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    Mangal Dosha Remedies: Understanding and Overcoming Mars’ Influence

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    मंगल दोष निवारण: मंगल के प्रभाव को समझना और उससे पार पाना

    मंगल दोष: यह शब्द सुनते ही कई लोगों के मन में चिंता और भय उत्पन्न हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष को एक महत्वपूर्ण योग माना जाता है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन और स्वभाव पर पड़ सकता है। लेकिन क्या मंगल दोष वास्तव में इतना भयावह है? और क्या इसका कोई निवारण संभव है? इस लेख में हम मंगल दोष के बारे में विस्तार से जानेंगे और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

    मंगल दोष क्या है?

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में मंगल ग्रह लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है, तो मंगल दोष बनता है। इन भावों में मंगल की उपस्थिति को विवाह और वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि मंगल दोष केवल इन भावों में मंगल की स्थिति से ही नहीं, बल्कि मंगल की राशि, अंश और उस पर पड़ने वाले अन्य ग्रहों के प्रभाव पर भी निर्भर करता है।

    मंगल दोष के प्रभाव:

    मंगल दोष को लेकर कई प्रकार की मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ प्रमुख प्रभाव जो अक्सर मंगल दोष से जुड़े माने जाते हैं:

    • विवाह में देरी या बाधा: मंगल दोष होने पर विवाह में देरी हो सकती है या विवाह के लिए उपयुक्त साथी खोजने में कठिनाई आ सकती है।
    • वैवाहिक जीवन में कलह और तनाव: यह माना जाता है कि मंगल दोष वैवाहिक जीवन में असहमति, झगड़े और तनाव का कारण बन सकता है।
    • क्रोध और आक्रामकता: मंगल दोष व्यक्ति के स्वभाव में क्रोध, आक्रामकता और जल्दबाजी बढ़ा सकता है।
    • दुर्घटनाओं की आशंका: कुछ ज्योतिषियों का मानना ​​है कि मंगल दोष दुर्घटनाओं और चोटों की संभावना को बढ़ा सकता है।
    • स्वास्थ्य समस्याएं: मंगल दोष कुछ स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे रक्त संबंधी विकार, बुखार आदि से भी जुड़ा हुआ माना जाता है।
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    यह समझना महत्वपूर्ण है कि:

    • मंगल दोष हमेशा नकारात्मक परिणाम नहीं देता। यह कुंडली के अन्य ग्रहों और भावों की स्थिति पर भी निर्भर करता है।
    • मंगल दोष को एक ‘दोष’ के बजाय ‘प्रभाव’ मानना अधिक उचित है। यह मंगल ग्रह का एक विशेष प्रभाव है जिसे उचित उपायों से कम किया जा सकता है।
    • सभी मंगल दोष समान रूप से हानिकारक नहीं होते। कुछ प्रकार के मंगल दोष कम प्रभावी होते हैं, जबकि कुछ अधिक प्रभावशाली हो सकते हैं।

    मंगल दोष निवारण के उपाय:

    ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

    1. ज्योतिषीय उपाय:

    • मंगल शांति पूजा: मंगल शांति पूजा एक विशेष पूजा है जो मंगल ग्रह को शांत करने और उसके अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए की जाती है। यह पूजा किसी योग्य पंडित द्वारा विधि-विधान से करानी चाहिए।
    • हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी को मंगल ग्रह का देवता माना जाता है। नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा, हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना मंगल दोष को शांत करने में सहायक होता है।
    • मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप: मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप, जैसे "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः", मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।
    • मूंगा रत्न धारण करना: ज्योतिषी की सलाह पर मूंगा रत्न धारण करना मंगल दोष में लाभकारी हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि रत्न हमेशा विशेषज्ञ की सलाह पर ही धारण करने चाहिए।
    • यंत्रों का प्रयोग: मंगल यंत्रों का प्रयोग भी मंगल दोष निवारण में सहायक माना जाता है।
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    2. जीवनशैली और व्यवहार संबंधी उपाय:

    • क्रोध पर नियंत्रण: मंगल दोष वाले व्यक्तियों को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। योग और ध्यान जैसी तकनीकों से क्रोध को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
    • अनुशासन और समय प्रबंधन: अनुशासित जीवनशैली और समय का सही प्रबंधन मंगल के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।
    • सकारात्मक दृष्टिकोण: सकारात्मक सोच और आशावादी दृष्टिकोण अपनाने से मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
    • दान-पुण्य: मंगलवार के दिन लाल रंग की वस्तुओं का दान करना, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना मंगल दोष को शांत करने में सहायक होता है।
    • विवाह के लिए सावधानी: मंगल दोष वाले व्यक्ति को मंगल दोष रहित या कम मंगल दोष वाले जीवनसाथी का चुनाव करना चाहिए। कुंडली मिलान के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

    विशेष उपाय:

    • कुंभ विवाह/विष्णु विवाह: अगर किसी व्यक्ति को अत्यधिक मंगल दोष है, तो ज्योतिष कुछ विशेष परिस्थितियों में कुंभ विवाह या विष्णु विवाह जैसे प्रतीकात्मक विवाहों का सुझाव दे सकते हैं। यह विवाह वास्तव में किसी व्यक्ति या वस्तु से कराया जाता है न कि मनुष्य से।
    • मंगल दोष निवारक व्रत: कुछ विशेष व्रत और उपवास भी मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

    निष्कर्ष:

    मंगल दोष एक ज्योतिषीय योग है जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ सकता है, विशेषकर वैवाहिक जीवन पर। हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि मंगल दोष निवारण के लिए कई ज्योतिषीय और जीवनशैली संबंधी उपाय उपलब्ध हैं। दोष के भय से घबराने के बजाय, सकारात्मक दृष्टिकोण और उचित उपायों के माध्यम से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करना संभव है।

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    महत्वपूर्ण सलाह:

    • मंगल दोष के बारे में अधिक जानकारी और सटीक उपायों के लिए हमेशा किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें।
    • इंटरनेट या अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर पूरी तरह से निर्भर न रहें।
    • दोष के नाम से भयभीत न हों, बल्कि उसे सकारात्मक रूप से लेते हुए निवारण के उपायों पर ध्यान दें।
    • यह याद रखें कि ज्योतिष एक मार्गदर्शन है, अंतिम निर्णय आपका है और कर्म ही सबसे बड़ा उपाय है।

    मंगल दोष निवारण के उपायों को अपनाकर आप मंगल के सकारात्मक प्रभावों को जीवन में ला सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

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