
ज्योतिष शास्त्र में नीम Neem का क्या महत्व होता है? नमस्कार दोस्तों, नीम Neem को आयुर्वेद में एक अद्भुत प्राकृतिक औषधि के रूप में जाना जाता है।
- यह सिर्फ एक पेड़ नहीं, बल्कि सेहत और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है।
- नीम Neem की पत्तियों, छाल, बीज और फूलों का उपयोग हजारों वर्षों से विभिन्न बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है।
- लेकिन इसका महत्व सिर्फ आयुर्वेद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी इसका विशेष स्थान है।
ज्योतिष शास्त्र में नीम Neem का महत्व
- ऐसा माना जाता है की नीम Neem की सहायता से शनि और मंगल जैसे प्रभावशाली ग्रहों के अशुभ प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
- खासकर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के समय नीम Neem के उपाय बेहद लाभकारी माने जाते हैं।
- अगर आपकी कुंडली में शनि या मंगल के कारण कष्ट आ रहे हैं तो नीम Neem से जुड़ी कुछ विशेष क्रियाएं आपके लिए राहतदायक हो सकती हैं।
- नीम Neem की लकड़ी से अग्नि में हवन करना शनि ग्रह की शांति के लिए अति प्रभावशाली माना जाता है।
- इसके लिए नीम Neem की सूखी लकड़ियों को शनिवार के दिन हवन सामग्री में मिलाकर अग्नि में अर्पित करें।
- इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाले संकट कम होते हैं।
शनिवार को नीम Neem का जल चढ़ाएं
हर शनिवार के दिन नीम Neem के पत्तों को जल में डालकर और फिर उस जल को शनि देव जी की मूर्ति या शनि शिला पर अर्पित करें। ऐसा करने से शनि के कुप्रभाव कम होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।
हर शनिवार और मंगलवार को नीम Neem के पेड़ के नीचे जल अर्पित करें और चमेली के तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय मंगल दोष को भी शांत करता है और घर में पवित्र ऊर्जा बनी रहती है।
घर में पोछा भी लगा सकते हैं
नीम Neem की पत्तियों को उबालकर उससे आप घर में पोछा भी लगा सकते हैं। इसके अलावा आप जल का छिड़काव भी कर सकते हैं। इस उपाय को करने से नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है और मंगल और शनि दोनों को शांत किया जा सकता है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों नीम Neem न केवल एक औषधीय पेड़ है, बल्कि आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत शक्तिशाली है। यदि नियमित रूप से नीम Neem से जुड़े ये उपाय किए जाएं, तो ग्रहों के दोष शांत होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
