क्या आप लोग स्कंद षष्ठी Skanda Sashti के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जानते है? नमस्कार दोस्तों, हम आपको बताना चाहते है की स्कंद षष्ठी Skanda Sashti का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है।
- यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव जी और माता पार्वती जी के पुत्र भगवान कार्तिकेय जी को समर्पित होता है।
- दक्षिण भारत में इस पर्व को बहुत ही उत्साह, श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है।
भगवान कार्तिकेय जी को अन्य नाम से भी जाना जाता है
- भगवान कार्तिकेय जी को मुरुगन, स्कंद, शक्तिधर और सुब्रमण्यन जैसे नामों से भी जाना जाता है।
- उन्हें देवताओं के सेनापति के रूप में पूजा जाता है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय ने असुरों का वध करके देवताओं को मुक्ति दिलाई थी।
- इसी कारण से उन्हें विजय और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है।
- स्कंद षष्ठी Skanda Sashti के दिन भक्त व्रत, उपवास और विशेष पूजा करते है।
- इस दिन भगवान कार्तिकेय जी की कृपा पाने के लिए लोग शुद्ध मन से पूजा करते है और शत्रुओं पर विजय, रोगों से मुक्ति तथा संतान सुख की कामना करते है।
- ऐसा विश्वास है की स्कंद षष्ठी Skanda Sashti की पूजा करने से सभी संकट दूर होते है और जीवन में सफलता और समृद्धि आती है।
इस दिन दक्षिण भारत में यह सब होता है
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष स्कंद षष्ठी Skanda Sashti का पर्व 30 जून 2025, यानी की आज के दिन मनाया जा रहा है। इस दिन विशेष पूजा विधि के अंतर्गत भगवान कार्तिकेय जी को दूध, फल, फूल और बेलपत्र अर्पित किए जाते है। दक्षिण भारत में विशेष रूप से तमिलनाडु और केरल में इस दिन मंदिरों में भव्य आयोजन होते है और श्रद्धालु धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते है।
यह पर्व न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोगों में धैर्य, साहस और भक्ति भाव को भी जागृत करता है। इसलिए दोस्तों, अगर आप भी अपने जीवन में विजय और सफलता चाहते है तो स्कंद षष्ठी Skanda Sashti के दिन भगवान कार्तिकेय जी की पूजा जरूर करें, जय स्कंद देव।
इस दिन मंत्रो का जाप कर सकते है
इस दिन आप कुछ मंत्रो का भी जाप कर सकते है जैसे की ॐ शरवणभवाय नमः।। और ॐ कार्तिकेयाय नमः।। मंत्रो का जाप कर सकते है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों, आपको बताना चाहते है की साल 2025 में स्कंद षष्ठी Skanda Sashti का त्यौहार आज यानी की 30 जून को मनाया जा रहा है। इस दिन को दक्षिण भारत में काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है।