते हैं।
  • इस दिन हनुमान जी को सिंदूर और चमेली के तेल से चोला चढ़ाने की परंपरा है, जो अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। सिंदूर और चमेली के तेल से चोला अर्पण करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। 
  • आप चोला चढ़ाते समय ॐ हं हनुमते नमः का जाप कर सकते हैं। यह उपाय शत्रुओं पर जीत पाने के लिए किया जाता है। 
  • मंगल दोष से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह दिन काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिन लाल वस्त्र, तांबे के पात्र, मसूर दाल और गुड़ का दान करना चाहिए। 

इस दिन के प्रमुख उपाय

  • हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। इससे मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
  • सुबह स्नान कर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और हनुमान जी के समक्ष लाल फूल अर्पित करें।
  • आर्थिक समस्याओं से मुक्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ करें।
  • गुड़ और चने का प्रसाद बनाकर गरीबों में बांटें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
  • यदि कोई व्यक्ति शनि दोष या अन्य ग्रह बाधाओं से परेशान है, तो इस दिन विशेष पूजा से उसे राहत मिलती है।

निष्कर्ष

दोस्तों ज्येष्ठ मास का बड़ा मंगलवार Bada Mangal काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से बड़े-बड़े संकट दूर हो जाते हैं। अगर आपकी कोई पुरानी परेशानी है तो यह दिन आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है।इसलिए इस दिन का सही तरीके से उपयोग करें और संकटमोचन हनुमान जी की कृपा प्राप्त करें जय बजरंग बली।

साल 2025 में, कब है वट सावित्री व्रत

साल 2025 में वट सावित्री व्रत Vat Savitri Vrat का शुभ मुहूर्त कब है? नमस्कार दोस्तों, वट सावित्री व्रत Vat Savitri Vrat भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना के लिए करती हैं। यह व्रत सती सावित्री की तपस्या, श्रद्धा और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है, जिन्होंने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस प्राप्त किया था। चलिए इस महत्वपूर्ण जानकारी को आगे बढ़ाते हैं।

तीन देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से नारी को ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्रत न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि परिवार में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है।

वट सावित्री व्रत Vat Savitri Vrat की डेट 

  • वैदिक पंचांग के अनुसार साल 2025 में वट सावित्री व्रत Vat Savitri Vrat 26 मई, सोमवार को रखा जाएगा। 
  • इस दिन अमावस्या तिथि का आरंभ 26 मई को दोपहर 12:12 बजे से हो रहा है, और 27 मई को सुबह 8:32 बजे तक रहेगा। 
  • चूंकि अमावस्या तिथि का प्रभाव दोपहर के समय आरंभ हो रहा है, इसलिए शास्त्रों के अनुसार व्रत 26 मई को ही किया जाएगा।
  • इस व्रत में महिलाएं वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। 
  • सावित्री-सत्यवान की कथा का पाठ करती हैं और अपने पति के दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। 
  • इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की परिक्रमा कर सूत (धागा) बांधती हैं। 
  • इस पूजा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत उच्च माना गया है।

व्रत का महत्व

ऐसा माना जाता है की इस दिन पत्नी द्वारा पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से पति का भाग्य चमक उठता है। यह व्रत रखने से शादीशुदा जीवन में और भी ज्यादा मजबूती देखने को मिलती है। आप सभी 26 मई को इस पावन व्रत को करें और अपने वैवाहिक जीवन को सुख-समृद्धि और प्रेम से भर दें। सबसे बड़ी बात यह है की इस व्रत को रखने से पूरे घर का भला होता है। 

निष्कर्ष

यहां पर आपको बताया गया है की साल 2025 में वट सावित्री व्रत Vat Savitri Vrat किस दिन रखा जाएगा। इस साल 2025 में 26 मई को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को महिलाएं अपने पति के लंबे जीवन के लिए रखती है। ऐसा करने से पूरे घर को फायदा होता है।

गंगा दशहरा पर, क्या कुछ दान में नहीं देना चाहिए

गंगा दशहरा Ganga Dussehra पर हमें क्या कुछ दान में नहीं देना चाहिए? नमस्कार दोस्तों! साल 2025 में जून की शुरुआत में एक नया त्यौहार आने वाला है जिसके बारे में हम बात करने वाले है। 

  • यह त्यौहार 5 जून को आएगा। 
  • महत्वपूर्ण त्यौहार की मान्यता है की इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। 
  • इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत का विशेष महत्व होता है। 
  • लेकिन क्या आप जानते हैं की इस दिन हमें दान में क्या कुछ नहीं देना चाहिए। 
  • आपने अभी तक इस त्यौहार से जुड़ी बहुत सारी खबर पढ़ी होगी। 
  • लेकिन आज ऐसी जानकारी लेकर आए हैं जिसका इंतजार हर साल रहता है। 

इस दिन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें

  • लोहे की वस्तुएं:- गंगा दशहरा Ganga Dussehra के दिन लोहे की वस्तु को गलती से भी दान में नहीं देना चाहिए। वैसे तो लोहा देना पवित्र माना जाता है लेकिन इस दिन हमें सावधान रहना चाहिए और चाकू या फिर छुरी जैसी चीज नहीं देनी चाहिए।
  • काले रंग के वस्त्र:- इस पावन दिन पर काले रंग के कपड़े दान करने से बचना चाहिए। काला रंग तामसिक प्रवृत्ति का प्रतीक होता है और इसे नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है।
  • नमक और खट्टी चीजें:- इस दिन हमें दान में नमक या फिर खट्टी चीज नहीं देनी चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में खराब ऊर्जा जन्म ले लेती है। आपको भविष्य में जाकर छोटी-छोटी बातों में परेशानी हो सकती है।
  • टूटी-फूटी वस्तुएं:- इस दिन कोई भी टूटी या खराब वस्तु दान में नहीं देनी चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की बजाय पाप का फल मिलता है और मां गंगा की कृपा प्राप्त नहीं होती।
  • अशुद्ध या जूठी चीजें:- यदि इस दिन आपके मन में कुछ देने की इच्छा है तो मार्केट से नया सामान लेकर गरीब लोगों में बांट सकते हैं। ऐसा करने से आपको जीवन में अच्छे नतीजे देखने को मिल सकते हैं और आपको काफी ज्यादा फायदा हो सकता है। इसके अलावा आप चाहे तो मंदिर में जाकर कुछ जरूरी चीज दान में दे सकते हैं और फायदा ले सकते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों गंगा दशहरा पर हमें क्या कुछ नहीं देना चाहिए इसके बारे में आपको विस्तार में समझाया गया है। बहुत कुछ देने से हमें इस दिन सावधान रहना चाहिए और पूजा पाठ करना चाहिए। ऐसा इसीलिए क्योंकि दोनों ही कार्य इस दिन करना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। इसीलिए हर एक बात का ध्यान रखना जरूरी है।

बाथरूम के अंदर, क्या कुछ नहीं रखना चाहिए

क्या आप लोग बाथरूम Bathroom में कुछ ऐसे सामान रख देते हैं? नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको बताने वाले हैं की वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम Bathroom में किन-किन चीजों को नहीं रखना चाहिए। 

  • हमारे घर की सुख-शांति और समृद्धि में वास्तु का विशेष महत्व होता है। 
  • यदि बाथरूम Bathroom में कुछ गलत चीजें रखी जाएं, तो उससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में परेशानियाँ आने लगती हैं।

बाथरूम Bathroom में हमें क्या कुछ नहीं रखना चाहिए 

  • टूटी हुई चप्पल:- बाथरूम Bathroom में कभी भी गलती से भी टूटी हुई चप्पल या फिर सैंडल नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से बाथरूम Bathroom में जाने वालों पर भी गलत प्रभाव पड़ सकता है और खुद को भी अच्छा नहीं लगता है।
  • पौधे:- कई लोग अपने बाथरूम Bathroom को सुंदर बनाने के लिए उसमें पौधे रख देते हैं, लेकिन यह एक बड़ी गलती होती है। वास्तु के अनुसार बाथरूम Bathroom में पौधे रखना शुभ नहीं माना जाता क्योंकि वहां की नमी और नकारात्मक ऊर्जा के कारण पौधे जल्दी मुरझा जाते हैं, जो दुर्भाग्य का संकेत होता है।
  • गीले कपड़े:- बाथरूम Bathroom में गीले कपड़ों को टांगकर छोड़ना भी अशुभ माना गया है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पारिवारिक सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही यह आलस्य और तनाव को भी बढ़ा सकता है।
  • खाली बाल्टी:- बाथरूम Bathroom में कभी भी खाली बाल्टी नहीं रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, खाली बाल्टी दरिद्रता का प्रतीक मानी जाती है। यदि बाल्टी में थोड़ा पानी या कुछ न कुछ भरा हो तो यह शुभ होता है।
  • टूटा हुआ शीशा:- अगर बाथरूम Bathroom में कोई शीशा टूटा हुआ है तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। टूटे हुए शीशे को घर में रखना वास्तु दोष उत्पन्न करता है और इससे मानसिक तनाव, भय और अशांति का माहौल बनता है।

