
क्या आप लोग परिक्रमा Parikrama करने के बारे में जानते हैं? नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में परिक्रमा Parikrama का विशेष महत्व माना गया है।
- परिक्रमा Parikrama का अर्थ होता है किसी पवित्र स्थल, देवी-देवता या पूजनीय व्यक्ति के चारों ओर घूमना।
- यह एक श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होता है, जिसे प्रदक्षिणा भी कहा जाता है।
- परिक्रमा Parikrama करने की प्रक्रिया हमेशा बाहिनी तरफ से शुरू होती है।
यह एक आध्यात्मिक साधना होती है
- परिक्रमा Parikrama करना केवल शारीरिक गतिविधि नहीं होती, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साधना होती है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
- यह हमारे मन, वचन और कर्म को पवित्र करने का एक माध्यम है।
- मंदिरों में, विशेष रूप से पूजा-पाठ के बाद परिक्रमा Parikrama करने की परंपरा बहुत ही प्रचलित है।
- भक्तगण देवी-देवताओं की मूर्ति के चारों ओर घूमकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
- आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की सभी देवी-देवताओं की परिक्रमा Parikrama पूरी की जाती है, लेकिन भगवान शिव जी की परिक्रमा Parikrama केवल आधी की जाती है।
- ऐसा करने के पीछे धार्मिक मान्यता है की भगवान शिव जी के शरीर में ‘सोमसूत्र’ नामक एक पवित्र रेखा होती है, जिसे लांघना वर्जित माना गया है।
- यह रेखा शिवलिंग के ठीक पीछे होती है, और इसी कारण भक्त शिवलिंग की पूरी परिक्रमा Parikrama न करके आधी परिक्रमा Parikrama करते हैं।
आधी परिक्रमा Parikrama को चंद्राकार परिक्रमा Parikrama बोला जाता है
इस आधी परिक्रमा Parikrama को चंद्राकार परिक्रमा Parikrama कहा जाता है, क्योंकि यह अर्धचंद्र के आकार की होती है। भक्त शिवलिंग के सामने से शुरू करते हुए एक ओर से घूमते हैं और पीछे की ओर से लौटकर वहीं समाप्त करते हैं। इससे शिव के प्रति श्रद्धा भी बनी रहती है और धार्मिक नियमों का भी पालन होता है।
आपको बताना चाहते हैं की हिंदू धर्म में शिवलिंग को ज्योति माना गया है। इसके अलावा उसके आसपास के क्षेत्र को चंद्र के नाम से जाना जाता है। आपने आसमान में अर्द्ध चंद्र के ऊपर की तरफ एक शुक्र तारा जरुर महसूस किया होगा। हिंदू धर्म में शिवलिंग उसी का प्रतीक होता है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों, हिंदू धर्म में यह मान्यता है की परिक्रमा Parikrama करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। यह मन को शांति और आत्मा को शुद्धता प्रदान करता है। इसलिए जब भी आप किसी मंदिर जाएं, तो परिक्रमा Parikrama अवश्य करें, लेकिन धार्मिक मर्यादाओं का पालन करते हुए, जय भोलेनाथ।
