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    बसंत पंचमी – शुभ कार्यों का स्वर्णिम अवसर या नहीं?

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    क्या बसंत पंचमी पर विवाह से मिलेगा दांपत्य जीवन का सुख?

    बसंत पंचमी, जो इस वर्ष 2 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी, को हिंदू धर्म में शुभ कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से शादी, मुंडन, नामकरण, गृह-प्रवेश और खरीदारी जैसे मांगलिक कार्य किए जाते हैं।

    बसंत पंचमी का महत्व

    • अबूझ मुहूर्त: बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त होता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन किसी भी समय विवाह जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी शादी में कोई रुकावट आ रही है
    • आशीर्वाद: मान्यता है कि इस दिन विवाह करने वाले जातकों को सभी देवी-देवताओं का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनका बंधन सात जन्मों तक स्थायी रहता है

    पूजा और परंपराएँ

    • मां सरस्वती की पूजा: इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है, जो ज्ञान और कला की देवी मानी जाती हैं। इसके साथ ही कामदेव की भी पूजा होती है, जो प्रेम और विवाह का प्रतीक हैं
    • शिव और पार्वती का तिलकोत्सव: पौराणिक कथाओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का तिलकोत्सव हुआ था, जिससे यह दिन विवाह के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है

    निष्कर्ष

    इस प्रकार, बसंत पंचमी का दिन शादी या अन्य शुभ कार्यों के लिए अत्यधिक उपयुक्त माना जाता है। यदि आप इस दिन शादी करने की योजना बना रहे हैं, तो यह एक अच्छा समय होगा, क्योंकि यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी।

    अचार्य अभय शर्मा एक अनुभवी वेदांताचार्य और योगी हैं, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय आध्यात्मिकता का गहन अध्ययन और अभ्यास किया है। वेद, उपनिषद, और भगवद्गीता के विद्वान होने के साथ-साथ, अचार्य जी ने योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की राह दिखाने का कार्य किया है। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत के सिद्धांतों की सरल व्याख्या मिलती है, जो साधारण लोगों को भी गहरे आध्यात्मिक अनुभव का मार्ग प्रदान करती है।