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महाकुंभ: विवाह के योग बनाने वाले अचूक उपाय

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महाकुंभ में ये कार्य करेगा आपकी शादी तय!

मंगल ग्रह, जिसे वैदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, को साहस, पराक्रम और शक्ति का कारक माना जाता है। यह ग्रह मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी होता है और इसे युद्ध का देवता भी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, मंगल ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ दोनों तरह से पड़ सकता है।

मंगल की विशेषताएँ

  • कारक तत्व: मंगल ऊर्जा, साहस, आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है।
  • भावनात्मक प्रभाव: जब मंगल कुंडली में शुभ स्थिति में होता है, तो यह जातक को लाभ और सफलता प्रदान करता है। वहीं, यदि यह अशुभ स्थिति में होता है, तो इससे संकट और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं

मांगलिक दोष

ज्योतिष के अनुसार, मांगलिक दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह जातक की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। यह दोष विवाह में देरी या दांपत्य जीवन में कठिनाइयों का कारण बन सकता है महाकुंभ के दौरान मांगलिक दोष का निवारण करने के लिए कई विशेष धार्मिक अनुष्ठान और उपाय किए जा सकते हैं। इन उपायों का उद्देश्य मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करना और विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करना है। यहाँ कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:

मांगलिक दोष का निवारण

  1. कुंभ विवाह:
    • मांगलिक व्यक्ति को कुंभ विवाह करने की सलाह दी जाती है, जिसमें वह केले, पीपल या भगवान विष्णु की मूर्ति से विवाह की प्रक्रिया पूरी करता है। यह उपाय मांगलिक दोष को समाप्त करने में मदद करता है
  2. उपवास:
    • मंगलवार के दिन उपवास रखना भी एक प्रभावी उपाय माना जाता है। इस दिन केवल तूर दाल का सेवन करना चाहिए
  3. नवग्रह मंत्र का जाप:
    • मंगलवार को नवग्रह मंत्र का जाप करना, विशेषकर मंगल मंत्र का, मांगलिक दोष से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है
  4. मंदिर में पूजा:
    • मंगल देव के मंदिरों में पूजा करना, विशेषकर मंगलवार के दिन, मांगलिक दोष को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। हनुमान जी की पूजा भी लाभकारी मानी जाती है
  5. दान:
    • मंगलवार को लाल दाल, लाल कपड़ा और लाल पत्थर जैसे वस्तुओं का दान देना भी इस दोष को कम करने में सहायक होता है
  6. शांति पूजा (भात पूजा):
    • मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए शांति पूजा या भात पूजा कराना आवश्यक होता है। यह विशेष रूप से त्र्यंबकेश्वर जैसे पवित्र स्थलों पर किया जाता है
  7. मंगल ग्रह की स्थिति:
    • यदि किसी की कुंडली में मंगल ग्रह मेष या वृश्चिक राशि में हो, तो यह भी मांगलिक दोष को समाप्त कर सकता है
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इन उपायों के माध्यम से महाकुंभ के अवसर पर मांगलिक दोष का निवारण किया जा सकता है, जिससे विवाह संबंधी बाधाएँ दूर हो सकती हैं।

अचार्य अभय शर्मा एक अनुभवी वेदांताचार्य और योगी हैं, जिन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय आध्यात्मिकता का गहन अध्ययन और अभ्यास किया है। वेद, उपनिषद, और भगवद्गीता के विद्वान होने के साथ-साथ, अचार्य जी ने योग और ध्यान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की राह दिखाने का कार्य किया है। उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत के सिद्धांतों की सरल व्याख्या मिलती है, जो साधारण लोगों को भी गहरे आध्यात्मिक अनुभव का मार्ग प्रदान करती है।

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