thumbnail 2 9

यक्षिणी, 64 योगिनी, ब्रह्मराक्षस, पिशाच, दस महाविद्या, देवी मातंगी और बगलामुखी का तंत्र में महत्व

यक्षिणी, 64 योगिनी, ब्रह्मराक्षस, पिशाच, दस महाविद्या, देवी मातंगी, और बगलामुखी भारतीय तंत्र और शास्त्रों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

यक्षिणी और 64 योगिनी

यक्षिणी एक प्रकार की देवी है, जिन्हें विशेष रूप से धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। यक्षिणी साधना के माध्यम से साधक अलौकिक शक्तियों को प्राप्त कर सकते हैं।64 योगिनी, जिन्हें तंत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है, देवी काली के विभिन्न रूपों के रूप में देखी जाती हैं। ये सभी योगिनियाँ तंत्र विद्या से संबंधित हैं और साधकों को शक्तियों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करती हैं। इन योगिनियों का संबंध माता पार्वती की सखियों से भी जोड़ा जाता है

ब्रह्मराक्षस और पिशाच

ब्रह्मराक्षस और पिशाच भी तंत्र और भारतीय पौराणिक कथाओं में उल्लेखित भूत-प्रेत हैं। ब्रह्मराक्षस वे आत्माएँ होती हैं जो ज्ञान की खोज में असफल रहीं और इसीलिए उन्हें शापित किया गया। वहीं, पिशाच आमतौर पर नकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं, जो साधकों के लिए बाधा उत्पन्न कर सकते हैं

दस महाविद्या

दस महाविद्या तंत्र में दस शक्तिशाली देवीयों का समूह है, जिनमें काली, तारा, चिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला, और सिद्धिदात्री शामिल हैं। ये सभी देवीयाँ अलग-अलग शक्तियों और गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

देवी मातंगी और बगलामुखी

  • देवी मातंगी: मातंगी को ज्ञान और विद्या की देवी माना जाता है। वे विशेष रूप से तंत्र साधना में महत्वपूर्ण हैं और साधकों को उच्चतम ज्ञान प्रदान करती हैं।
  • बगलामुखी: बगलामुखी को वाणी और संचार की देवी माना जाता है। वे अपने भक्तों को विरोधियों से बचाने और वाणी में शक्ति प्रदान करने के लिए जानी जाती हैं.
See also  क्या आप जानते हैं योगिनी कौन हैं? आइए जानें तंत्र साधना की इन देवी शक्तियों के बारे में

इन सभी देवीयों और शक्तियों का उपयोग साधना में किया जाता है, जिससे साधक अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top