आपको बताना चाहते है की बाथरूम Bathroom हमारे नहाने की जगह होती है। हमारी बताई गई जानकारी के पीछे एक और बड़ा कारण भी हो सकता है। जैसे की बाथरूम Bathroom में अगर हम चप्पल छोड़कर चले जाते हैं तो उसमें मिट्टी लगी होती है और बाथरूम Bathroom गंदा हो सकता है। वास्तु के अलावा भी और भी बहुत सारे कारण होते हैं।

निष्कर्ष

इसलिए दोस्तों, यदि आप चाहते हैं की आपके घर में हमेशा सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे, तो इन छोटी-छोटी वास्तु बातों का विशेष ध्यान रखें और बाथरूम Bathroom को वास्तु के अनुसार व्यवस्थित रखें।

अपरा एकादशी पर, क्या करना चाहिए

क्या आप लोग अपरा एकादशी Apara Ekadashi के बारे में जानना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है, और उनमें भी अपरा एकादशी Apara Ekadashi एक अत्यंत पावन और फलदायी तिथि मानी जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी को समर्पित होती है। वैदिक ग्रंथों के अनुसार, जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति भाव से इस दिन व्रत करता है, उसके सारे पापा का अंत हो जाता है।

अपरा एकादशी Apara Ekadashi 2025 में कब है?

  • वर्ष 2025 में अपरा एकादशी Apara Ekadashi का व्रत 23 मई, शुक्रवार को रखा जाएगा। 
  • यह तिथि ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में आती है। 
  • इस वर्ष अपरा एकादशी Apara Ekadashi पर आयुष्मान और प्रीति योग का संयोग बन रहा है, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। 
  • इन योगों में किया गया व्रत और पूजन विशेष फलदायी होता है।
  • इस एकादशी पर व्रत रखने का सबसे बड़ा फायदा यही होता है की आपको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और एक बार फिर से आपके नए जीवन की शुरुआत हो जाती है। 
  • इस दिन व्रत रखने से ब्रह्महत्या, चोरी, झूठ और अन्य सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। 
  • यही कारण है की इसे अपरा एकादशी Apara Ekadashi कहा जाता है  जिसका अर्थ है ‘जिसकी कोई सीमा नहीं’ अर्थात् अपार फल देने वाली एकादशी। 
  • यह दिन काफी ज्यादा खास माना जाता है। 

पूजन विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र पर फूल, धूप, दीपक, तुलसी पत्र, पीले वस्त्र और पंचामृत अर्पित करें। विष्णु सहस्त्रनाम या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें। दिनभर उपवास रखें और रात को भगवान विष्णु की कथा सुनें।

आपको बताना चाहते हैं की पूरे साल में कई सारी एकादशी आती है। इनमें बहुत सारी एकादशी भगवान विष्णु जी को समर्पित होती है। इनमें से एक है अपरा एकादशी Apara Ekadashi और इस दिन भगवान विष्णु जी को खुश करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

अपरा एकादशी Apara Ekadashi का व्रत न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन भगवान विष्णु की भक्ति में लीन होने और आत्मा की शुद्धि के लिए श्रेष्ठ माना गया है। आप सभी को अपरा एकादशी Apara Ekadashi की हार्दिक शुभकामनाएं।

इस दिन नहीं धोने चाहिए कपड़े, घर में होती है दिक्कत

वास्तु शास्त्र के हिसाब से किस टाइम पर कपड़े नहीं धोने चाहिए? नमस्कार दोस्तों, भारतीय संस्कृति और धर्म में हर दिन का एक विशेष महत्व होता है। 

  • हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है और उस दिन कुछ विशेष कार्यों को करने या न करने की मान्यता होती है। 
  • ठीक उसी तरह गुरुवार के दिन कपड़े धोने Cloth Wash को लेकर भी एक विशेष मान्यता प्रचलित है।

