साल 2025 में सीता नवमी Sita Navami का त्यौहार कब मनाया जाएगा? नमस्कार दोस्तों, सीता नवमी Sita Navami हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण त्यौहार है।
- यह त्यौहार भगवान श्रीराम की पत्नी माता सीता के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- इसे जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है।
- हर वर्ष यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।
- वर्ष 2025 में सीता नवमी Sita Navami 5 मई, को पड़ रही है, और इस दिन देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ माता सीता की पूजा की जाएगी।
कैसे हुआ जन्म
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मिथिला के राजा जनक को खेत जोतते समय धरती माता की गोद से एक कन्या प्राप्त हुई थी, जिसे उन्होंने अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उनका नाम “सीता” रखा गया।
- माता सीता को पृथ्वी पुत्री भी कहा जाता है। वे स्त्री धर्म, मर्यादा, त्याग और समर्पण की प्रतीक मानी जाती हैं।
- सीता नवमी Sita Navami के दिन श्रद्धालु विशेष रूप से व्रत रखते हैं और माता सीता की पूजा-अर्चना करते हैं।
- इस दिन भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी के साथ माता सीता की पूजा करने का विशेष महत्व है।
- घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
- भक्तगण माता सीता के जीवन से प्रेरणा लेकर नारी सम्मान और आदर्श दांपत्य जीवन का पालन करने का संकल्प लेते हैं।
रिश्ते में प्रेम बना रहता है
मान्यता है की इस दिन माता सीता की पूजा करने से पति-पत्नी के रिश्तों में प्रेम, सामंजस्य और विश्वास बना रहता है। अविवाहित कन्याएं इस दिन उत्तम वर की प्राप्ति हेतु व्रत रखती हैं। कई स्थानों पर रामायण का पाठ और सीता माता की झांकी भी निकाली जाती है।
मिथिला (वर्तमान बिहार का दरभंगा और मधुबनी क्षेत्र) में इस पर्व को विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। वहां भक्तजन पूरे विधि-विधान से पूजा कर माता सीता के जन्मोत्सव को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
निष्कर्ष
अतः, सीता नवमी Sita Navami केवल एक धार्मिक त्यौहार नहीं, बल्कि यह हमें भारतीय नारी शक्ति, त्याग और आदर्श जीवन मूल्यों की याद दिलाने वाला पर्व है। इस अवसर पर हमें माता सीता के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में सादगी, श्रद्धा और मर्यादा को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। अगर आपको यह महत्वपूर्ण जानकारी अच्छी लगी है तो इस प्रकार की जानकारी पाने के लिए हमें फॉलो करें। आपको सीता नवमी Sita Navami की शुभकामनायें।
