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    Akshaya Tritiya: Unveiling the Significance of the Eternal Day of Prosperity

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    अक्षय तृतीया: शाश्वत समृद्धि के दिन का अनावरण

    वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, अक्षय तृतीया, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ दिन माना जाता है। ‘अक्षय’ शब्द का अर्थ है ‘कभी न खत्म होने वाला’ या ‘अनन्त’, और ‘तृतीया’ का अर्थ है ‘तीसरा दिन’। इसलिए, अक्षय तृतीया का शाब्दिक अर्थ है ‘अनन्त तृतीया’ या ‘कभी न खत्म होने वाली तृतीया’। यह दिन शाश्वत समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक है।

    अक्षय तृतीया को किसी भी नए कार्य या शुभ कार्य की शुरुआत के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी कार्य ‘अक्षय’ फल देता है, यानी उसका परिणाम कभी भी क्षीण नहीं होता और वह अनन्त काल तक बना रहता है। यह दिन इतना शुभ है कि इसे स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए किसी विशेष मुहूर्त या पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। यह दिन अपने आप में ही पवित्र और शुभ है।

    अक्षय तृतीया का महत्व:

    अक्षय तृतीया का महत्व विभिन्न धार्मिक और पौराणिक कथाओं से जुड़ा है, जो इस दिन की पवित्रता और शुभता को दर्शाती हैं:

    • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा: अक्षय तृतीया भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है, जो क्रमशः पालनहार और धन की देवी हैं। इस दिन उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो और जीवन में समृद्धि और वैभव बना रहे। माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी जी धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। लोग इस दिन लक्ष्मी स्तोत्र और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हैं।

    • कुबेर द्वारा धन प्राप्ति: पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कुबेर ने इसी दिन भगवान शिव की तपस्या करके देवताओं के कोषाध्यक्ष का पद और अपार धन प्राप्त किया था। इसलिए, यह दिन धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।

    • महाभारत काल से संबंध: माना जाता है कि महाभारत काल में, अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र प्रदान किया था। यह पात्र कभी न खत्म होने वाला भोजन प्रदान करता था, जिससे द्रौपदी और पांडवों को वनवास के दौरान भोजन की कमी नहीं हुई। इस कथा से भी अक्षय तृतीया की अक्षयता और अपार दान की शक्ति का पता चलता है।

    • परशुराम जयंती: कई स्थानों पर अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। भगवान परशुराम को बल, न्याय और साहस का प्रतीक माना जाता है।
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    अक्षय तृतीया पर की जाने वाली गतिविधियाँ:

    अक्षय तृतीया के दिन कई शुभ कार्य और गतिविधियाँ की जाती हैं, जिनमें शामिल हैं:

    • सोना खरीदना: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। सोना समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है, और इस दिन सोना खरीदने से उसमें वृद्धि होने की मान्यता है। लोग सोना, चांदी, या अन्य मूल्यवान वस्तुएं खरीदते हैं।

    • नए कार्य की शुरुआत: व्यापार, नौकरी, घर निर्माण, या किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए यह दिन बहुत शुभ है। माना जाता है कि इस दिन शुरू किया गया कार्य निर्विघ्न रूप से चलता है और उसमें सफलता मिलती है।

    • दान-पुण्य: अक्षय तृतीया दान-पुण्य के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना, अन्नदान करना, जलदान करना, वस्त्र दान करना या किसी धार्मिक कार्य में योगदान देना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना होकर वापस मिलता है।

    • विवाह और शुभ कार्य: अक्षय तृतीया विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, और अन्य शुभ कार्यों के लिए भी अत्यंत शुभ दिन है। किसी भी शुभ कार्य को बिना मुहूर्त देखे इस दिन किया जा सकता है।

    • पूजा-पाठ और व्रत: अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। लोग व्रत रखते हैं, मंदिरों में जाते हैं और विशेष पूजा अर्चना करते हैं। कुछ लोग इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी करते हैं।

    आधुनिक युग में अक्षय तृतीया:

    आज के आधुनिक युग में भी अक्षय तृतीया का महत्व कम नहीं हुआ है। लोग आज भी इस दिन को शुभ मानते हैं और विभिन्न प्रकार के शुभ कार्य करते हैं। इस दिन सोना खरीदने की परंपरा आज भी बहुत लोकप्रिय है। इसके अलावा, लोग निवेश करना, नया व्यवसाय शुरू करना, घर खरीदना, या अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेना पसंद करते हैं।

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    अक्षय तृतीया सिर्फ एक तिथि नहीं है, बल्कि यह एक भावना है। यह सकारात्मकता, आशा और शाश्वत समृद्धि का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि शुभ कर्मों का फल कभी नष्ट नहीं होता और हमेशा हमारे जीवन में बना रहता है। इस दिन को श्रद्धा, विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा के साथ मनाना चाहिए ताकि हम अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त कर सकें।

    अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएं!

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