गुरुवार के दिन कपड़े नहीं धोने चाहिए 

  • गुरुवार का दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित होता है। 
  • यह दिन धन, सुख-समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। 
  • ऐसी मान्यता है की इस दिन कपड़ों की धुलाई नहीं करना चाहिए। 
  • ऐसा करने से घर में धन की कमी हो जाती है और वास्तु के नियम के हिसाब से भी ऐसा करना सही नहीं होता है। 
  • इसीलिए गुरुवार के दिन कपड़े धोने से सावधान रहना चाहिए और कोई दूसरा दिन चुनना चाहिए।
  • मान्यता के अनुसार, गुरुवार को कपड़े धोना Cloth Wash शनि दोष से भी जुड़ा हुआ है। 
  • शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है और वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। 
  • यदि गुरुवार को कपड़े धोकर Cloth Wash हम धार्मिक नियमों का उल्लंघन करते हैं तो इससे शनि दोष बढ़ सकता है। 
  • इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे नौकरी में रुकावट, पारिवारिक कलह, स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं, और आर्थिक तंगी।

गुरुवार का दिन पूजा पाठ का दिन होता है

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार को विशेष रूप से पवित्रता और शुद्धता बनाए रखना चाहिए। इस दिन पूजा-पाठ, व्रत, दान आदि कार्य करने चाहिए जो सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करें। कपड़े की धुलाई करने के कार्य को इस दिन रोककर हम वापस मां लक्ष्मी की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। इसीलिए हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।

इसलिए दोस्तों, हमें धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए और छोटी-छोटी बातों को भी गंभीरता से लेना चाहिए। गुरुवार को कपड़े धोने Cloth Wash से बचें, विशेष रूप से रात के समय। इससे न केवल हम देवी-देवताओं की कृपा के पात्र बनेंगे, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी बनी रहेगी।

निष्कर्ष 

दोस्तों यहां पर आपको बताया गया है की हमें गुरुवार के दिन घर में कपड़े नहीं धोने चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं तो मां लक्ष्मी हमसे दूर जा सकती है। इसके अलावा हमें गुरुवार के दिन रात के समय भी कपड़े नहीं धोने चाहिए। हमें इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कौन-कौन से उपाय करने से, घर में पैसा आता है

क्या आप लोग अपने घर में पैसा Money ही पैसा Money चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको कुछ ऐसी छोटी-छोटी लेकिन बहुत ही असरदार आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अगर आप रोज़मर्रा की जिंदगी में अपनाते हैं, तो आपके घर में सुख-समृद्धि और धन Money की कभी कमी नहीं रहेगी। ये आदतें न केवल आपके जीवन में सकारात्मकता लाती हैं, बल्कि आपके घर में लक्ष्मी माता की कृपा भी बनी रहती है।

कौन-कौन से उपाय करने से घर में पैसा Money आता है 

  • सुबह 8:00 बजे से पहले स्नान करें:- यदि आप चाहते हैं की आपके घर में धन-वैभव बना रहे, तो आपको सुबह 8 बजे से पहले स्नान करने की आदत डालनी चाहिए।
  •  इससे न केवल शरीर और मन शुद्ध होता है, बल्कि वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • पति-पत्नी में झगड़ा न हो:- अगर आप दंपत्ति हैं, तो ध्यान रखें की आप दोनों के बीच किसी भी तरह का कलह या बहस न हो, खासकर सुबह के समय। 
  • कहा जाता है की जहां प्रेम और शांति का वास होता है, वहीं लक्ष्मी माता Money भी निवास करती हैं।
  • छोटे बच्चों को सुबह-सुबह रोने न दें:- अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं, तो कोशिश करें की वे सुबह के समय न रोएं। ऐसा माना जाता है की बच्चों का सुबह रोना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे घर की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।
  • पहली रोटी गाय और पक्षियों के लिए बनाएं:- जब आप सुबह के समय घर में रोटियां बनाएं, तो पहली रोटी गाय के लिए और कुछ रोटी पक्षियों के लिए निकालें। यह परंपरा हमारे धर्म और संस्कृति से जुड़ी हुई है और इसे पालन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, जो सुख-समृद्धि का मार्ग खोलता है।
  • रात की आखिरी रोटी भी गाय के लिए निकालें:- सिर्फ सुबह ही नहीं, रात को बनाई जाने वाली आखिरी रोटी भी गाय को देना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में अन्न और धन Money की कभी कमी नहीं होती और यह एक प्रकार की सेवा भी मानी जाती है।

