तिथि और वार:
- तिथि: शुक्ल पक्ष की अष्टमी
- वार: बुधवार
नक्षत्र और योग:
- नक्षत्र: भरणी (रात 8:33 बजे तक)
- योग: शुक्ल योग (रात 9:19 बजे तक)
सूर्योदय और सूर्यास्त:
- सूर्योदय: सुबह 6:31 बजे
- सूर्यास्त: शाम 6:06 बजे
शुभ और अशुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त:
- अमृत काल: सुबह 6:00 से 7:30 बजे
- शुभ समय: सुबह 9:00 से 10:30 बजे
- दोपहर लाभ काल: दोपहर 3:00 से 4:30 बजे
अशुभ मुहूर्त:
- राहुकाल: सुबह 7:30 से 9:00 बजे
- दिशाशूल: पूर्व एवं आग्नेय दिशा में
विशेष अवसर
5 फरवरी को दुर्गाष्टमी का व्रत मनाया जाएगा, जो विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है।इस दिन शुभ कार्य करने के लिए उपयुक्त समय का चयन करना महत्वपूर्ण है, विशेषकर राहुकाल के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य न करें

अचार्य अभय शर्मा एक अनुभवी वेदांताचार्य और योगी हैं, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय आध्यात्मिकता का गहन अध्ययन और अभ्यास किया है। वेद, उपनिषद, और भगवद्गीता के विद्वान होने के साथ-साथ, अचार्य जी ने योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की राह दिखाने का कार्य किया है। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत के सिद्धांतों की सरल व्याख्या मिलती है, जो साधारण लोगों को भी गहरे आध्यात्मिक अनुभव का मार्ग प्रदान करती है।