एकादशी और रविवार के दिन, नहीं छूना चाहिए तुलसी का पौधा

On Ekadashi and Sunday, one should not touch the Tulsi plant

कौन-कौन से दिन तुलसी के पौधे Tulsi Plant को नहीं छूना चाहिए? नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको बताने जा रहे है की हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे Tulsi Plant को क्यों और कब नहीं छूना चाहिए। 

  • जैसा की आप जानते है की तुलसी का पौधा Tulsi Plant हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। 
  • इसे देवी लक्ष्मी जी का स्वरूप और भगवान विष्णु जी की प्रिय माना गया है। 
  • यही कारण है की अधिकतर हिंदू परिवारों में घर के आंगन या मंदिर में तुलसी का पौधा Tulsi Plant अवश्य लगाया जाता है।

तुलसी वाली जगह पर हमेशा सब शांति रहती है 

  • शास्त्रों के अनुसार, जहां तुलसी का वास होता है, वहां सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। 
  • यह पौधा न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर भी होता है। 
  • लेकिन दोस्तों, जितना पवित्र यह पौधा माना गया है, उतनी ही सावधानी भी इसके संबंध में बरतनी चाहिए।
  • एकादशी के दिन तुलसी को न छूने का नियम आज हम आपको बताने वाले है। 
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन माता तुलसी जी स्वयं भगवान विष्णु जी के लिए व्रत रखती है। 
  • इस दिन तुलसी जी का ध्यान केवल भगवान विष्णु जी की सेवा और भक्ति में लगा रहता है। 
  • इसलिए इस दिन तुलसी के पौधे Tulsi Plant को छूना, जल चढ़ाना या पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है। 
  • ऐसा करने से पुण्य की जगह पाप का भागी बनना पड़ सकता है।

रविवार के दिन भी तुलसी के पौधे Tulsi Plant को नहीं छूना चाहिए

रविवार को तुलसी माता जी का विश्राम होता है। इस हिसाब से रविवार के दिन तुलसी माता जी विश्राम करती है। इस दिन उन्हें किसी भी प्रकार की पूजा, जल अर्पण या पत्ते तोड़ने की मनाही होती है। कहा जाता है की रविवार को तुलसी जी को छूने से दोष लगता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है। यह जानकारी बहुत ही काम की है और आप इसको एक बार अपने घर में जरूर फॉलो करें, ऐसा करने से आपको फायदा होगा।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, यदि आप अपने घर में तुलसी का पौधा Tulsi Plant रखते है, तो इन नियमों का विशेष रूप से पालन करें। एकादशी और रविवार को तुलसी माता जी को न छूकर उनका सम्मान करें और भगवान विष्णु जी की कृपा बनाए रखें। ऐसे में आपके घर में हमेशा सुख, शांति और समृद्धि बनी रहेगी। जय तुलसी माता जी ! जय श्री हरि जी।

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