निष्कर्ष

इन सरल और सहज आदतों को अपनाकर आप न केवल अपने घर का वातावरण सकारात्मक बना सकते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी मजबूत बन सकते हैं। ये बातें भले ही सामान्य लगें, लेकिन इनमें छुपा गहरा अर्थ और आध्यात्मिक ऊर्जा होती है। यह बहुत ही आसान उपाय है और कोई भी इसको फॉलो कर सकता है।

मूलांक 1 वाले हैं तो, आपकी किस्मत चमक सकती हैं

क्या आपका मूलांक भी 1 है?नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करने वाले हैं मूलांक 1 Mulank 1 वालों के बारे में। 

  • अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या 28 तारीख को हुआ है, तो आपका मूलांक 1 Mulank 1 होता है। 
  • अंक ज्योतिष में मूलांक 1 Mulank 1 को सूर्य ग्रह का अंक माना जाता है। सूर्य को शास्त्रों में राजा का प्रतीक बोला जाता है और इसीलिए मूलांक 1 Mulank 1 वालों की किस्मत सूरज की तरह चमकती रहती है।

ऐसे व्यक्तियों की किस्मत के बारे में

  • मूलांक 1 Mulank 1 वाले लोग किस्मत के बड़े धनी होते हैं। इनके ऊपर ईश्वर की विशेष कृपा हमेशा बनी रहती है।
  • जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, ये लोग उनका डटकर सामना करते हैं और अंत में सफलता प्राप्त करते हैं। 
  • इनकी सबसे बड़ी ताकत है इनका आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता।
  • ये लोग कभी दूसरों पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि अपने बल पर आगे बढ़ते हैं।
  • 1 नंबर वाले लोग हमेशा तरोताजा रहते हैं और इनका दिमाग हमेशा चाणक्य की तरह चलता रहता है। 
  • यही कारण है की ऐसे लोगों को क्वालिटी वाला व्यक्ति बोला जाता है। 
  • ऐसे लोग नेतृत्व करने में निपुण होते हैं और भीड़ में अलग पहचान बनाते हैं। 
  • चाहे कार्यक्षेत्र हो या पारिवारिक जीवन, ये अपनी स्पष्ट सोच और नेतृत्व क्षमता से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

इन लोगों को मिलता है मान सम्मान 

इन लोगों को जीवन में मान-सम्मान की कमी नहीं होती। समाज में इनकी प्रतिष्ठा बनी रहती है और ये जहां भी जाते हैं, अपनी अलग छाप छोड़ जाते हैं। सूर्य की कृपा से इनका व्यक्तित्व तेजस्वी होता है और इनकी उपस्थिति ही लोगों को प्रभावित करती है।

हालांकि, कभी-कभी इनकी अधिक आत्मनिर्भरता इन्हें दूसरों की सलाह को नजरअंदाज करने पर मजबूर कर देती है। इसलिए इन्हें चाहिए की वे दूसरों की बातों को भी ध्यान से सुनें और अपने व्यवहार में थोड़ी विनम्रता रखें। तो इस हिसाब से अगर आपका भी मूलांक 1 Mulank 1 है तो फिर आपको भविष्य में जाकर काफी ज्यादा फायदा हो सकता है। इसके अलावा आप आत्मविश्वास के नए रास्ते पर चल सकते हैं।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, अगर आप लोग भी 1 नंबर वाले व्यक्ति है तो फिर सोच लीजिए आपको जीवन में फायदा हो सकता है और आप आगे बढ़ सकते हैं। इसीलिए हमेशा अगर आपका नंबर 1, 10, 19 या फिर 28 है तो फिर आपकी किस्मत चमक सकती है।

घर में सुख शांति रखने के लिए, फॉलो करें इन बातों को

क्या आप भी अपने घर में नकारात्मक ऊर्जा से परेशान है? आज की तारीख में व्यक्ति के जीवन में तनाव और समस्याएं बनी रहती हैं। 

  • ऐसे में वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ उपाय हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में लेकर जा सकते हैं। 
  • तो फिर अगर आप भी घर में अच्छे माहौल के साथ रहना चाहते हैं तो फिर जानकारी को फॉलो करें।

