Author: अचार्य अभय शर्मा

अचार्य अभय शर्मा एक अनुभवी वेदांताचार्य और योगी हैं, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय आध्यात्मिकता का गहन अध्ययन और अभ्यास किया है। वेद, उपनिषद, और भगवद्गीता के विद्वान होने के साथ-साथ, अचार्य जी ने योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की राह दिखाने का कार्य किया है। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत के सिद्धांतों की सरल व्याख्या मिलती है, जो साधारण लोगों को भी गहरे आध्यात्मिक अनुभव का मार्ग प्रदान करती है।

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Nineteenth Chapter | नवदश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच-तत्त्वविज्ञानसन्दंश-मादाय हृदयोदरात्। ना नाविधपरामर्श-शल्योद्धारः कृतो मया॥१९- १॥ राजा जनक कहते हैं – तत्त्व-विज्ञान की चिमटी द्वारा विभिन्न प्रकार के सुझावों...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Eighteenth Chapter | अष्टादश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –यस्य बोधोदये तावत्-स्वप्नवद् भवति भ्रमः।तस्मै सुखैकरूपायनमः शान्ताय तेजसे॥१८- १॥ अष्टावक्र कहते हैं – जिस बोध का उदय होने पर,...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Seventeenth Chapter | सप्तदश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच – तेन ज्ञानफलं प्राप्तंयोगाभ्यासफलं तथा।तृप्तः स्वच्छेन्द्रियो नित्यंएकाकी रमते तु यः॥१७- १॥ अष्टावक्र कहते हैं – उन्होंने ज्ञान और योग...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Sixteenth Chapter | षोडश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच – आचक्ष्व शृणु वा तातनानाशास्त्राण्यनेकशः।तथापि न तव स्वास्थ्यंसर्वविस्मरणाद् ऋते॥१६- १॥ श्री अष्टावक्र कहते हैं – हे प्रिय, विद्वानों से...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Fifteenth Chapter – पंचदश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –यथातथोपदेशेन कृतार्थः सत्त्वबुद्धिमान्।आजीवमपि जिज्ञासुःपरस्तत्र विमुह्यति॥१५- १॥ श्रीअष्टावक्र कहते हैं – सात्विक बुद्धि से युक्त मनुष्य साधारण प्रकार के उपदेश...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Fourteenth Chapter | चतुर्दश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच –प्रकृत्या शून्यचित्तो यःप्रमादाद् भावभावनः।निद्रितो बोधित इव क्षीण-संस्मरणो हि सः॥१४- १॥ श्रीजनक कहते हैं – जो स्वभाव से ही...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Thirteenth Chapter | त्रयोदश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच-अकिंचनभवं स्वास्थ्यं कौपीनत्वेऽपि दुर्लभं।त्यागादाने विहायास्माद-हमासे यथासुखम्॥१३- १॥ श्री जनक कहते हैं – अकिंचन(कुछ अपना न) होने की सहजता केवल...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Twelfth Chapter | द्वादश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच –कायकृत्यासहः पूर्वंततो वाग्विस्तरासहः।अथ चिन्तासहस्तस्माद् एवमेवाहमास्थितः॥१२- १॥ श्री जनक कहते हैं – पहले मैं शारीरिक कर्मों से निरपेक्ष (उदासीन)...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Eleventh Chapter | एकादश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –भावाभावविकारश्चस्वभावादिति निश्चयी।निर्विकारो गतक्लेशःसुखेनैवोपशाम्यति॥११- १॥ श्री अष्टावक्र कहते हैं – भाव(सृष्टि, स्थिति) और अभाव(प्रलय, मृत्यु) रूपी विकार स्वाभाविक हैं,...

The Quintessential Guide to Ramcharitmanas: An Epic Testament of Devotion

Meta Description: Dive into our definitive guide on Ramcharitmanas, exploring its profound chaupais, prashnavali, and authorship, and the beauty of this sacred text available in Hindi PDF format. Learn who...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Tenth Chapter | दशम अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच – विहाय वैरिणं कामम-र्थं चानर्थसंकुलं।धर्ममप्येतयोर्हेतुंसर्वत्रा ना दरं कुरु॥१०- १॥ श्री अष्टावक्र कहते हैं –  कामना और अनर्थों के...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Ninth Chapter | नवम अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –कृताकृते च द्वन्द्वानिकदा शान्तानि कस्य वा।एवं ज्ञात्वेह निर्वेदाद् भवत्यागपरोऽव्रती॥९- १॥ श्री अष्टावक्र कहते हैं – यह कार्य करने...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Eighth Chapter | अष्टम अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –तदा बन्धो यदा चित्तंकिन्चिद् वांछति शोचति।किंचिन् मुंचति गृण्हातिकिंचिद् हृ ष्यति कुप्यति॥८-१॥ श्री अष्टावक्र कहते हैं – तब बंधन...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Seventh Chapter | सप्तम अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच – मय्यनंतमहांभोधौविश्वपोत इतस्ततः।भ्रमति स्वांतवातेन नममास्त्यसहिष्णुता॥७- १॥ राजा जनक कहते हैं – मुझ अनंत महासागर में विश्व रूपी जहाज...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Sixth chapter | षष्ठ अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –आकाशवदनन्तोऽहंघटवत् प्राकृतं जगत्।इति ज्ञानं तथैतस्यन त्यागो न ग्रहो लयः॥६- १॥ अष्टावक्र कहते हैं – आकाश के समान मैं...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Fifth Chapter | पंचम अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –न ते संगोऽस्ति केनापिकिं शुद्धस्त्यक्तुमिच्छसि।संघातविलयं कुर्वन्-नेवमेव लयं व्रज॥५- १॥ अष्टावक्र कहते हैं – तुम्हारा किसी से भी संयोग...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Fourth Chapter | चतुर्थ अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच – हन्तात्म ज्ञस्य धीरस्यखेलतो भोगलीलया।न हि संसारवाहीकै-र्मूढैः सह समानता॥४- १॥ अष्टावक्र कहते हैं – स्वयं को जानने वाला...

Ashtavakra Gita | Ashtavakra Samhita

The Ashtavakra Gita, also known as the Ashtavakra Samhita, is a classical Sanskrit scripture. It is a conversation between the sage Ashtavakra and King Janaka. The text is a profound...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Third Chapter | तृतीय अध्याय

Ashtavakra Gita – Third Chapter Translation in English अष्टावक्र गीता – तृतीय अध्याय का हिंदी में अनुवाद अष्टावक्र गीता का तीसरा अध्याय निम्नलिखित है: अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी...

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Second Chapter | द्वितीय अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच –अहो निरंजनः शान्तोबोधो ऽ हं प्रकृतेः परः ।एतावंतमहं कालंमोहेनैव विडम्बितः ॥ २-१ ॥ राजा जनक कहते हैं –...