30 अप्रैल को कैसे करें तुलसी माता को खुश? नमस्कार दोस्तों, साल 2025 में अक्षय तृतीया का त्यौहार 30 अप्रैल को मनाया जा रहा है।
- इस बार अक्षय तृतीया Akshaya Tritiya पर कुछ खास करना चाहते हैं तो फिर जानकारी को जरूर पढ़ें।
- इसे ‘अविनाशी तिथि’ भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन किया गया दान, जप, तप और पूजा कभी भी व्यर्थ नहीं जाता।
- इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा की जाती है और साथ ही मां तुलसी की उपासना का भी विशेष महत्व होता है।
पवित्र दिन पर तुलसी के पौधे की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए
- अक्षय तृतीया Akshaya Tritiya के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है, वरना पूजा का फल नकारात्मक रूप में भी मिल सकता है।
- सबसे पहले ध्यान रखें की इस दिन तुलसी को गलती से भी नहीं तोड़ना चाहिए।
- शास्त्रों के अनुसार तुलसी देवी का पत्ता तोड़ना इस दिन अशुभ माना जाता है क्योंकि यह दिन पूर्णतः पूजन और भक्ति का दिन होता है।
- इसके अलावा तुलसी के पौधे को गंदे हाथों से छूना वर्जित माना गया है।
- पूजा से पहले स्नान करना और शुद्ध होकर ही तुलसी को जल अर्पित करना चाहिए।
- बिना स्नान किए तुलसी को जल चढ़ाना धर्मविरुद्ध माना जाता है और इससे पूजा का फल नहीं प्राप्त होता।
साफ सफाई से करें सभी कार्य
तुलसी के पौधे के आसपास इस दिन किसी भी प्रकार के गंदगी यानी की कोई बेकार कपड़ा या फिर मिट्टी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा पौधे के आसपास जूते चप्पल रखना पौधे का अपमान करना माना जाता है।
इस दिन मां तुलसी की उपासना करते समय काले वस्त्र पहनने से बचें। शास्त्रों में काले रंग को तामसिक प्रवृत्ति का प्रतीक माना गया है, और यह दिन सात्विकता का होता है। इसलिए हल्के, सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करें।
इस दिन को हिंदू धर्म और ज्योतिष के हिसाब से काफी ज्यादा पवित्र माना जाता है। तुलसी के साथ-साथ भगवान गणेश का भी यह एक प्रकार का पवित्र दिन होता है इसीलिए नियम का पालन जरूर करना चाहिए।
निष्कर्ष
अक्षय तृतीया Akshaya Tritiya के दिन अगर आप दिल से पूजा पाठ करते हैं तो सभी लोक के देवता आपके ऊपर कृपा बरसाने को तैयार हो जाते हैं। इसीलिए यह हर एक व्यक्ति के जीवन को आसानी से बदल सकता है। आपको भी हमारी जानकारी को जरूर फॉलो करना चाहिए।