किसी मंदिर में आसन दान कर देना चाहिए

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि व्यक्ति अपने जीवन में सुख और शांति Sukh Shanti चाहता है तो उसे किसी मंदिर में आसन का दान करना चाहिए। 
  • यह दान विशेष रूप से मानसिक शांति Sukh Shanti प्रदान करता है और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
  • इसके अलावा, अमावस्या के दिन काले कंबल का दान करना भी अत्यंत लाभकारी माना गया है। 
  • काले कंबल का दान नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में मदद करता है। 
  • यह दान विशेष रूप से गरीब या ज़रूरतमंद को देना चाहिए जिससे उसका पुण्य भी अधिक होता है।

गुरुवार के दिन हल्दी वाले पानी से नहाना चाहिए 

वास्तु में यह भी कहा गया है की गुरुवार के दिन पानी में हल्दी मिलाकर स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में शुभता बनी रहती है। हल्दी को शुभ और पवित्र माना गया है, और इसके प्रभाव से मानसिक तनाव भी कम होता है।

एक और महत्वपूर्ण वास्तु उपाय यह है की जब भी आप कहीं बाहर से अपने घर वापस लौटें, तो कुछ मीठा लेकर घर आएं। यह परंपरा सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी आनंद और प्रेम का प्रतीक है। मीठा घर में लाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर के वातावरण में प्रेम और मिठास बनी रहती है।

निष्कर्ष

इन छोटे-छोटे वास्तु उपायों को अपनाकर हम अपने जीवन को अधिक सुखद और शांतिमय बना सकते हैं। यह जरूरी नहीं की हमेशा बड़े बदलाव ही जीवन में सुधार लाएं, कभी-कभी छोटी-छोटी आदतें भी बड़े चमत्कार कर सकती हैं। तो दोस्तों, अगर आप भी अपने जीवन में सुख, शांति Sukh Shanti और समृद्धि चाहते हैं, तो इन आसान वास्तु उपायों को जरूर अपनाएं। आपको बताना चाहते हैं की यह उपाय बहुत ही आसान उपाय हैं और इसको कोई भी कर सकता है। आप चाहे तो किसी बच्चे के हाथों से दान करवा सकते हैं तो यह और भी अच्छी बात होगी।

सड़क पर कौन-कौन सी चीजों का, मिलना शुभ माना जाता है

क्या आपको भी सड़क पर मिलती है यह चीज? नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको बताने वाले हैं की सड़क पर किन-किन चीजों का मिलना शुभ Good Luck संकेत माना जाता है। 

  • भारतीय संस्कृति और परंपराओं में कई वस्तुओं को शुभ Good Luck और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। 
  • अक्सर हम जब सड़क पर चलते हैं तो कुछ ऐसी वस्तुएं दिखाई देती हैं जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व होता है।

सड़क पर कौन-कौन सी चीजों का मिलन शुभ Good Luck माना जाता है

  • पैसे या सिक्कों का मिलना:- अगर आपको चलते-फिरते रास्ते में कोई सिक्का या पैसा पड़ा हुआ दिखाई दे और वह बिना किसी की पहचान के हो, तो उसे शुभ Good Luck संकेत माना जाता है। ऐसा कहा जाता है की यह धन लक्ष्मी माता की कृपा का प्रतीक होता है और यह आने वाले अच्छे समय की ओर इशारा करता है।
  • अनाज या अन्न का मिलना:- सड़क पर चलते चलते अगर आपको गेहूं या फिर चावल या फिर कोई और अन्न का दाना मिल जाये तो आपको खुश हो जाना चाहिए। क्योंकि यह एक संकेत होता है की आपका आने वाला समय काफी अच्छा होने वाला है और आप आगे बढ़ सकते हैं।
  • फल या फूल का मिलना:- अगर चलते समय आपको रास्ते में कोई ताजा फल या सुंदर फूल मिल जाए, तो यह भी बहुत ही शुभ Good Luck माना जाता है। फूलों को देवी-देवताओं की कृपा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जबकि फल समृद्धि और पूर्णता का संकेत होते हैं।
  • मोर पंख का मिलना:- मोर पंख को भगवान श्रीकृष्ण से जोड़कर देखा जाता है। अगर सड़क पर आपको मोर पंख मिल जाए तो इसे अत्यंत शुभ Good Luck और सौभाग्यशाली माना जाता है। मोर पंख नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में शांति व समृद्धि लाता है। इस जानकारी को सिर्फ आपके मनोरंजन के लिए बनाया गया है और आप इसको सोच समझकर फॉलो करें। 

