सोमवती अमावस्या के दिन, हमें क्या करना चाहिए

On the day of Somvati Amavasya, what should we do

सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya पर हमें क्या कुछ करना चाहिए? नमस्कार दोस्तों, आज हम ऐसे दिन के बारे में बात करने वाले हैं जोकि भगवान शिव जी को समर्पित है। 

  • हम बात कर रहे हैं सोमवार की अमावस्या के बारे में। 
  • इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि जब अमावस्या सोमवार के दिन आती है, तब इसका प्रभाव और भी ज्यादा फलदायी हो जाता है।

ज्येष्ठ माह की अमावस्या किस दिन है

  • साल 2025 में यह पवित्र त्यौहार जोकि भगवान शिव जी को अर्पित होता है 26 मई को पूरे देश में मनाया जाएगा। 
  • पूरे साल में काफी सारी अमावस्या आती है लेकिन यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। 
  • इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।

सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya पर क्या करें

  • स्नान का महत्व:- इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना, या सरयू में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर नदी में स्नान संभव न हो तो घर में नहाते टाइम थोड़ा सा गंगाजल बाल्टी में मिला दीजिए। 
  • दान का महत्व:- स्नान के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तांबे के बर्तन, तिल, घी, और दक्षिणा का दान करें। यह कर्म पितरों को प्रसन्न करता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
  • भगवान शिव की आराधना:- इस दिन भगवान शिव की पूजा करना बहुत फलदायक माना गया है। जल, बेलपत्र, दूध, दही और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • पीपल के पेड़ की पूजा:- इस पवित्र दिन पर हमें पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए, ऐसा करने से हमें लाभ मिलता है।
  • पितृ तर्पण:- इस दिन पितरों के नाम पर तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya पर पवित्र नदी में स्नान करने के बाद भगवान शिव जी की आराधना करनी चाहिए और फिर दान करना चाहिए।अतः इस 26 मई को आप भी धर्म-कर्म करके अपने जीवन को पवित्र और सुखमय बनाएं।

निष्कर्ष

आपको बताना चाहते हैं की इस साल 2025 में सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya का त्यौहार 26 मई को मनाया जाएगा। इस दिन हमें नदी में स्नान करने के बाद भगवान शिव जी की आराधना जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा हमें इस दिन दान करने का कार्य जरूर करना चाहिए। इसके अलावा पितरों का आशीर्वाद लेना चाहिए।

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