क्या आप भी किचन में रोटी Roti गिनकर बनाते हैं? नमस्कार दोस्तों, भारतीय संस्कृति में रसोई घर को एक पवित्र स्थान माना गया है।
- यह न केवल भोजन बनाने का स्थान होता है, बल्कि यहां सकारात्मक ऊर्जा का भी वास होता है।
- हमारे शास्त्रों में रसोई से जुड़ी कई परंपराएं और मान्यताएं बताई गई हैं, जिनका पालन करना आवश्यक माना गया है।
- इन्हीं में से एक है रोटी Roti बनाने से जुड़ी खास मान्यता, जो वास्तु शास्त्र और धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
रोटी Roti का संबंध सूर्य देव के साथ होता है
- वास्तु शास्त्र के अनुसार रोटी Roti का संबंध सीधे तौर पर सूर्य देव से होता है।
- रोटी Roti अन्न का प्रतीक होती है, और अन्न को देवता का स्वरूप माना गया है।
- जब हम रोटी Roti बनाते हैं और उन्हें गिनकर बनाते हैं, तो यह सूर्य देव के प्रति अनादर माना जाता है।
- शास्त्रों में कहा गया है की अन्न की गिनती करना दरिद्रता को बुलावा देना है। ऐसा करने से घर की सुख-शांति पर असर पड़ता है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।
- रोटी Roti को गिनकर बनाना न केवल धार्मिक दृष्टि से अनुचित माना गया है, बल्कि यह व्यावसायिक और सामाजिक जीवन में भी बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।
- मान्यता है की इससे नौकरी में रुकावटें आती हैं या व्यापार में नुकसान हो सकता है।
- अगर घर में किसी भी प्रकार की परेशानी चल रही हो, तो इस आदत को सुधारने की सलाह दी जाती है।
रोटी Roti को हमेशा अनुमान के हिसाब से बनाना चाहिए
शास्त्रों में सुझाव दिया गया है की रोटी Roti हमेशा अनुमान से थोड़ी अधिक बनानी चाहिए। दो या चार रोटी Roti ज्यादा बना देने से घर में बरकत बनी रहती है और अतिथि सत्कार की भावना भी बनी रहती है। यदि कोई अतिथि अचानक आ जाए, तो उसके लिए भोजन की व्यवस्था सहजता से हो जाती है।
अतः दोस्तों, अगली बार जब आप रसोई में रोटी Roti बनाएं, तो उसे गिनकर न बनाएं। थोड़ा अतिरिक्त बनाएं, ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे और सूर्य देव की कृपा आप पर बनी रहे। यही हमारी सनातन संस्कृति की सुंदरता है, जिसमें छोटे-छोटे कर्मों से बड़ा फल प्राप्त होता है।
निष्कर्ष
दोस्तों यहां पर आपको बताया गया है की जब कभी भी हम किचन में रोटी Roti बनाते हैं तो हमेशा दो-चार रोटी Roti ज्यादा बना देनी चाहिए। कभी भी गिनकर रोटी Roti को नहीं बनाना चाहिए।
