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लक्ष्मी पूजा 2024: तिथि, महत्व और समृद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा विधि

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lakshmi Puja

लक्ष्मी पूजा का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जो देवी लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी, की आराधना का पर्व है। 2024 में लक्ष्मी पूजा [यहां तारीख जोड़ें] को मनाई जाएगी। सही मुहूर्त और विधि के साथ लक्ष्मी पूजा करना न केवल आर्थिक समृद्धि लाता है बल्कि पारिवारिक सुख और शांति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि लक्ष्मी पूजा इतनी महत्वपूर्ण क्यों है, और इसे करने का सही तरीका क्या है? आइए, इस महत्वपूर्ण पर्व के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं को जानें और देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस अनुष्ठान का पालन करें।

Pradosh Kaal Muhurat

Lakshmi Puja on Friday, November 1, 2024

Lakshmi Puja Muhurat – 17:36 to 18:16

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Duration – 00 Hours 41 Mins

Pradosh Kaal – 17:36 to 20:11

Vrishabha Kaal – 18:20 to 20:15

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Lakshmi Puja Muhurat without Sthir Lagna

Amavasya Tithi Begins – 15:52 on Oct 31, 2024

Amavasya Tithi Ends – 18:16 on Nov 01, 2024

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Panchang for Lakshmi PujaChoghadiya Muhurat on Lakshmi Puja


Lakshmi Puja Muhurat in Other Cities

18:54 to 20:33, Oct 31 – Pune

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17:36 to 18:16 – New Delhi

17:42 to 18:16 – Chennai

17:44 to 18:16 – Jaipur

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17:44 to 18:16 – Hyderabad

17:37 to 18:16 – Gurgaon

17:35 to 18:16 – Chandigarh

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17:45 to 18:16 – Kolkata

18:57 to 20:36, Oct 31 – Mumbai

18:47 to 20:21, Oct 31 – Bengaluru

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18:52 to 20:35, Oct 31 – Ahmedabad

17:35 to 18:16 – Noida

* Muhurat timings for other cities are local time of respective cities

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Nishita Kaal Muhurat

Lakshmi Puja Muhurat – None

Mahanishita Kaal – 23:39 to 00:31, Nov 02

Simha Kaal – 00:50 to 03:07, Nov 02

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Amavasya Tithi doesn’t overlap with Nishita

Amavasya Tithi Begins – 15:52 on Oct 31, 2024

Amavasya Tithi Ends – 18:16 on Nov 01, 2024

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Panchang for Lakshmi Puja Choghadiya Muhurat on Lakshmi Puja

Choghadiya Puja Muhurat

Auspicious Choghadiya Muhurat for Diwali Lakshmi Puja

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Morning Muhurat (Chara, Labha, Amrita) – 06:33 to 10:42

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Afternoon Muhurat (Chara) – 16:13 to 17:36

Afternoon Muhurat (Shubha) – 12:04 to 13:27

लक्ष्मी पूजा का महत्व: धन और शांति प्राप्त करने का मार्ग

लक्ष्मी पूजा दिवाली के तीसरे दिन अमावस्या को मनाई जाती है। यह दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार सबसे अंधेरी रात मानी जाती है, लेकिन इसी रात को देवी लक्ष्मी का प्रकाश घर-घर में समृद्धि का आशीर्वाद लेकर आता है। लक्ष्मी केवल धन की देवी नहीं हैं, बल्कि वे सौंदर्य, अनुग्रह और ज्ञान की प्रतीक भी हैं। लक्ष्मी पूजा के द्वारा भक्त उनसे न केवल भौतिक धन की बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और समग्र समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।

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लक्ष्मी पूजा व्यापार और वाणिज्य से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि जो लोग इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक करते हैं, उनके घर से दरिद्रता दूर होती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। देवी लक्ष्मी न केवल धन देती हैं, बल्कि उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और संतोष का अनुभव होता है।

लक्ष्मी पूजा 2024: शुभ मुहूर्त (शुभ काल)

किसी भी पूजा में सही समय का बहुत महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में की जानी चाहिए, जो सूर्यास्त के बाद लगभग दो घंटे और 24 मिनट तक चलता है। 2024 में लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त [यहां सही समय जोड़ें] के बीच है। इस दौरान पूजा करने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

प्रदोष काल के अलावा कुछ लोग निशीथ काल में भी पूजा करना पसंद करते हैं, जो तंत्र आधारित अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त माना जाता है। ध्यान रहे कि राहुकाल के समय पूजा न करें, क्योंकि इसे किसी भी धार्मिक कार्य के लिए अशुभ माना जाता है।

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लक्ष्मी पूजा कैसे करें: चरण-दर-चरण विधि

लक्ष्मी पूजा करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चरणों का पालन करना आवश्यक है ताकि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। यहां लक्ष्मी पूजा करने की विस्तृत विधि दी गई है:

