Author name: abhaykrsingh06

Twentieth Chapter विंश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Twentieth Chapter | विंश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच –क्व भूतानि क्व देहो वाक्वेन्द्रियाणि क्व वा मनः।क्व शून्यं […]

Nineteenth Chapter नवदश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Nineteenth Chapter | नवदश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच-तत्त्वविज्ञानसन्दंश-मादाय हृदयोदरात्। ना नाविधपरामर्श-शल्योद्धारः कृतो मया॥१९- १॥ राजा जनक कहते

Eighteenth Chapter अष्टादश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Eighteenth Chapter | अष्टादश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –यस्य बोधोदये तावत्-स्वप्नवद् भवति भ्रमः।तस्मै सुखैकरूपायनमः शान्ताय तेजसे॥१८- १॥

Seventeenth Chapter सप्तदश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Seventeenth Chapter | सप्तदश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच – तेन ज्ञानफलं प्राप्तंयोगाभ्यासफलं तथा।तृप्तः स्वच्छेन्द्रियो नित्यंएकाकी रमते तु

Sixteenth Chapter षोडश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Sixteenth Chapter | षोडश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच – आचक्ष्व शृणु वा तातनानाशास्त्राण्यनेकशः।तथापि न तव स्वास्थ्यंसर्वविस्मरणाद् ऋते॥१६-

Fifteenth Chapter – पंचदश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Fifteenth Chapter – पंचदश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता(हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –यथातथोपदेशेन कृतार्थः सत्त्वबुद्धिमान्।आजीवमपि जिज्ञासुःपरस्तत्र विमुह्यति॥१५- १॥ श्रीअष्टावक्र कहते हैं

Fourteenth Chapter चतुर्दश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Fourteenth Chapter | चतुर्दश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच –प्रकृत्या शून्यचित्तो यःप्रमादाद् भावभावनः।निद्रितो बोधित इव क्षीण-संस्मरणो हि

Thirteenth Chapter त्रयोदश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Thirteenth Chapter | त्रयोदश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच-अकिंचनभवं स्वास्थ्यं कौपीनत्वेऽपि दुर्लभं।त्यागादाने विहायास्माद-हमासे यथासुखम्॥१३- १॥ श्री जनक

Twelfth Chapter द्वादश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Twelfth Chapter | द्वादश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) जनक उवाच –कायकृत्यासहः पूर्वंततो वाग्विस्तरासहः।अथ चिन्तासहस्तस्माद् एवमेवाहमास्थितः॥१२- १॥ श्री जनक

Eleventh Chapter | एकादश अध्याय
Ashtavakra Gita

Ashtavakra Gita | अष्टावक्र गीता – Eleventh Chapter | एकादश अध्याय

अष्टावक्र गीता(मूल संस्कृत) अष्टावक्र गीता (हिंदी भावानुवाद) Ashtavakra Gita (English) अष्टावक्र उवाच –भावाभावविकारश्चस्वभावादिति निश्चयी।निर्विकारो गतक्लेशःसुखेनैवोपशाम्यति॥११- १॥ श्री अष्टावक्र कहते हैं

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