वीर नूरी जिन्न सिद्धि मंत्र जाप और तांत्रिक साधना का रहस्य।

वीर नूरी जिन्न सिद्धि: कैसे पाएं जिन्न का साथ और उनकी शक्तियों का वरदान?

क्या आप जिन्न को अपने अधीन करना चाहते हैं? जानें तंत्र मंत्र सिद्धि के अद्भुत रहस्य और साधना के अनसुने तरीके!

वीर नूरी जिन्न सिद्धि: तंत्र मंत्र के रहस्य और सवाल-जवाब

क्या आप भी रहस्यमयी तंत्र मंत्र साधना में रुचि रखते हैं? क्या आपको वीर नूरी जिन्न सिद्धि के बारे में जानने की इच्छा है? यह लेख आपको इस प्राचीन और रहस्यमयी साधना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देगा, जो आपकी जिज्ञासा को शांत करने के साथ-साथ आपको एक अनोखी यात्रा पर ले जाएगा। वीर नूरी जिन्न सिद्धि एक तांत्रिक साधना है, जिसमें जिन्न को अपने अधीन किया जाता है और उसकी शक्तियों का उपयोग किया जाता है। आइए, इस साधना से जुड़े कुछ सवाल-जवाबों के माध्यम से इसके रहस्यों को जानें।

सवाल 1: वीर नूरी जिन्न सिद्धि क्या है?

उत्तर: वीर नूरी जिन्न सिद्धि एक प्रकार की तांत्रिक साधना है, जिसमें साधक एक विशेष जिन्न को बुलाकर उसे अपने वश में करने का प्रयास करता है। जिन्न को बुलाने के लिए मंत्र, पूजा सामग्री, और विशेष विधियों का प्रयोग किया जाता है। यह साधना 21 दिनों तक लगातार की जाती है और इसमें विशेष मंत्रों का जाप करके जिन्न को प्रकट करने का प्रयास किया जाता है।

    सवाल 2: वीर नूरी जिन्न सिद्धि के लिए कौन से मंत्र का प्रयोग किया जाता है?

    उत्तर: इस साधना में मुख्य मंत्र है: “ऐन उल हक ये जेतान!”
    इस मंत्र का जाप रात के 10 बजे के बाद किया जाता है। साधक को 21 माला (माला में 108 मोतियों की गणना होती है) का जाप करना होता है। इस मंत्र का जाप 21 दिन तक लगातार करना आवश्यक है ताकि जिन्न प्रकट हो सके।

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    सवाल 3: इस साधना के दौरान कौन-कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

    उत्तर: तंत्र मंत्र सिद्धि के दौरान कुछ खास सावधानियाँ रखनी चाहिए:

    • साधना करते समय प्याज, लहसुन, और तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
    • साधना के स्थान को शुद्ध और निर्जन रखें।
    • सुरक्षा के लिए पहले से सुलेमानी रक्षा मंत्र का जाप करके एक घेरा बना लें।
    • साधना के दौरान ध्यान मुद्रा में बैठना चाहिए और मन को एकाग्र करना चाहिए।

    सवाल 4: जिन्न की साधना के लिए कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?

    उत्तर: वीर नूरी जिन्न सिद्धि के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

    • करबा करेला: हींग भरकर इसका उपयोग किया जाता है और इसे मंत्र जाप के दौरान पश्चिम दिशा में फेंकना होता है।
    • सुलेमानी रक्षा मंत्र: सुरक्षा के लिए इस मंत्र का जाप करना होता है।
    • हवन सामग्री: हवन के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जिससे वातावरण शुद्ध और शक्तिशाली बना रहे।
    • जल और दीपक: साधना के दौरान जल और दीपक का उपयोग किया जाता है।

    सवाल 5: वीर नूरी जिन्न सिद्धि के लिए विशेष समय का चयन क्यों महत्वपूर्ण है?

    उत्तर: इस साधना को नौचंदी शुक्रवार के दिन शुरू करने की सलाह दी जाती है। यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इसके दौरान साधना को 21 दिनों तक लगातार किया जाता है। तांत्रिक विद्या में यह समय अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन का ऊर्जा स्तर विशेष होता है जो साधना की सफलता को बढ़ाता है।

    सवाल 6: जिन्न के प्रकट होने के बाद क्या होता है?

    उत्तर: जब जिन्न 21 दिन की साधना के बाद प्रकट होता है, तो वह साधक से कुछ सवाल पूछता है। अगर साधक इन सवालों के सही उत्तर दे देता है, तो जिन्न “आफरीन आफरीन” कहकर साधक को वरदान मांगने के लिए कहता है। साधक जिन्न से मनचाही वस्तु, धन, सुंदरता, या किसी अन्य चीज़ की प्राप्ति का वरदान मांग सकता है।

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    सवाल 7: वीर नूरी जिन्न सिद्धि साधना में सफलता कैसे प्राप्त की जा सकती है?

    उत्तर: साधना की सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण है साधक का संकल्प और दृढ़ता। साधना को निरंतरता और ध्यान के साथ करना चाहिए, और सभी नियमों का पालन करना चाहिए। इसके अलावा, साधना के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता से बचना चाहिए और साधना स्थल को पवित्र रखना चाहिए।

    सवाल 8: क्या तंत्र मंत्र सिद्धि का कोई विशेष खतरा होता है?

    उत्तर: हाँ, तंत्र मंत्र सिद्धि का अभ्यास करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह एक जोखिम भरा और गूढ़ अभ्यास है, जिसमें गलतियाँ खतरनाक हो सकती हैं। साधना में चूक होने पर आत्मा और मन को नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए इसे केवल उन लोगों को करना चाहिए जो तंत्र मंत्र में निपुण हैं और जिनके पास इस क्षेत्र का ज्ञान और अनुभव है।

    अंतिम विचार: क्या आप तैयार हैं?

    वीर नूरी जिन्न सिद्धि एक रहस्यमयी और आकर्षक तांत्रिक साधना है, लेकिन इसे बहुत सावधानी और समर्पण के साथ किया जाना चाहिए। यदि आप इस साधना को करने का निर्णय लेते हैं, तो पहले इसकी गहरी समझ प्राप्त करें और सुनिश्चित करें कि आप इसके सभी आवश्यक नियमों और सावधानियों का पालन कर रहे हैं।

    अचार्य अभय शर्मा

    अचार्य अभय शर्मा एक अनुभवी वेदांताचार्य और योगी हैं, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय आध्यात्मिकता का गहन अध्ययन और अभ्यास किया है। वेद, उपनिषद, और भगवद्गीता के विद्वान होने के साथ-साथ, अचार्य जी ने योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की राह दिखाने का कार्य किया है। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत के सिद्धांतों की सरल व्याख्या मिलती है, जो साधारण लोगों को भी गहरे आध्यात्मिक अनुभव का मार्ग प्रदान करती है।

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