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  1. शुद्धिकरण (शुद्धि): पूजा शुरू करने से पहले घर और पूजा स्थान को अच्छी तरह से साफ करें। देवी लक्ष्मी साफ और सुव्यवस्थित स्थानों में निवास करती हैं। पूजा स्थल को गंगाजल या हल्दी मिले हुए पानी से शुद्ध करें।
  2. मंदिर की स्थापना: एक ऊंचे स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र रखें। उनके साथ भगवान गणेश और कुबेर की प्रतिमा भी रखें, क्योंकि लक्ष्मी पूजा में इनकी भी पूजा होती है।
  3. दीया और फूल अर्पण: घी या तेल का दीपक जलाकर देवी को अर्पित करें। पूजा स्थल को ताजे फूलों से सजाएं, विशेषकर कमल और गेंदे के फूलों का प्रयोग करें, जो देवी लक्ष्मी को प्रिय हैं।
  4. मंत्र जाप और लक्ष्मी स्तोत्र: लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली या अन्य पवित्र मंत्रों का जाप करें। ये मंत्र अत्यधिक शक्तिशाली होते हैं और देवी लक्ष्मी की उपस्थिति को जागृत करते हैं।
  5. नैवेद्य अर्पण: देवी को मिठाई, फल और विशेष रूप से बनाए गए व्यंजन जैसे खीर, लड्डू या हलवा अर्पित करें। थोड़े से चावल और हल्दी का टीका भी लगाएं, जो धन का प्रतीक होता है।
  6. लक्ष्मी आरती: अंत में लक्ष्मी आरती करें, जिसमें दीपक को देवी के सामने घुमाते हुए उनकी स्तुति की जाती है। यह पूजा का समापन होता है और देवी को अपने घर में निवास करने के लिए आमंत्रित करता है।

देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

लक्ष्मी पूजा के दौरान भक्तों को कुछ जीवनशैली आदतों का भी पालन करना चाहिए ताकि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद घर में बना रहे:

  • घर को साफ और अव्यवस्थित रहित रखें: साफ-सुथरा घर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और देवी लक्ष्मी को आकर्षित करता है।
  • शाम के समय दीप जलाएं: शाम को दीपक जलाना ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है, जो नकारात्मकता और अज्ञानता को दूर करता है।
  • दान करें: जरूरतमंदों को दान देना देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है।
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लक्ष्मी पूजा के आध्यात्मिक और भौतिक लाभ

लक्ष्मी पूजा के आध्यात्मिक लाभ केवल धन प्राप्ति तक सीमित नहीं हैं। जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उनके जीवन में मानसिक शांति और संतोष का अनुभव होता है। इस सकारात्मक ऊर्जा के साथ, आर्थिक स्थिरता, अच्छे स्वास्थ्य और विभिन्न प्रयासों में सफलता भी प्राप्त होती है।

लक्ष्मी पूजा अच्छाई पर बुराई, प्रकाश पर अंधकार और ज्ञान पर अज्ञान की विजय का प्रतीक है। इस पूजा को करने से न केवल भौतिक धन की प्राप्ति होती है, बल्कि परिवार में मानसिक शांति और सामंजस्य भी आता है।

दीपावली और लक्ष्मी पूजा का शाश्वत संबंध

लक्ष्मी पूजा और दीपावली का गहरा संबंध है। दीपावली भगवान राम की अयोध्या वापसी का उत्सव है, जो अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। इसी प्रकार, लक्ष्मी पूजा प्रकाश (ज्ञान और धन) की अज्ञानता और दरिद्रता पर विजय का प्रतीक है। दीपावली पर दीप जलाने की परंपरा देवी लक्ष्मी के आगमन का मार्ग प्रशस्त करती है, जिससे घर में खुशहाली और समृद्धि आती है। इसलिए, दीप जलाना न केवल एक परंपरा है बल्कि यह दिव्य ऊर्जा को आमंत्रित करने का शक्तिशाली तरीका है।

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लक्ष्मी पूजा एक पवित्र और शक्तिशाली अनुष्ठान है, जो भक्तों को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का अवसर देता है। सही विधि, समय और श्रद्धा के साथ इस पूजा को करने से घर में धन, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। 2024 की लक्ष्मी पूजा आपके जीवन में समृद्धि और खुशहाली लेकर आए, और आपके भविष्य के लिए उज्जवल रास्ता प्रशस्त करे!

अचार्य अभय शर्मा एक अनुभवी वेदांताचार्य और योगी हैं, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय आध्यात्मिकता का गहन अध्ययन और अभ्यास किया है। वेद, उपनिषद, और भगवद्गीता के विद्वान होने के साथ-साथ, अचार्य जी ने योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की राह दिखाने का कार्य किया है। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत के सिद्धांतों की सरल व्याख्या मिलती है, जो साधारण लोगों को भी गहरे आध्यात्मिक अनुभव का मार्ग प्रदान करती है।

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