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    Onam Festival Astrology: Decoding the Cosmic Significance

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    ओणम ज्योतिष: ब्रह्मांडीय महत्व को समझना

    केरल का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक ओणम, न केवल एक रंगारंग उत्सव है बल्कि इसमें ज्योतिषीय और ब्रह्मांडीय महत्व भी निहित है। यह त्योहार, जो राजा महाबली के स्वागत और भगवान विष्णु के वामन अवतार की स्मृति में मनाया जाता है, वास्तव में प्रकृति, खगोल विज्ञान और आध्यात्मिक मान्यताओं का एक सुंदर मिश्रण है। ज्योतिष के लेंस से देखने पर, ओणम का समय और इसके रीति-रिवाज गहरी ब्रह्मांडीय ऊर्जा और ज्योतिषीय सिद्धांतों के साथ जुड़े हुए प्रतीत होते हैं।

    ओणम की पौराणिक कथा और उसका खगोलीय आधार:

    ओणम की कथा प्रसिद्ध राजा महाबली और भगवान विष्णु के वामन अवतार के इर्द-गिर्द घूमती है। कहा जाता है कि महाबली, एक शक्तिशाली असुर राजा थे, लेकिन अपनी प्रजा के प्रति अत्यंत न्यायप्रिय और उदार थे। देवताओं को उनकी बढ़ती शक्ति से डर लगने लगा, इसलिए उन्होंने भगवान विष्णु से मदद मांगी। विष्णु ने वामन अवतार धारण किया और महाबली से तीन पग भूमि दान में मांगी। वामन ने एक ही पग में पृथ्वी और दूसरे में स्वर्ग को नाप लिया, और तीसरे पग के लिए जब कोई जगह नहीं बची तो महाबली ने अपना सिर आगे कर दिया। विष्णु ने उन्हें पाताल लोक भेज दिया, लेकिन उनकी उदारता और प्रजा प्रेम से प्रसन्न होकर, उन्हें वर्ष में एक बार अपनी प्रजा से मिलने के लिए पृथ्वी पर वापस आने का वरदान दिया।

    ओणम का त्योहार राजा महाबली के इसी वार्षिक आगमन का उत्सव है। यह समय ज्योतिषीय रूप से सिंह राशि से कन्या राशि में सूर्य के संक्रमण के साथ मेल खाता है। यह संक्रमण काल प्रकृति में बदलाव का प्रतीक है – मानसून के बाद का मौसम, फसल का समय, और नई शुरुआत का संकेत।

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    ज्योतिषीय दृष्टि से ओणम का महत्व:

    • सूर्य का संक्रमण और ऊर्जा: सिंह राशि में सूर्य ऊर्जा, शक्ति और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करता है। कन्या राशि में प्रवेश एक अधिक व्यावहारिक, संगठित और पृथ्वी तत्व से जुड़ी ऊर्जा को दर्शाता है। ओणम का समय इस ऊर्जा बदलाव का प्रतीक है, जो जीवन में संतुलन और नए लक्ष्यों की ओर बढ़ने का संकेत देता है।
    • फसल का समय और समृद्धि: ओणम फसल उत्सव भी है। यह समय केरल में भरपूर फसल का होता है। ज्योतिष में, बृहस्पति ग्रह समृद्धि, प्रचुरता और सौभाग्य का कारक माना जाता है। ओणम का समय अक्सर बृहस्पति की अनुकूल स्थिति के साथ जुड़ा होता है, जो अच्छी फसल और समृद्धि का प्रतीक है।
    • विष्णु और वामन अवतार: भगवान विष्णु को ब्रह्मांड के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है। वामन अवतार उनकी कृपा और भक्तों की रक्षा करने की शक्ति का प्रतीक है। ज्योतिष में, विष्णु की पूजा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता को आकर्षित करने में सहायक मानी जाती है। ओणम के दौरान विष्णु की पूजा और वामन अवतार की कथा का स्मरण करना, भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति और सुरक्षा प्रदान करता है।
    • महाबली की वापसी और सकारात्मकता: राजा महाबली की कथा न्याय, उदारता और प्रजा प्रेम का प्रतीक है। उनकी वापसी का जश्न मनाना सकारात्मक ऊर्जा और आशावाद का प्रतीक है। ज्योतिष में, सकारात्मक ग्रहों का प्रभाव जीवन में खुशी, सद्भाव और समृद्धि लाता है. ओणम का उत्सव सकारात्मकता और शुभता को बढ़ावा देता है।
    • रंगोली (पूक्कलम) और ऊर्जा केंद्र: ओणम के दौरान फूलों से रंगोली (पूक्कलम) बनाई जाती है। रंगों का ज्योतिष और चक्रों से गहरा संबंध है। विभिन्न रंगों का उपयोग करके पूक्कलम बनाना शरीर और आसपास के वातावरण में ऊर्जा केंद्रों को सक्रिय करने का एक तरीका माना जा सकता है। यह सकारात्मक और सामंजस्यपूर्ण ऊर्जा उत्पन्न करता है।
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    ओणम के रीति-रिवाजों का ज्योतिषीय महत्व:

    • ओणम साध्या (समारोहिक भोजन): विविध प्रकार के व्यंजनों से युक्त ओणम साध्या प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है। ज्योतिष में, उत्तम भोजन और तृप्ति को खुशी और संतुष्टि से जोड़ा जाता है।
    • वल्लमकली (नौका दौड़): नौका दौड़ ऊर्जा, उत्साह और प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है। यह सामूहिक प्रयास और टीमवर्क को दर्शाता है, जो ज्योतिषीय रूप से सामाजिक सद्भाव और सहयोग को बढ़ावा देता है।
    • ओनाप्पट्टु (ओणम गीत) और नृत्य: पारंपरिक गीत और नृत्य आनंद, उत्सव और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं। संगीत और नृत्य मन को शांत और सकारात्मक बनाते हैं, जो ज्योतिषीय रूप से मानसिक और भावनात्मक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    निष्कर्ष:

    ओणम केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, प्रकृति और ज्योतिष का एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखने पर, ओणम का समय और इसके रीति-रिवाज गहरी ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं से जुड़े हुए हैं। यह त्योहार हमें परिवर्तन को स्वीकार करने, सकारात्मक रहने, प्रचुरता का जश्न मनाने और अपने आध्यात्मिक मूल्यों को याद रखने का संदेश देता है। ओणम का उत्सव हमें ब्रह्मांडीय लय के साथ जुड़ने और जीवन के विभिन्न पहलुओं में संतुलन और समृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है। इसलिए, इस वर्ष ओणम मनाते समय, इसके ज्योतिषीय महत्व को भी याद रखें और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ तालमेल बिठाकर इस त्योहार के गहरे अर्थ को समझें।

    ओणम की शुभकामनाएं!

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