निष्कर्ष

इन सभी वस्तुओं का मिलना एक सकारात्मक संकेत माना जाता है। जब भी आपको सड़क पर इस प्रकार की चीजें मिलें, तो उनका सम्मान करें और ईश्वर को धन्यवाद दें। यह मान्यता है की ऐसी चीजें मिलना भगवान की तरफ से एक शुभ Good Luck संकेत होते हैं, जो हमें सही दिशा में आगे बढ़ने का संकेत देते हैं। इसलिए दोस्तों, अगली बार जब आप सड़क पर चलें और ऐसी कोई वस्तु दिखे, तो उसे शुभ Good Luck मानें और धन्यवाद के भाव से स्वीकार करें।

बंद पड़ा हुआ घर, लेने के बाद क्या करें

क्या आप लोग बंद पड़ा घर House खरीदना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, अगर आप लोग भी लंबे समय से बंद पड़े किसी घर House में रहने या फिर ऐसा घर House खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। 

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे घरों House में नेगेटिव एनर्जी का वास हो सकता है, जो आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। 
  • लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वास्तु शास्त्र में इसका समाधान भी बताया गया है।

2 से 3 दिन अच्छे से साफ सफाई करें 

  • सबसे पहले जब आप ऐसा कोई घर House लें जो काफी समय से बंद पड़ा हो, तो उसमें शिफ्ट होने से पहले कम से कम दो से तीन दिन तक अच्छी तरह से सफाई जरूर करवा लें। 
  • बंद घर House में अक्सर धूल, मकड़ी के जाले और नमी जैसी चीजें जमा हो जाती हैं, जो वातावरण को भारी और नकारात्मक बना सकती हैं।
  • इसके साथ ही, घर House की सभी खिड़कियों और दरवाजों को खुला रखें ताकि ताजी हवा का संचार हो सके। 
  • इससे घर House की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। 
  • दरवाजों के कब्जों में थोड़ा तेल लगाना भी जरूरी है ताकि उनकी चरमराहट खत्म हो जाए और घर House में सुखद ध्वनि बनी रहे।

शुद्धिकरण के लिए नीम के पत्ते का इस्तेमाल करें 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, नीम को एक शक्तिशाली शुद्धिकारी माना गया है। इसलिए घर House के हर कमरे और शौचालय में नीम के कुछ पत्ते रख देना चाहिए। नीम की खुशबू और उसकी एंटीबैक्टीरियल शक्ति वातावरण को शुद्ध करती है और नकारात्मकता को दूर करती है।

इसके अलावा आप घर House में गौमूत्र का छिड़काव भी कर सकते हैं, जिससे वातावरण और भी शुद्ध होता है। पहले दिन घर House में दीपक जलाकर भगवान का ध्यान करें और सकारात्मक ऊर्जा के लिए कुछ मंत्रों का जाप करें।

आपको बताना चाहते हैं की आप चाहे किसी भी प्रकार का घर House खरीदना चाहते हैं। आपको इन सभी बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। यह न केवल वास्तु के हिसाब से ठीक है बल्कि साफ सफाई के हिसाब से भी ठीक है।   

निष्कर्ष

तो दोस्तों, अगर आप लंबे समय से बंद पड़े किसी मकान House में रहने का मन बना रहे हैं, तो इन आसान उपायों को जरूर अपनाएं। इससे न केवल वातावरण शुद्ध होगा, बल्कि आपके जीवन में सुख-शांति और सकारात्मकता भी बनी रहेगी।

घर के मुख्य द्वार के लिए, क्या है सही नियम

क्या आप लोग भी अपने घर में सुख शांति लाना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, हर व्यक्ति चाहता है की उसके घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। 

  • इसके लिए मां लक्ष्मी की कृपा सबसे ज़रूरी मानी जाती है। 
  • वास्तु शास्त्र के नियम के हिसाब से मां लक्ष्मी हमेशा मुख्य द्वार Main Door से अंदर आती है। 
  • इसीलिए मुख्य दरवाजे Main Door को हमेशा साफ-सुथरा और नियम के हिसाब से रखना बहुत ज्यादा जरूरी है। 

