वास्तु शास्त्र में दीवार घड़ी की सही दिशा।

वास्तु टिप्स: दीवार घड़ी लगाने की सही दिशा क्या है?

क्या आप जानते हैं कि आपके घर की दीवार पर लगी घड़ी आपकी समृद्धि और शांति पर प्रभाव डाल सकती है? वास्तु शास्त्र के अनुसार, घड़ी की दिशा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर इसे सही दिशा में नहीं रखा गया, तो यह आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा ला सकती है। आइए, हम इसे आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि आपको दीवार घड़ी किस दिशा में लगानी चाहिए और किस दिशा में नहीं।

प्रश्न: घर में दीवार घड़ी लगाने की सही दिशा कौन सी है?

उत्तर: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घड़ी को हमेशा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और जीवन में उन्नति और समृद्धि लाती हैं। अगर घड़ी उत्तर दिशा में लगी हो, तो यह धन और करियर में उन्नति का प्रतीक होती है, जबकि पूर्व दिशा में लगी घड़ी स्वास्थ्य और खुशहाली को बढ़ावा देती है।

प्रश्न: दीवार घड़ी किस दिशा में नहीं लगानी चाहिए?

उत्तर: वास्तु के अनुसार, घड़ी को दक्षिण दिशा में लगाना अशुभ माना जाता है। यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होती है और जीवन में रुकावटें और तनाव पैदा कर सकती है। इसके अलावा, पश्चिम दिशा में भी घड़ी लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह जीवन में अस्थिरता और असंतोष को बढ़ावा दे सकती है।

प्रश्न: क्या घड़ी का आकार और रंग भी मायने रखता है?

उत्तर: हां, घड़ी का आकार और रंग भी वास्तु के अनुसार महत्वपूर्ण होता है। गोल आकार की घड़ी को सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह जीवन के चक्र को दर्शाती है और संतुलन बनाए रखती है। रंगों की बात करें, तो हल्के और शांत रंगों की घड़ी का चुनाव करें, जैसे सफेद, हल्का नीला, या हरा। ये रंग सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।

See also  वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पास पौधों का महत्व

प्रश्न: घर में कितनी घड़ियां लगानी चाहिए?

उत्तर: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में अत्यधिक घड़ियां लगाने से बचना चाहिए। हर कमरे में एक ही घड़ी पर्याप्त होती है। बहुत अधिक घड़ियां लगाने से मानसिक अशांति और तनाव पैदा हो सकता है। इसलिए, केवल महत्वपूर्ण स्थानों पर घड़ी लगाएं, जैसे कि लिविंग रूम, बेडरूम, और ऑफिस।

निष्कर्ष

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीवार घड़ी लगाने की सही दिशा और स्थान का चुनाव करना बहुत जरूरी है। सही दिशा में लगी घड़ी जीवन में उन्नति, समृद्धि, और खुशहाली ला सकती है, जबकि गलत दिशा में लगी घड़ी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

अचार्य अभय शर्मा

अचार्य अभय शर्मा एक अनुभवी वेदांताचार्य और योगी हैं, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय आध्यात्मिकता का गहन अध्ययन और अभ्यास किया है। वेद, उपनिषद, और भगवद्गीता के विद्वान होने के साथ-साथ, अचार्य जी ने योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की राह दिखाने का कार्य किया है। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत के सिद्धांतों की सरल व्याख्या मिलती है, जो साधारण लोगों को भी गहरे आध्यात्मिक अनुभव का मार्ग प्रदान करती है।

More Reading

Post navigation

Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *