क्या है शिमला एग्रीमेंट का इतिहास? नमस्कार दोस्तों, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चों पर करारा जवाब दिया है।
- मोदी सरकार ने पांच बड़े फैसले लिए है जिनको सुनने के बाद पाकिस्तान के नागरिक परेशान दिखाई दे रहे हैं।
- लेकिन इसी के बीच में एक और एग्रीमेंट शिमला एग्रीमेंट सुनने को मिल रहा है। यह क्या है इसके बारे में जान लेते हैं।
क्या है शिमला एग्रीमेंट Shimla Agreement की कहानी
- इसकी शुरुआत 2 जुलाई 1972 को भारत और पाकिस्तान के बीच में हुई थी।
- यह बड़ा एग्रीमेंट तत्कालीन भारतीय के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़ुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला में हुआ था।
- इसका मुख्य उद्देश्य था दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों की स्थापना और भविष्य में किसी भी विवाद को बातचीत से सुलझाने की प्रतिबद्धता।
- इस समझौते की पृष्ठभूमि 1971 में लिखी गई थी जब भारत ने पाकिस्तान के लगभग 90,000 सैनिकों को बंदी बनाकर एक बड़ी सफलता हासिल की थी।
- भारत की यह एक बड़ी सैन्य और रणनीतिक जीत थी। इसी स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान को भारत के साथ समझौता करना पड़ा।
शिमला एग्रीमेंट Shimla Agreement स्थगित बयान
इतना सब कुछ होने के बाद भी पाकिस्तान ने भारत को शिमला एग्रीमेंट स्थगित करने का बड़ा बयान दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। भारत ने न केवल सिंधु जल समझौते को रोकने की बात की है, बल्कि पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों की समीक्षा शुरू कर दी है। अब देखना या है की इस पर भारत क्या करता है।
विशेषज्ञों का मानना है की पाकिस्तान की यह धमकी सिर्फ एक राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है, क्योंकि शिमला एग्रीमेंट को तोड़ना पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं भारत की ओर से स्पष्ट संकेत दिए गए हैं की अब आतंकी घटनाओं के जवाब में केवल सैन्य नहीं, बल्कि कूटनीतिक और आर्थिक हथियारों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
निष्कर्ष
आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव किस दिशा में आगे बढ़ता है और क्या शिमला समझौता Shimla Agreement वास्तव में खतरे में है या नहीं। आपको बताना चाहते हैं की हाल ही में जैसा नजारा देखने को मिला इसको देखने के बाद हर कोई हैरान है की ऐसा भी हो सकता है।