मुख्य द्वार Main Door के लिए रखिए कुछ बातों का ध्यान

  • लेकिन कई बार हम अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो घर की सुख-शांति और तरक्की में रुकावट पैदा कर देती हैं। 
  • सबसे पहली और अहम बात यह है की घर में कभी भी एक सीध में तीन या उससे अधिक दरवाजे नहीं होने चाहिए। 
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि घर में एक सीध में तीन या अधिक दरवाजे होते हैं, तो घर की ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है। 
  • इससे ना केवल मानसिक अशांति बढ़ती है बल्कि धन संबंधी परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
  • वास्तु शास्त्र के नियम के हिसाब से घर का मुख्य दरवाजा Main Door कभी भी बाहर की तरफ नहीं खुलना चाहिए। 
  • अगर ऐसा है तो यह नियम के हिसाब से गलत है और इससे घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है और मां लक्ष्मी की कृपा में कमी आ सकती है। 
  • वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार Main Door को हमेशा अंदर की ओर खुलने वाला बनवाना चाहिए। 
  • यह शुभता और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को बढ़ावा देता है।

मुख्य दरवाजा Main Door का साफ रहना बहुत ज्यादा जरूरी है

मुख्य दरवाजे Main Door को हमेशा स्वच्छ और सुंदर रखना भी जरूरी है। गंदा, टूटा या जंग लगा हुआ दरवाजा भी दुर्भाग्य को आकर्षित कर सकता है। दरवाजे पर शुभ संकेत जैसे स्वस्तिक, ॐ या मंगल कलश का चित्रण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

आपको बताना चाहते हैं की घर के मुख्य द्वार Main Door से घर के अंदर रहने वालों के बारे में पता चलता है। इसीलिए हमें हमेशा मुख्य दरवाजे Main Door को सही तरीके से रखना चाहिए ताकि घर में शांति बनी रहे।

निष्कर्ष

अतः यदि आप चाहते हैं की आपके घर में हमेशा सुख, समृद्धि और धन की बरसात होती रहे, तो इन छोटे-छोटे वास्तु नियमों का पालन जरूर करें। दरवाजे से जुड़ी ये बातें न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि मानसिक और भावनात्मक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

सोमवती अमावस्या के दिन, हमें क्या करना चाहिए

सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya पर हमें क्या कुछ करना चाहिए? नमस्कार दोस्तों, आज हम ऐसे दिन के बारे में बात करने वाले हैं जोकि भगवान शिव जी को समर्पित है। 

  • हम बात कर रहे हैं सोमवार की अमावस्या के बारे में। 
  • इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि जब अमावस्या सोमवार के दिन आती है, तब इसका प्रभाव और भी ज्यादा फलदायी हो जाता है।

ज्येष्ठ माह की अमावस्या किस दिन है

  • साल 2025 में यह पवित्र त्यौहार जोकि भगवान शिव जी को अर्पित होता है 26 मई को पूरे देश में मनाया जाएगा। 
  • पूरे साल में काफी सारी अमावस्या आती है लेकिन यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। 
  • इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।

सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya पर क्या करें

  • स्नान का महत्व:- इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना, या सरयू में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर नदी में स्नान संभव न हो तो घर में नहाते टाइम थोड़ा सा गंगाजल बाल्टी में मिला दीजिए। 
  • दान का महत्व:- स्नान के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तांबे के बर्तन, तिल, घी, और दक्षिणा का दान करें। यह कर्म पितरों को प्रसन्न करता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
  • भगवान शिव की आराधना:- इस दिन भगवान शिव की पूजा करना बहुत फलदायक माना गया है। जल, बेलपत्र, दूध, दही और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • पीपल के पेड़ की पूजा:- इस पवित्र दिन पर हमें पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए, ऐसा करने से हमें लाभ मिलता है।
  • पितृ तर्पण:- इस दिन पितरों के नाम पर तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya पर पवित्र नदी में स्नान करने के बाद भगवान शिव जी की आराधना करनी चाहिए और फिर दान करना चाहिए।अतः इस 26 मई को आप भी धर्म-कर्म करके अपने जीवन को पवित्र और सुखमय बनाएं।

निष्कर्ष

आपको बताना चाहते हैं की इस साल 2025 में सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya का त्यौहार 26 मई को मनाया जाएगा। इस दिन हमें नदी में स्नान करने के बाद भगवान शिव जी की आराधना जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा हमें इस दिन दान करने का कार्य जरूर करना चाहिए। इसके अलावा पितरों का आशीर्वाद लेना चाहिए।