षटतिला एकादशी 2025: क्या झाड़ू लगाने से घटता है पुण्य?

षटतिला एकादशी पर झाड़ू लगाने का महत्व

धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन घर की स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। षटतिला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है, और इस दिन घर में साफ-सफाई करना शुभ माना जाता है। हालांकि, झाड़ू लगाने को लेकर कुछ विशेष नियम और भ्रांतियां भी प्रचलित हैं।

झाड़ू लगाने से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

  1. सफाई और पवित्रता का महत्व:
    • एकादशी पर घर को साफ-सुथरा रखना आवश्यक है क्योंकि यह दिन पवित्रता और सात्विकता का प्रतीक है।
    • झाड़ू लगाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
  2. समय का ध्यान रखें:
    • एकादशी के दिन सुबह झाड़ू लगाना शुभ माना जाता है।
    • सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से धार्मिक दृष्टि से घर की लक्ष्मी चली जाती है।
  3. झाड़ू लगाने के बाद:
    • झाड़ू लगाकर कूड़ा-कचरा तुरंत बाहर फेंक देना चाहिए।
    • घर को साफ करने के बाद तिल और गंगाजल का छिड़काव करना पवित्रता बढ़ाता है।

क्या झाड़ू लगाना निषेध है?

  • कुछ लोग मानते हैं कि एकादशी पर झाड़ू नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि इससे घर में लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
  • लेकिन यह पूरी तरह से एक भ्रांति है। धर्मशास्त्रों में कहीं भी झाड़ू लगाने की मनाही का उल्लेख नहीं है।
  • सफाई करने का मुख्य उद्देश्य घर को पवित्र और स्वच्छ रखना है, जो व्रत के प्रभाव को सकारात्मक बनाता है।

सावधानियां:

  1. झाड़ू लगाते समय ध्यान रखें कि किसी प्रकार का शोर न हो।
  2. इसे सुबह के समय करें और कचरा तुरंत हटा दें।
  3. झाड़ू को धार्मिक दृष्टि से अपवित्र नहीं मानें।
See also  पंचांग 7 फरवरी 2025 | आज के दिन का सही उपयोग करें!

निष्कर्ष:

षटतिला एकादशी पर झाड़ू लगाना पूरी तरह से शुभ है, जब तक इसे सही समय और तरीके से किया जाए। यह घर की स्वच्छता को बनाए रखने के साथ-साथ धार्मिक रूप से भी लाभकारी है। भगवान विष्णु का व्रत और पूजा तभी सफल होती है, जब घर और मन दोनों पवित्र हों। इसलिए, झाड़ू लगाएं और इसे स्वच्छता और सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक के रूप में अपनाएं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top