
क्या आप लोग अपरा एकादशी Apara Ekadashi के बारे में जानना चाहते हैं? नमस्कार दोस्तों, हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है, और उनमें भी अपरा एकादशी Apara Ekadashi एक अत्यंत पावन और फलदायी तिथि मानी जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी को समर्पित होती है। वैदिक ग्रंथों के अनुसार, जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति भाव से इस दिन व्रत करता है, उसके सारे पापा का अंत हो जाता है।
अपरा एकादशी Apara Ekadashi 2025 में कब है?
- वर्ष 2025 में अपरा एकादशी Apara Ekadashi का व्रत 23 मई, शुक्रवार को रखा जाएगा।
- यह तिथि ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में आती है।
- इस वर्ष अपरा एकादशी Apara Ekadashi पर आयुष्मान और प्रीति योग का संयोग बन रहा है, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं।
- इन योगों में किया गया व्रत और पूजन विशेष फलदायी होता है।
- इस एकादशी पर व्रत रखने का सबसे बड़ा फायदा यही होता है की आपको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और एक बार फिर से आपके नए जीवन की शुरुआत हो जाती है।
- इस दिन व्रत रखने से ब्रह्महत्या, चोरी, झूठ और अन्य सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- यही कारण है की इसे अपरा एकादशी Apara Ekadashi कहा जाता है जिसका अर्थ है ‘जिसकी कोई सीमा नहीं’ अर्थात् अपार फल देने वाली एकादशी।
- यह दिन काफी ज्यादा खास माना जाता है।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र पर फूल, धूप, दीपक, तुलसी पत्र, पीले वस्त्र और पंचामृत अर्पित करें। विष्णु सहस्त्रनाम या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें। दिनभर उपवास रखें और रात को भगवान विष्णु की कथा सुनें।
आपको बताना चाहते हैं की पूरे साल में कई सारी एकादशी आती है। इनमें बहुत सारी एकादशी भगवान विष्णु जी को समर्पित होती है। इनमें से एक है अपरा एकादशी Apara Ekadashi और इस दिन भगवान विष्णु जी को खुश करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
अपरा एकादशी Apara Ekadashi का व्रत न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन भगवान विष्णु की भक्ति में लीन होने और आत्मा की शुद्धि के लिए श्रेष्ठ माना गया है। आप सभी को अपरा एकादशी Apara Ekadashi की हार्दिक शुभकामनाएं।
