निर्जला एकादशी की, महत्वपूर्ण जानकारी

Important information about Nirjala Ekadashi

किस दिन रखा जाता है निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi का व्रत? नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है। 

  • पंचांग के अनुसार, हर माह में दो एकादशी आती हैं एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। 
  • हर एकादशी का अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। 
  • इन्हीं में से एक है निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi, जो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। 
  • जानकारी शुरू करने से पहले आपको बताना चाहते हैं की इस साल निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi 6 जून को पूरे भारत में मनाई जाएगी। 

निर्जला एकादशी को सबसे कठिन व्रत रखा जाता है

  • निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पूरे दिन और रात बिना जल ग्रहण किए रहना पड़ता है। 
  • यानी न तो अन्न खाया जाता है और न ही पानी पिया जाता है। 
  • इसी कारण इसका नाम “निर्जला” पड़ा है। 
  • यह व्रत शारीरिक रूप से कठिन जरूर होता है, लेकिन धार्मिक मान्यता है की इस व्रत को करने से व्यक्ति को सभी एकादशियों के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
  • पौराणिक कथा के अनुसार, भीमसेन ने भगवान व्यास जी से पूछा था की वह सभी एकादशियों का व्रत नहीं कर पाते, तो उन्हें क्या करना चाहिए। 
  • तब व्यास जी ने उन्हें निर्जला एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी और कहा की यह एक व्रत सभी एकादशियों के व्रत के बराबर फल देता है।

इस दिन क्या कुछ करना चाहिए 

इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु जी की प्रतिमा को पीले पुष्प, तुलसी के पत्तों, फल, धूप और दीप से पूजन करना चाहिए। दिनभर भक्ति में लीन रहकर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करना उत्तम माना जाता है।

निर्जला एकादशी Nirjala Ekadashi का व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। मान्यता है की इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। जो लोग सभी एकादशियों का पालन नहीं कर सकते, उनके लिए यह एक व्रत संपूर्ण फलदायी होता है।

निष्कर्ष

तों दोस्तों इस प्रकार, निर्जला एकादशी केवल व्रत ही नहीं, बल्कि आत्मसंयम, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक भी है। यह हमें सिखाता है की कठोर तपस्या और भक्ति से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस जानकारी को जरूर फॉलो करें और आप भी व्रत रखें।

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