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गणेश चतुर्थी 2024: गणपति की स्थापना करते समय इन 4 महत्वपूर्ण गलतियों से बचें और पाएं बप्पा का आशीर्वाद

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गणेश चतुर्थी 2024 – गणपति स्थापना के समय ध्यान देने योग्य बातें

क्या आप गणेश चतुर्थी 2024 पर गणपति की सही स्थापना करना चाहते हैं? जानिए वे 4 गलतियां जो आपको इस शुभ अवसर पर करने से बचना चाहिए।

गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश की स्थापना और पूजा का समय है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन भी कराता है। हालांकि, गणपति की स्थापना के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान न रखने से पूजा का फल कम हो सकता है। इस लेख में हम आपको गणेश चतुर्थी 2024 के दौरान गणपति की स्थापना करते समय की जाने वाली 4 महत्वपूर्ण गलतियों के बारे में बताएंगे, जिन्हें आपको अवश्य टालना चाहिए।

1. स्थापना के लिए सही मुहूर्त का चयन न करना

मुहूर्त का महत्व: हिंदू धर्म में मुहूर्त का बहुत बड़ा महत्व है। किसी भी पूजा या धार्मिक अनुष्ठान का फल तब तक पूर्ण नहीं माना जाता जब तक वह सही समय पर न किया जाए। गणेश चतुर्थी पर गणपति की स्थापना के लिए भी शुभ मुहूर्त का चयन अत्यंत आवश्यक है। सही मुहूर्त पर गणपति की स्थापना करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। अगर आप बिना मुहूर्त के गणपति की स्थापना कर रहे हैं, तो यह एक बड़ी गलती हो सकती है। इसलिए, गणेश चतुर्थी से पहले ही पंडित या ज्योतिषी से सलाह लेकर शुभ मुहूर्त का चयन करें।

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2. गणपति की मूर्ति का गलत चयन

मूर्ति का महत्व: गणेश चतुर्थी पर गणपति की मूर्ति का चयन करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करें कि मूर्ति मिट्टी की हो। मिट्टी की मूर्ति पर्यावरण के लिए अनुकूल होती है और विसर्जन के समय इसे जल में घुलने में कोई कठिनाई नहीं होती। इसके अलावा, गणपति की मूर्ति का आकार और डिजाइन भी महत्वपूर्ण है। सूंड की दिशा का भी ध्यान रखें—गणपति की सूंड का बाईं ओर होना शुभ माना जाता है। यह आपकी पूजा को सफल और फलदायी बनाने के लिए जरूरी है।

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3. पूजा स्थल का चयन सही न होना

पूजा स्थल का महत्व: गणपति की स्थापना के लिए घर में सही स्थान का चयन भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणपति की मूर्ति को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिशा में स्थापना करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और बप्पा का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही, गणपति की मूर्ति को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ सभी सदस्य आसानी से पूजा कर सकें और उस स्थान पर स्वच्छता भी बनी रहे। गणपति की मूर्ति को दरवाजे या खिड़की के पास न रखें, इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है।

4. विसर्जन के दौरान लापरवाही

विसर्जन का महत्व: गणेश चतुर्थी के समापन पर गणपति विसर्जन का विशेष महत्व है। विसर्जन के समय गणपति से विदाई की प्रार्थना करते हुए उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करना चाहिए। कई बार लोग विसर्जन के दौरान लापरवाही बरतते हैं और मूर्ति को किसी भी जलाशय में विसर्जित कर देते हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है और पूजा का सही फल भी नहीं मिलता। गणपति विसर्जन के लिए कृत्रिम जलाशयों का उपयोग करें, ताकि पर्यावरण संरक्षित रहे और बप्पा की कृपा भी बनी रहे।

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निष्कर्ष

गणेश चतुर्थी का पर्व हर भारतीय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस पावन अवसर पर भगवान गणेश को अपने घर लाने और उनकी पूजा करने से हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन होता है। लेकिन इस पर्व की शुभता को बनाए रखने के लिए गणपति की स्थापना और पूजा के दौरान इन 4 महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। सही मुहूर्त का चयन, सही मूर्ति का चयन, पूजा स्थल का सही चयन, और विसर्जन की प्रक्रिया का सही पालन—ये सभी चीजें आपके गणेश चतुर्थी को सफल और मंगलमय बना सकती हैं।

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इस बार गणेश चतुर्थी पर इन गलतियों से बचें और बप्पा का आशीर्वाद पाएं!

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अचार्य अभय शर्मा एक अनुभवी वेदांताचार्य और योगी हैं, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय आध्यात्मिकता का गहन अध्ययन और अभ्यास किया है। वेद, उपनिषद, और भगवद्गीता के विद्वान होने के साथ-साथ, अचार्य जी ने योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की राह दिखाने का कार्य किया है। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत के सिद्धांतों की सरल व्याख्या मिलती है, जो साधारण लोगों को भी गहरे आध्यात्मिक अनुभव का मार्ग प्रदान करती है।

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